शिमलाः हिमाचल में शिक्षा निदेशालय की ओर से फीस को लेकर दिए आदेशों के बावजूद निजी स्कूलों की ओर से मनमानी फीस वसूलने का क्रम लगातार जारी है. कोरोना संकट के बीच निजी स्कूलों की ओर से फीस बढ़ोतरी कर अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है.
निजी स्कूल पर विभाग को गुमराह करने का आरोप
छात्र अभिभावक मंच ने शिमला के एक निजी स्कूल पर शिक्षा विभाग को गुमराह करने का आरोप लगाया है. मंच ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि शिमला के एक निजी स्कूल पर शिक्षा विभाग को गुमराह करने के लिए कड़ी कार्रवाई करें. मंच ने चेताया कि अगर शिक्षा विभाग ने शिमला के एक निजी स्कूल पर कार्रवाई नहीं की, तो छात्र अभिभावक मंच 18 जून को शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना करेगा.
स्कूल ने शिक्षा विभाग को दिया गलत जबाव
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि स्कूल की ओर से फीस बढ़ोतरी कर 5 दिसंबर, 2019 की अधिसूचना का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में जब इस पर स्कूल से जवाब मांगा, तो स्कूल ने शिक्षा विभाग को पहले तो उत्तर नहीं दिया. बाद में मंच की ओर से दबाव बनाए जाने के बाद जब शिक्षा विभाग ने पत्र लिखकर स्कूल से जवाब मांगा, तो स्कूल की ओर से शिक्षा विभाग को गलत जवाब दिया गया.
छात्र अभिभावक मंच की स्कूल प्रबंधन को चुनौती
जवाब में स्कूल में फीस वृद्धि पर पीटीए की सहमति लेने की बात कही है. इस पर मंच ने सवाल पूछा है कि जब जनरल हाउस ही नहीं हुआ, तो पीटीए कब, कैसे और कहां बनी. उन्होंने स्कूल प्रबंधन को चुनौती दी है कि अगर पीटीए के गठन की बात सही है, तो इसके पत्र को सार्वजनिक किया जाए.
अभिभावकों की अनुपस्थिति में पीटीए का गठन
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा की कि स्कूल प्रबंधन पीटीए गठन वाले दिन के जनरल हाउस की कार्रवाई के रजिस्टर को सार्वजनिक करें. उन्होंने कहा कि स्कूल की ओर से कोई पीटीए नहीं बनाई गई है. स्कूल में केवल दिखावे के लिए डमी पीटीए का गठन किया गया. यह पीटीए अभिभावकों की अनुपस्थिति में स्कूल प्रिंसिपल के कार्यालय में बनाई गई. इस पीटीए के गठन के दौरान शिक्षा निदेशक की ओर से साल 2019 के में जारी किए गए दिशा निर्देशों का भी उल्लंघन किया गया है.
5 दिसंबर 2019 के निर्देशों का उल्लंघन
विजेंद्र मेहरा ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से 5 दिसंबर 2019 को फीस बढ़ोतरी के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है. इस अधिसूचना के मुताबिक अभिभावकों के जनरल हाउस में ही फीस बढ़ाने संबंधी कोई निर्णय लिया जा सकता है.
ऐसी कोई शक्ति पीटीए को नहीं दी गई है. स्कूल प्रबंध उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन शिक्षा विभाग को यह कहकर गुमराह कर रहा है कि उसने केवल स्कूल ने केवल 6 फीसदी फीस बढ़ाई है, जबकि असल में स्कूल की ओर से 50 फीसदी फीस की बढ़ोतरी की गई है.
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