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छात्र अभिभावक मंच का आंदोलन आगे बढ़ा, सरस्वती पैराडाइज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के बाहर धरना - प्रदर्शन

छात्र अभिभावक मंच का कहना है कि सरस्वती पैराडाइज़ स्कूल में आई कार्ड और डायरी के नाम पर 260 रुपये वसूले जा रहे हैं.

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा
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Published : Apr 2, 2019, 3:27 AM IST

शिमला: छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूलों की मनमानी और ज्यादा ली जा रही फीस के खिलाफ मोर्चा खोला है. निजी स्कूलों के बाहर छात्र अभिभावक मंच धरना प्रदर्शन कर रहा है. इसी कड़ी में सरस्वती पैराडाइज़ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी संजौली के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया.


मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निजी स्कूलों की मनमानी व लूट पर प्रदेश सरकार की खामोशी की कड़ी निंदा की. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की इसी खामोशी के कारण निजी स्कूलों की मनमानी को मूक समर्थन मिल रहा है और ये स्कूल 18 मार्च की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना के बावजूद छात्रों और अभिभावकों पर भारी फीसें लाद रहे हैं.

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा


मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि प्राइवेट स्कूल होने के बावजूद ये स्कूल अपने बिजनेस को चमकाने के लिए अपने नाम के साथ प्राइवेट के बजाए पब्लिक स्कूल शब्द इस्तेमाल करके जनता और अभिभावकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. परन्तु जब भारी फीसें वसूलनी हों तब ये कहते हैं कि हम पब्लिक अथवा सरकार के स्कूल नहीं हैं इसलिए हम पर फीस के संदर्भ में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता.

विजेंद्र मेहरा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि निजी स्कूलों को पब्लिक स्कूल शब्द इस्तेमाल करने से रोका जाए. उन्होंने कहा कि इन स्कूलों के द्वारा फीसों में भारी बढ़ोतरी की जा रही है और आई कार्ड के नाम पर भी भारी ठगी की जा रही है. इसके अलावा पिकनिक को स्वैच्छिक करने के बजाए अनिवार्य करके अभी भी हजारों रुपये वसूले जा रहे हैं.

छात्र अभिभावक मंच का कहना है कि सरस्वती पैराडाइज़ स्कूल में आई कार्ड और डायरी के नाम पर 260 रुपये वसूले जा रहे हैं और इस मनमानी से स्पष्ट है कि वह सरकारी निर्देशों व न्यायालयों तक के आदेशों की परवाह नहीं करता है. उन्होंने सरस्वती पैराडाइज स्कूल से भारी फीसों में तुरन्त कटौती की मांग की है अन्यथा इस स्कूल के खिलाफ मोर्चेबंदी होगी.

शिमला: छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूलों की मनमानी और ज्यादा ली जा रही फीस के खिलाफ मोर्चा खोला है. निजी स्कूलों के बाहर छात्र अभिभावक मंच धरना प्रदर्शन कर रहा है. इसी कड़ी में सरस्वती पैराडाइज़ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी संजौली के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया.


मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निजी स्कूलों की मनमानी व लूट पर प्रदेश सरकार की खामोशी की कड़ी निंदा की. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की इसी खामोशी के कारण निजी स्कूलों की मनमानी को मूक समर्थन मिल रहा है और ये स्कूल 18 मार्च की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना के बावजूद छात्रों और अभिभावकों पर भारी फीसें लाद रहे हैं.

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा


मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि प्राइवेट स्कूल होने के बावजूद ये स्कूल अपने बिजनेस को चमकाने के लिए अपने नाम के साथ प्राइवेट के बजाए पब्लिक स्कूल शब्द इस्तेमाल करके जनता और अभिभावकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. परन्तु जब भारी फीसें वसूलनी हों तब ये कहते हैं कि हम पब्लिक अथवा सरकार के स्कूल नहीं हैं इसलिए हम पर फीस के संदर्भ में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता.

