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Woman Power: हिमाचल में वन, PWD और जल शक्ति महकमे को अपनी प्रतिभा से संवार रहीं नारी शक्ति

हिमाचल के सरकारी सेक्टर में नारी शक्ति का डंका बज रहा है. राज्य सरकार के कई अहम विभागों में महिला अफसर ऊंचे पदों पर हैं. वन विभाग की मुखिया एक महिला अफसर हैं. इनका नाम डॉ. सविता है. इसी तरह सबसे महत्वपूर्ण लोक निर्माण विभाग में भी महिला अफसर अर्चना ठाकुर चीफ इंजीनियर के पद पर हैं.

women of himachal
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Published : Jul 26, 2021, 9:38 PM IST

शिमला: भारत देश इस समय मीराबाई चानू की चांदी वाली सफलता का जश्न मना रहा है. मीराबाई चानू ने खेल जगत में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. वहीं, पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में सरकारी सेक्टर में नारी शक्ति का डंका बज रहा है. राज्य सरकार के कई अहम विभागों में महिला अफसर ऊंचे पदों पर हैं. वन विभाग की मुखिया एक महिला अफसर हैं. इनका नाम डॉ. सविता है. इसी तरह सबसे महत्वपूर्ण लोक निर्माण विभाग में भी महिला अफसर अर्चना ठाकुर चीफ इंजीनियर के पद पर हैं.

अर्चना ठाकुर हिमाचल की पहली महिला फील्ड इंजीनियर भी हैं. एक अन्य अहम महकमे जल शक्ति विभाग में भी महिला चीफ इंजीनियर अंजू शर्मा की तैनाती है. अंजू शर्मा आईपीएच में आने से पहले रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज (अब एनआईटी) हमीरपुर में पढ़ाती थीं. फिर उन्होंने 1993 में आईपीएच डिपार्टमेंट में सेवा देना शुरू किया. वे विभाग की पहली एसडीओ थीं. अब वे चीफ इंजीनियर बनीं हैं. आने वाले समय में उनका विभाग की सबसे बड़ी पोस्ट ईएनसी यानी इंजीनियर इन चीफ तक का सफर तय होगा.

अंजू शर्मा हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला की रहने वाली हैं. ऊना के एक छोटे से गांव शीतला में जन्मी अंजू शर्मा ने फील्ड में भी सेवाएं दी हैं. फील्ड में महिला इंजीनियर्स न के बराबर हैं. अंजू शर्मा ने जब ये सुनहरा सफर शुरू किया था तो विभाग में महिला इंजीनियर्स नहीं थीं. अब विभाग में कंचन शर्मा, हिना सब्बरवाल, नीरजा गुप्ता, सत्या आदि कई महिला इंजीनियर्स हैं.

इसके अलावा पुलिस में डॉ. मोनिका भटूंगरू एआईजी हैडक्वार्टर के पद पर हैं. सौम्या सांबशिवन, शालिनी अग्निहोत्री, अंजुम आरा महिला आईपीएस हैं. महिला आईएएस की संख्या तो और भी अधिक है. इसी तरह वन विभाग में महकमे की मुखिया आईएफएस अफसर डॉ. सविता हैं. अकेले वन महकमे में 11 महिला आईएफएस और एचएफएस अफसर हैं. वन विभाग की मुखिया डॉ. सविता का कहना है कि महिलाओं के लिए अब कोई भी फील्ड ऐसी नहीं है, जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा साबित न की हो.

हाल ही में जलशक्ति विभाग में अंजू शर्मा ने चीफ इंजीनियर का पदभार संभाला है. वे आगे चलकर इंजीनियर-इन-चीफ भी बनेंगी. इस पोस्ट पर पहुंचने वाली वो संभवत: पहली महिला अफसर होंगी. अंजू शर्मा ने विपरीत परिस्थितियों में सफलता हासिल की है जिस समय नाममात्र महिलाएं इंजीनियरिंग की फील्ड चुनती थी. उन्होंने इसमें कदम बढ़ाया. अर्चना ठाकुर भी प्रदेश की पहली फील्ड इंजीनियर हैं. वे आजकल चीफ इंजीनियर हैं.

इस तरह महिलाओं ने हर फील्ड में अपना डंका बजाया है. अन्य विभागों की तरफ नजर दौड़ाएं तो इस समय आईजीएमसी अस्पताल में एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट में डॉ. ज्योति पठानिया एचओडी हैं. डॉ. सीमा पंवर महिला कार्डियक सर्जन हैं. शिमला जिला की चीफ मेडिकल ऑफिसर भी एक महिला हैं. डॉ. सुरेखा चोपड़ा सीएमओ शिमला हैं. खेलों में भी हिमाचल की बेटियां नाम कमा रही हैं. राजनीति में भी महिलाओं ने सफलता पाई है.


