शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एचपी सर्विस सिलेक्शन कमीशन की तरफ से अयोग्य उम्मीदवारों को भी डॉक्यूमेंटेशन के लिए बुलाए जाने को गलत ठहराया है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने एचपी सर्विस सिलेक्शन कमीशन पर इस तरह की प्रक्रिया अपनाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. अदालत ने चयन के लिए बनाए गए नियमों में जरूरी संशोधन करने के आदेश भी जारी किए हैं. (Himachal High court)
अदालत ने ये आदेश इसलिए जारी किए हैं ताकि पात्रता रखने वाले उम्मीदवारों को ही अंतिम चयन के लिए शॉर्टलिस्ट किया जा सके. इसके अलावा हाईकोर्ट ने सेवाएं चयन आयोग को यह आदेश भी जारी किए हैं कि वह वेटिंग लिस्ट में से 3 पदों के लिए लिखित व स्क्रीनिंग टैस्ट के आधार पर पात्रता रखने वाले उम्मीदवारों को ही शॉर्टलिस्ट करे. साथ ही आदेश दिए हैं कि 10 जनवरी 2023 तक मेरिट में आने वाले उम्मीदवारों को जूनियर प्रोग्रामर की पोस्ट के लिए कंसीडर किया जाए.
ये भी पढ़ें: महिलाओं को मिलती रहेगी बस किराए में 50 फीसदी छूट, हाईकोर्ट ने खारिज की चुनौती याचिका