शिमला: हिमाचल भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने में अभी वक्त लग सकता. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि केंद्र से पर्यवेक्षक आ रहे हैं. उसके बाद ही कार्यक्रम तय किया जाएगा. कुल मिलकर देखें तो जनवरी महीने तक प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष मिल जाएगा, लेकिन पार्टी पर वर्चस्व की जंग की वजह से सहमति न बनने के बीच भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव तय कार्यक्रम के मुताबिक नहीं हो सका.
सतपाल सिंह सती ने कहा कि तय कार्यक्रम के मुताबिक आज भाजपा को नया प्रदेशाध्यक्ष मिल जाना था, लेकिन पार्टी में इस पद के इतने इतने तलबगार हो गए है कि भाजपा को प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के चुनाव बीस दिसंबर तक टालने पड़े है. पार्टी में जिस तरह से घमासान मचा है, उससे लगता नहीं है कि प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष मिल पाएगा. अभी तक मंडलों व जिलों की कार्यकारिणियों के गठन नहीं हो पाए है. हर जगह पेंच फंस रहा है कि कार्यकारिणी में किसे रखें व किसे बाहर करें.
प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर,पार्टी अध्यक्ष सतपाल सत्ती, संगठन मंत्री पवन राणा व बाकी नेताओं के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं. धर्मशाला में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भी इस मसले में पर भाजपा नेताओं, मुख्यमंत्री व मंत्रियों के बीच कई स्तरों पर मंत्रणा हुई है, लेकिन पूरा जोर लगाने के बावजूद भी किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन रही है.
पार्टी किसी तेज तर्रार नेता को जो मुख्यमंत्री जयराम के खेमे से न हो उसे भाजपाध्यक्ष की कमान नहीं थमाना चाहती, जबकि धूमल खेमा चाहता है कि सरकार से तो उनके खेमे को पहले ही बाहर कर रखा है, ऐसे में कम से कम भाजपाध्यक्ष उनके खेमे से बनाया जाए, लेकिन इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हामी नहीं भर रहे हैं.
पिछले नौ सालों से भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के पद पर तैनात सतपाल सिंह सती ने आज राजधानी में कहा कि सभी 73 मंडलों व 17 जिला के अध्यक्षों के चुनाव हो चुके हैं. बीस तरीख तक सभी मंडलों व जिलों की कार्याकारिणियां गठित हो जाएंगी. उसके बाद आलाकमान जो भी तिथि निर्धारित करेगा उस दिन नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति हो जाएगी.
अभी भाजपा के तमाम नेता सहमति बनाने में जुटे है. ऐसे में समझा जा रहा है कि कहीं प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव बीस दिसंबर के बजाय जयराम सरकार के दो साल पूरे होने की खुशी 27 दिसंबर को मनाए जाने वाले जश्न के बाद ही न हो. आज सतपाल सत्ती ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 31 दिसंबर तक पार्टी की ओर से चलाए जाने वाले जागरूकता अभियान के कार्यक्रम की भी घोषणा की. पार्टी राजधानी शिमला और जिलों पर इस कानून को लेकर बुद्धिजीवियों के सम्मेलन करने जा रही है.साफ है कि अभी पार्टी की कमान सती के हाथ में कुछ और दिन रहेगी.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी केवल विरोध करने के लिए इस बिल का विरोध कर रही है जोकि सर्वथा अनुचित है. उन्होनें कहा कि कांग्रेस पार्टी तुष्टीकरण की नीति पर चलती है जिसके कारण आज कोई भी व्यक्ति कांग्रेस के साथ नहीं जुड़ना चाहता है. उनके वरिष्ठ नेता कभी सावरकर, तो कभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर अभद्र टिप्पणियां करते हैं. यही कारण है कि आज कांग्रेस अपने पतन की ओर अग्रसर है.
इस विधेयक को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा लोगों के बीच फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए व इस विधेयक की वास्तविका जनता तक पहुंचाने के लिए पार्टी जिला स्तर पर बुद्धिजीव सम्मेलन आयोजित कर रही है और इन सम्मेलनों में पार्टी के वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे.
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