ये भी पढ़ें- करगिल विजय दिवस: CM जयराम ने शहीदों को किया नमन, बोले- सीमा पर खड़ें हैं वीरभूमि के जवान

शिमला: भारत देश इस समय मीराबाई चानू की चांदी वाली सफलता का जश्न मना रहा है. मीराबाई चानू ने खेल जगत में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. वहीं, पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में सरकारी सेक्टर में नारी शक्ति का डंका बज रहा है. राज्य सरकार के कई अहम विभागों में महिला अफसर ऊंचे पदों पर हैं. वन विभाग की मुखिया एक महिला अफसर हैं. इनका नाम डॉ. सविता है. इसी तरह सबसे महत्वपूर्ण लोक निर्माण विभाग में भी महिला अफसर अर्चना ठाकुर चीफ इंजीनियर के पद पर हैं.

अर्चना ठाकुर हिमाचल की पहली महिला फील्ड इंजीनियर भी हैं. एक अन्य अहम महकमे जल शक्ति विभाग में भी महिला चीफ इंजीनियर अंजू शर्मा की तैनाती है. अंजू शर्मा आईपीएच में आने से पहले रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज (अब एनआईटी) हमीरपुर में पढ़ाती थीं. फिर उन्होंने 1993 में आईपीएच डिपार्टमेंट में सेवा देना शुरू किया. वे विभाग की पहली एसडीओ थीं. अब वे चीफ इंजीनियर बनीं हैं. आने वाले समय में उनका विभाग की सबसे बड़ी पोस्ट ईएनसी यानी इंजीनियर इन चीफ तक का सफर तय होगा.

अंजू शर्मा हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला की रहने वाली हैं. ऊना के एक छोटे से गांव शीतला में जन्मी अंजू शर्मा ने फील्ड में भी सेवाएं दी हैं. फील्ड में महिला इंजीनियर्स न के बराबर हैं. अंजू शर्मा ने जब ये सुनहरा सफर शुरू किया था तो विभाग में महिला इंजीनियर्स नहीं थीं. अब विभाग में कंचन शर्मा, हिना सब्बरवाल, नीरजा गुप्ता, सत्या आदि कई महिला इंजीनियर्स हैं.

इसके अलावा पुलिस में डॉ. मोनिका भटूंगरू एआईजी हैडक्वार्टर के पद पर हैं. सौम्या सांबशिवन, शालिनी अग्निहोत्री, अंजुम आरा महिला आईपीएस हैं. महिला आईएएस की संख्या तो और भी अधिक है. इसी तरह वन विभाग में महकमे की मुखिया आईएफएस अफसर डॉ. सविता हैं. अकेले वन महकमे में 11 महिला आईएफएस और एचएफएस अफसर हैं. वन विभाग की मुखिया डॉ. सविता का कहना है कि महिलाओं के लिए अब कोई भी फील्ड ऐसी नहीं है, जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा साबित न की हो.

हाल ही में जलशक्ति विभाग में अंजू शर्मा ने चीफ इंजीनियर का पदभार संभाला है. वे आगे चलकर इंजीनियर-इन-चीफ भी बनेंगी. इस पोस्ट पर पहुंचने वाली वो संभवत: पहली महिला अफसर होंगी. अंजू शर्मा ने विपरीत परिस्थितियों में सफलता हासिल की है जिस समय नाममात्र महिलाएं इंजीनियरिंग की फील्ड चुनती थी. उन्होंने इसमें कदम बढ़ाया. अर्चना ठाकुर भी प्रदेश की पहली फील्ड इंजीनियर हैं. वे आजकल चीफ इंजीनियर हैं.

इस तरह महिलाओं ने हर फील्ड में अपना डंका बजाया है. अन्य विभागों की तरफ नजर दौड़ाएं तो इस समय आईजीएमसी अस्पताल में एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट में डॉ. ज्योति पठानिया एचओडी हैं. डॉ. सीमा पंवर महिला कार्डियक सर्जन हैं. शिमला जिला की चीफ मेडिकल ऑफिसर भी एक महिला हैं. डॉ. सुरेखा चोपड़ा सीएमओ शिमला हैं. खेलों में भी हिमाचल की बेटियां नाम कमा रही हैं. राजनीति में भी महिलाओं ने सफलता पाई है.


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