शिमला/सोलन: कोरोना वायरस को लेकर देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए हिमाचल प्रदेश में अगले आदेश तक कर्फ्यू लागू है. ऐसे में प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की क्या तैयारी इसकी तहकीकात बहुत जरूरी है.
दरअसल हर नागरिक को जीवन रक्षा का अधिकार प्रदान करने के व्यापक मिशन में अग्रणी रहने वाली जीवीके ईएमआरआई 108 आपातकालीन सेवा कोविड-19 के मुश्किल वक्त में प्रदेशवासियों के लिए आशा और विश्वास की एक सच्ची साथी बनी हुई है. हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र जहां जीवन यापन करना ही किसी चुनौती से कम नहीं होता, वहां पर प्रदेशवासियों को ऐसी जीवन रक्षक सेवाएं प्रदान करना सचमुच सुखद आश्चर्य का एहसास कराता है.
एंबुलेंस सेवा प्रदेशवासियों के लिए कोविड-19 के मुश्किल दौर में एक वरदान साबित हो रही है. आज प्रदेश में कोविड-19 की वजह से किए गए लॉकडाउन के दौरान यातायात का साधन बाधित होने की वजह से जब भी किसी को आपातकालीन स्थिति में मरीज को अस्पताल लेकर जाना होता है तो सिर्फ 108 आपातकालीन सेवा ही इसका साधन है.
सोलन स्थित आपातकालीन प्रबंधन केंद्र में हर रोज लगभग 2500 कॉल्ज दर्ज की जाती है, लेकिन कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेंटर में कॉल फ्लो बहुत ज्यादा बढ़ गया है. अगर पिछले सप्ताह की बात करें तो लगभग 6176 कॉल्ज प्रतिदिन दर्ज की जा रही है. जिसे 108 इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर में बहुत कुशलता के साथ संभाला जा रहा है.
इस मुश्किल दौर में कोविड-19 सस्पेक्टेड और कंफर्म मरीजों को भी 108 एंबुलेंस ही घरों से अस्पताल ले जा रही है. हिमाचल प्रदेश के जीवीके ईएमआरआईए स्टेट हैड मेहूल सुकुमारन ने कोविड-19 के दौरान दिन-रात अपनी सेवाएं देने वाले 108 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारियों का धन्यवाद किया है.
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