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IGMC में फर्जी दस्तावेज पर छात्र ने MBBS में लिया एडमिशन, NMC ने रिकॉर्ड चेक किया तो पकड़ा गया - आईजीएमसी में एमबीबीएस में फर्जी एडमिशन

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में एक फर्जीवाड़े का मामला सामने आया (Case of fake admission in IGMC) है. यह फर्जीवाड़ा एमबीबीएस में एडमिशन का है. दरअसल, एक छात्र ने फर्जी तरीके से एमबीबीएस में एडमिशन ले लिया. वहीं, मामला सामने आने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है.

Student took admission on fake documents in IGMC
Student took admission on fake documents in IGMC
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Published : Jan 3, 2023, 8:34 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मैडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में एमबीबीएस में फर्जी एडमिशन का एक मामला सामने आया (Student took admission on fake documents in IGMC) है. आरोपित छात्र ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा एमबीबीएस में प्रवेश के लिए करवाई गई प्रवेश परीक्षा (नीट) के रिजल्ट में ही छेड़छाड़ कर खुद ही फर्जी सर्टिफिकेट तैयार किया. इसी सर्टिफिकेट के आधार पर वह अटल मैडिकल विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी में आयोजित काउंसलिंग में शामिल हुआ. झूठे दस्तावेज के आधार पर उसका दाखिला आईजीएमसी शिमला में कंफर्म हो गया.

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने कॉलेज में एडमिशन ली और नियमित कक्षाएं भी लगाना शुरू कर दिया. आईजीएमसी शिमला प्रदेश के अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में श्रेष्ठ है. आरोपित बिलासपुर जिला के घुमारवीं के रहने वाला है. इसने जिस नाम के सर्टिफिकेट के साथ छेड़छाड़ की वह किसी अन्य छात्रा का है. मामला सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने इसे कॉलेज से निष्कासित कर दिया है. वहीं, इसके खिलाफ लक्कड़ बाजार चौकी में शिकायत दर्ज करवाई गई है.

एमबीबीएस में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन करती है. प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों की राज्यवार मैरिट लिस्ट बनती है. कॉलेजों में कुल सीटों की 85 फीसद सीटें राज्य कोटे की होती हैं, जबकि 15 फीसद सीटें ऑल इंडिया कोटे की होती है. अटल मेडिकल रिसर्च विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी प्रदेश के सभी मैडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए काउंसलिंग करवाता है. (fake admission in IGMC Shimla).

आरोपित छात्र ने एनटीए की वेबसाइट पर घोषित रिजल्ट से नेहा शर्मा नाम की छात्रा का सर्टिफिकेट डाउनलोड कर उसमें छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए. इसी आधार पर वह काउंसलिंग में गया व उसका नंबर भी आ गया. कांसलिंग का पूरा रिकॉर्ड नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) को देना होता है. एनएमसी ने जब रिकॉर्ड को देखा तो एक एडमिशन फर्जी पाई गई. उन्होंने इसकी सूचना कॉलेज के साथ शेयर की. आईजीएमसी ने इसकी जांच कर छात्र का रिकॉर्ड चैक किया. छात्र काे कॉलेज से निष्कासित करने के बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए लक्कड़ बाजार चौकी को पत्र भेजा है.

पिछले साल टांडा में भी आया था मामला: फर्जी दस्तावेजों के सहारे दाखिले लेने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह की शिकायतें हिमाचल सहित कई राज्यों में आ चुकी है. पिछले साल टांडा मैडिकल कॉलेज में भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे दाखिले के प्रयास का मामला सामने आया था. इसमें पुलिस ने आरोपित को दाखिले से पहले ही गिरफ्तार कर लिया था.(Case of fake admission in IGMC).

मेडिकल कॉलेज की तरफ से शिकायत मिली है. मामले की जांच की जा रही है. कॉलेज से रिकार्ड मांगा गया है.

सुनील नेगी, SSP शिमला .

ये भी पढ़ें: हंगामेदार होगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र, चौतरफा हो रहा सरकार की नीतियों का विरोध: जयराम ठाकुर

शिमला: राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मैडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में एमबीबीएस में फर्जी एडमिशन का एक मामला सामने आया (Student took admission on fake documents in IGMC) है. आरोपित छात्र ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा एमबीबीएस में प्रवेश के लिए करवाई गई प्रवेश परीक्षा (नीट) के रिजल्ट में ही छेड़छाड़ कर खुद ही फर्जी सर्टिफिकेट तैयार किया. इसी सर्टिफिकेट के आधार पर वह अटल मैडिकल विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी में आयोजित काउंसलिंग में शामिल हुआ. झूठे दस्तावेज के आधार पर उसका दाखिला आईजीएमसी शिमला में कंफर्म हो गया.

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने कॉलेज में एडमिशन ली और नियमित कक्षाएं भी लगाना शुरू कर दिया. आईजीएमसी शिमला प्रदेश के अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में श्रेष्ठ है. आरोपित बिलासपुर जिला के घुमारवीं के रहने वाला है. इसने जिस नाम के सर्टिफिकेट के साथ छेड़छाड़ की वह किसी अन्य छात्रा का है. मामला सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने इसे कॉलेज से निष्कासित कर दिया है. वहीं, इसके खिलाफ लक्कड़ बाजार चौकी में शिकायत दर्ज करवाई गई है.

एमबीबीएस में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन करती है. प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों की राज्यवार मैरिट लिस्ट बनती है. कॉलेजों में कुल सीटों की 85 फीसद सीटें राज्य कोटे की होती हैं, जबकि 15 फीसद सीटें ऑल इंडिया कोटे की होती है. अटल मेडिकल रिसर्च विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी प्रदेश के सभी मैडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए काउंसलिंग करवाता है. (fake admission in IGMC Shimla).

आरोपित छात्र ने एनटीए की वेबसाइट पर घोषित रिजल्ट से नेहा शर्मा नाम की छात्रा का सर्टिफिकेट डाउनलोड कर उसमें छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए. इसी आधार पर वह काउंसलिंग में गया व उसका नंबर भी आ गया. कांसलिंग का पूरा रिकॉर्ड नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) को देना होता है. एनएमसी ने जब रिकॉर्ड को देखा तो एक एडमिशन फर्जी पाई गई. उन्होंने इसकी सूचना कॉलेज के साथ शेयर की. आईजीएमसी ने इसकी जांच कर छात्र का रिकॉर्ड चैक किया. छात्र काे कॉलेज से निष्कासित करने के बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए लक्कड़ बाजार चौकी को पत्र भेजा है.

पिछले साल टांडा में भी आया था मामला: फर्जी दस्तावेजों के सहारे दाखिले लेने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह की शिकायतें हिमाचल सहित कई राज्यों में आ चुकी है. पिछले साल टांडा मैडिकल कॉलेज में भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे दाखिले के प्रयास का मामला सामने आया था. इसमें पुलिस ने आरोपित को दाखिले से पहले ही गिरफ्तार कर लिया था.(Case of fake admission in IGMC).

मेडिकल कॉलेज की तरफ से शिकायत मिली है. मामले की जांच की जा रही है. कॉलेज से रिकार्ड मांगा गया है.

सुनील नेगी, SSP शिमला .

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