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स्कूलों में छात्र मनाएंगे परीक्षा पर्व, भारत सरकार की ओर से निर्देश जारी

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में छात्र परीक्षाओं को एक पर्व के रूप में मनाएंगे. भारत सरकार की ओर से परीक्षा पर्व मानने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस अभियान का उद्देश्य छात्रों का परीक्षा को लेकर नजरिया बदलना है.

schools of himachal
स्कूलों में छात्र मनाएंगे परीक्षा पर्व.
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Published : Jan 14, 2020, 11:17 PM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में छात्र परीक्षाओं को एक पर्व के रूप में मनाएंगे. छात्रों में परीक्षाओं के तनाव को दूर करने के लिए भारत सरकार की ओर से परीक्षा पर्व मानने के निर्देश जारी किए गए हैं.
स्कूलों में परीक्षा पर्व एक अभियान के तौर पर मनाया जाएगा. एग्जाम को लेकर छात्रों का डर भगा कर उन्हें परीक्षाओं को एक उत्सव के रूप में मनाने के लिए तैयार किया जाएगा.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एनसीपीसीआर ने शिक्षा विभाग को प्रदेश के स्कूलों में छात्रों की परीक्षा के दौरान परीक्षा पर्व अभियान को शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं. इस अभियान का उद्देश्य छात्रों का परीक्षा को लेकर नजरिया बदलना और अन्य पर्व की तरह परीक्षा पर्व को मनाने पर बल देना है.

schools of himachal
स्कूलों में छात्र परीक्षाओं को एक पर्व के रूप में मनाएंगे

परीक्षा पर्व के तहत राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और एससीईआरटी के सहयोग से स्कूलों में डाइट केंद्रों के प्रधानाचार्य, हेड, साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर को ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं.

वहीं, परीक्षा पर्व में छात्रों के तनाव और डर को भगाने के टिप्स देने के लिए एक लाइव सेशन की व्यवस्था भी की गई है. इसके साथ छात्रों के लिए वीडियो सेशन भी करवाए जाएंगे.

वीडियो रिपोर्ट.

उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिलों के उप निदेशकों, सरकारी स्कूलों व निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को छात्रों और शिक्षकों को परीक्षा अभियान से जोड़ने के निर्देश जारी किए गए हैं. परीक्षा पर्व के अभियान को बढ़ावा देने के लिए पांच फरवरी से 31 मार्च 2020 तक रेडियो पर जिंगल्स के माध्यम से जानकारी दी जाएगी. वहीं, 10 फरवरी से 31 मार्च तक फेसबुक ट्विटर और यूट्यूब पर भी जानकारी प्रदान की जाएगी.

ये भी पढ़ें: मकर सक्रांति पर लगा खिचड़ी का भंडारा, दहीं और देसी घी के साथ लोगों ने चखा स्वाद:

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में छात्र परीक्षाओं को एक पर्व के रूप में मनाएंगे. छात्रों में परीक्षाओं के तनाव को दूर करने के लिए भारत सरकार की ओर से परीक्षा पर्व मानने के निर्देश जारी किए गए हैं.
स्कूलों में परीक्षा पर्व एक अभियान के तौर पर मनाया जाएगा. एग्जाम को लेकर छात्रों का डर भगा कर उन्हें परीक्षाओं को एक उत्सव के रूप में मनाने के लिए तैयार किया जाएगा.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एनसीपीसीआर ने शिक्षा विभाग को प्रदेश के स्कूलों में छात्रों की परीक्षा के दौरान परीक्षा पर्व अभियान को शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं. इस अभियान का उद्देश्य छात्रों का परीक्षा को लेकर नजरिया बदलना और अन्य पर्व की तरह परीक्षा पर्व को मनाने पर बल देना है.

schools of himachal
स्कूलों में छात्र परीक्षाओं को एक पर्व के रूप में मनाएंगे

परीक्षा पर्व के तहत राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और एससीईआरटी के सहयोग से स्कूलों में डाइट केंद्रों के प्रधानाचार्य, हेड, साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर को ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं.

वहीं, परीक्षा पर्व में छात्रों के तनाव और डर को भगाने के टिप्स देने के लिए एक लाइव सेशन की व्यवस्था भी की गई है. इसके साथ छात्रों के लिए वीडियो सेशन भी करवाए जाएंगे.

वीडियो रिपोर्ट.

उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिलों के उप निदेशकों, सरकारी स्कूलों व निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को छात्रों और शिक्षकों को परीक्षा अभियान से जोड़ने के निर्देश जारी किए गए हैं. परीक्षा पर्व के अभियान को बढ़ावा देने के लिए पांच फरवरी से 31 मार्च 2020 तक रेडियो पर जिंगल्स के माध्यम से जानकारी दी जाएगी. वहीं, 10 फरवरी से 31 मार्च तक फेसबुक ट्विटर और यूट्यूब पर भी जानकारी प्रदान की जाएगी.

ये भी पढ़ें: मकर सक्रांति पर लगा खिचड़ी का भंडारा, दहीं और देसी घी के साथ लोगों ने चखा स्वाद:

Intro:स्कूलों में छात्र अब परीक्षाओं को भी एक पर्व के रूप में मनाएंगे। छात्रों के अंदर से परीक्षाओं के तनाव को दूर करने के लिए ओर परीक्षाओं का डर भगाने के लिए परीक्षा पर्व मानने के निर्देश भारत सरकार की ओर से जारी किए गए हैं। परीक्षा पर्व एक अभियान के तौर पर स्कूलों में चलाया जाएगा जिससे छात्रों का परीक्षाओं को लेकर डर भगा कर उन्हें परीक्षाओं को एक उत्सव के रूप में मनाने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके तहत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एनसीपीसीआर ने परीक्षा के दौरान परीक्षा पर अभियान की शुरुआत प्रदेश के स्कूलों में करने के निर्देश शिक्षा विभाग को जारी किए हैं। इस अभियान का उद्देश्य परीक्षा को लेकर छात्रों का नजरिया बदलना और जिस तरह से अन्य पर्व मनाए जाते हैं उसी प्रकार से परीक्षा पर्व को मनाने पर बल देना है।


Body:परीक्षा पर्व के तहत राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और एससीईआरटी के सहयोग से स्कूलों डाइट केंद्रों के प्रधानाचार्य व हेड को साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर को ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही एनसीपीसीआर की वेबसाइट पर शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी परीक्षा के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसकी जानकारी दी गई है। वहीं एक लाइव सेशन की व्यवस्था भी की गई है किस तरह से बच्चों के अंदर से परीक्षा के तनाव और डर को भगाया जा सकता है। इसके लिए वीडियो सेशन भी डाले गए हैं जिससे कि वीडियो को देखकर छात्रों को इस तरीके से तैयार किया जाए कि उनके अंदर से परीक्षाओं का डर भाग सके और बच्चे खुशी-खुशी अपनी परीक्षाएं दे सकें।


Conclusion:सरकार से आए निर्देशों के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से भी सभी जिला उप निदेशकों व सरकारी स्कूलों के साथ ही निजी स्कूलों के प्रधानाचार्य को छात्रों और शिक्षकों को परीक्षा अभियान से जोड़ने के निर्देश जारी किए हैं। इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए 5 फरवरी से 31 मार्च 2020 तक रेडियो के माध्यम से भी परीक्षा का तनाव को दूर करने के लिए जिंगल्स के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। वहीं 10 फरवरी से 31 मार्च तक फेसबुक ट्विटर और यू-ट्यूब पर भी इसे लेकर जानकारी प्रदान की जाएगी।
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