शिमला : राज्य निजी शिक्षण संस्थान की ओर से प्रदेश के निजी कॉलेजों के अयोग्य ठहराए गए 45 प्रिंसिपलों को स्पष्टीकरण देने का समय दिया है. आयोग की ओर से 45 निजी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को 19 और 20 मार्च तक का समय अपना स्पष्टीकरण देने के लिए दिया गया है. आयोग की ओर से कहा गया है कि प्रिंसिपल अगर अपनी योग्यता पर उठे सवालों को लेकर कोई जवाब देना चाहते हैं तो वह इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें. प्रिंसिपलों की ओर से स्पष्टीकरण आने के बाद और उनकी बात सुनने के बाद ही आयोग की ओर से अंतिम निर्णय इस मामले में लिया जाएगा.
तय समय में देना होगा स्पष्टीकरण
आयोग की ओर से जो जांच के बाद ही प्रदेश के नर्सिंग, मैनेजमेंट, संस्कृत कॉलेजों के साथ ही डेंटल कॉलेजों के प्रिंसिपल अयोग्य पाए गए हैं. इनकी नियुक्तियां नियमों से बाहर जाकर की गई है. ऐसे में आयोग में अब इन 45 प्रिंसिपलों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब-तलब किया है. आयोग की ओर से जो समय प्रिंसिपल को अपना स्पष्टीकरण जारी करने के लिए दिया गया है, उसी समय अवधि के बीच में सभी प्रिंसिपल को आयोग को अपना जवाब देना होगा. जिन कॉलेजों के प्रिंसिपलों को आयोग की ओर से अयोग्य करार दिया गया है, उन प्रिंसिपलो की नियुक्तियों से पहले ना तो संबद्ध विश्वविद्यालयों से मंजूरी ली गई है और ना ही नियमित तौर पर उन्हें नियुक्तियां दी गई हैं. नियुक्ति प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया है.
गठित कमेटी की जाच जारी
आयोग की ओर से प्रदेश की निजी कॉलेजों पर अभी भी जांच की जा रही है. सभी कॉलेजों की जानकारी आयोग के पास नहीं पहुंची थी. वहीं, जिन कॉलेजों ने जानकारी दी थी उनकी जानकारी भी आधी अधूरी थी. इसके बाद आयोग की ओर से एक नया परफॉर्मा तैयार कर कॉलेजों को उसके आधार पर जानकारी देने के निर्देश जारी किए गए थे. अब उस परफॉर्मा के आधार पर जब जानकारी आयोग के पास पहुंच रही है तो उसकी जांच आयोग की ओर से गठित कमेटी की कर रही है. जल्द ही जांच को पूरा कर आयोग मामले में पूरा खुलासा करेगा.
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