शिमला: प्रदेश के स्कूलों में छात्र परीक्षाओं को एक पर्व के रूप में मनाएंगे. छात्रों में परीक्षाओं के तनाव को दूर करने के लिए भारत सरकार की ओर से परीक्षा पर्व मानने के निर्देश जारी किए गए हैं.
स्कूलों में परीक्षा पर्व एक अभियान के तौर पर मनाया जाएगा. एग्जाम को लेकर छात्रों का डर भगा कर उन्हें परीक्षाओं को एक उत्सव के रूप में मनाने के लिए तैयार किया जाएगा.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एनसीपीसीआर ने शिक्षा विभाग को प्रदेश के स्कूलों में छात्रों की परीक्षा के दौरान परीक्षा पर्व अभियान को शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं. इस अभियान का उद्देश्य छात्रों का परीक्षा को लेकर नजरिया बदलना और अन्य पर्व की तरह परीक्षा पर्व को मनाने पर बल देना है.
परीक्षा पर्व के तहत राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और एससीईआरटी के सहयोग से स्कूलों में डाइट केंद्रों के प्रधानाचार्य, हेड, साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर को ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं, परीक्षा पर्व में छात्रों के तनाव और डर को भगाने के टिप्स देने के लिए एक लाइव सेशन की व्यवस्था भी की गई है. इसके साथ छात्रों के लिए वीडियो सेशन भी करवाए जाएंगे.
उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिलों के उप निदेशकों, सरकारी स्कूलों व निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को छात्रों और शिक्षकों को परीक्षा अभियान से जोड़ने के निर्देश जारी किए गए हैं. परीक्षा पर्व के अभियान को बढ़ावा देने के लिए पांच फरवरी से 31 मार्च 2020 तक रेडियो पर जिंगल्स के माध्यम से जानकारी दी जाएगी. वहीं, 10 फरवरी से 31 मार्च तक फेसबुक ट्विटर और यूट्यूब पर भी जानकारी प्रदान की जाएगी.
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