विजेंद्र मेहरा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि निजी स्कूलों को पब्लिक स्कूल शब्द इस्तेमाल करने से रोका जाए. उन्होंने कहा कि इन स्कूलों के द्वारा फीसों में भारी बढ़ोतरी की जा रही है और आई कार्ड के नाम पर भी भारी ठगी की जा रही है. इसके अलावा पिकनिक को स्वैच्छिक करने के बजाए अनिवार्य करके अभी भी हजारों रुपये वसूले जा रहे हैं.

छात्र अभिभावक मंच का कहना है कि सरस्वती पैराडाइज़ स्कूल में आई कार्ड और डायरी के नाम पर 260 रुपये वसूले जा रहे हैं और इस मनमानी से स्पष्ट है कि वह सरकारी निर्देशों व न्यायालयों तक के आदेशों की परवाह नहीं करता है. उन्होंने सरस्वती पैराडाइज स्कूल से भारी फीसों में तुरन्त कटौती की मांग की है अन्यथा इस स्कूल के खिलाफ मोर्चेबंदी होगी.

छात्र अभिभावक मंच का आंदोलन बढ़ा आगे, सरस्वती पैराडाइज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के बाहर किया धरना प्रदर्शन
शिमला: छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूलों की मनमानी,लूट व भारी फीसों के खिलाफ आंदोलन आगे बढ़ रहा है। निजी स्कूलों के बाहर छात्र अभिभावक मंच धरना प्रदर्शन कर रहा है ऐसी कड़ी में सरस्वती पैराडाइज़ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी संजौली के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। 
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निजी स्कूलों की मनमानी व लूट पर प्रदेश सरकार की खामोशी की कड़ी निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की इसी खामोशी के कारण निजी स्कूलों की मनमानी को मूक समर्थन मिल रहा है व ये स्कूल 18 मार्च की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना के बावजूद छात्रों व अभिभावकों पर भारी फीसें लाद रहे हैं। 
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि निजी स्कूल मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। उनकी मनमानी का आलम यह है कि प्राइवेट स्कूल होने के बावजूद ये स्कूल अपने बिजनेस को चमकाने के लिए अपने नाम के साथ प्राइवेट के बजाए पब्लिक स्कूल शब्द इस्तेमाल करके जनता व अभिभावकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। इन स्कूलों का दोगलापन कमाल का है कि  अपने स्कूल में छात्रों व अभिभावकों को आकर्षित करने के लिए ये स्कूल प्राइवेट के बजाए पब्लिक स्कूल शब्द इस्तेमाल करते हैं परन्तु जब भारी फीसें वसूलनी हों तब ये कहते हैं कि हम पब्लिक अथवा सरकार के स्कूल नहीं हैं इसलिए हम पर फीस के संदर्भ में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता। विजेंद्र मेहरा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि निजी स्कूलों को पब्लिक स्कूल शब्द इस्तेमाल करने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों के द्वारा फीसों में भारी बढ़ोतरी की जा रही है व  आई कार्ड के नाम पर भी भारी ठगी की जा रही है। इसके अलावा पिकनिक को स्वैच्छिक करने के बजाए अनिवार्य करके अभी भी हज़ारों रुपये वसूले जा रहे हैं। मनमानी इस कदर बढ़ चुकी है कि सरस्वती पैराडाइज़ स्कूल में आई कार्ड व डायरी के नाम पर 260 रुपये वसूले जा रहे हैं। यह खुली लूट है व निजी स्कूलों की शैक्षणिक अराजकता नहीं तो और क्या है। इस तरह यह निजी स्कूलों की मनमानी है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए। सरस्वती पैराडाइज़ स्कूल की इस मनमानी से स्पष्ट है कि वह सरकारी निर्देशों व न्यायालयों तक के आदेशों की परवाह नहीं करता है। उन्होंने सरस्वती पैराडाइज़ स्कूल से भारी फीसों में तुरन्त कटौती की मांग की है अन्यथा इस स्कूल के खिलाफ मोर्चेबन्दी होगी।
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