शिमला: 1 फरवरी को केंद्र सरकार इस वित्त वर्ष का बजट पेश करने जा रही है. ऐसे में हर वर्ग को इस बजट से उम्मीदें हैं. बजट से कर्मचारी, महिला, युवा, छात्र वरिष्ठ नागरिक सभी को उम्मीदें है और हर वर्ग की नजरें इस बजट पर टिकी हुई हैं कि किस तरह का प्रावधान इस बजट में हर वर्ग के लिए किया जाएगा.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर युवा छात्रों की उम्मीदें इसी बात को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय गई और वहां जा कर छात्रों से यह जाना की उनकी केंद्र के बजट को लेकर क्या उम्मीदें है और किस तरह का बजट युवा छात्र चाह रहे है.
छात्रों ने बजट को लेकर अपनी राय ईटीवी भारत से सांझा करते हुए कहा कि कुल बजट का 10 प्रतिशत हिस्सा सरकार को शिक्षा पर खर्च करना चाहिए. शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र ही देश का भविष्य होते हैं. ऐसे में इस बात पर सरकार को खास ध्यान देना चाहिए कि शिक्षा के बजट को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए. इसके साथ ही इस तरह के वोकेशनल कोर्सेज यूनिवर्सिटी स्तर पर शुरू किए जाने चाहिए जिससे कि छात्रों को रोजगार के अवसर मिल सके और छात्रों को रोजगार के लिए भटकना पड़े.
छात्रों का कहना है कि सरकार को अपने बजट में खेलों के लिए खास प्रावधान करना चाहिए. खेलो इंडिया से जहां बेहतरीन खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिल रहा है उसी तरह स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को खोलने का प्रावधान भी इस बजट में किया जाना चाहिए. छात्रों का कहना है कि आज के दौर में युवाओं के समक्ष बेरोजगारी की सबसे बड़ी समस्या है उस समस्या का भी समाधान करने के लिए भी योजना बजट ने लाई जानी चाहिए. इसके साथ ही शोध के स्तर को ऊपर उठाने के लिए भी प्रोतसाहन राशि भी रिसर्च स्कॉलर्स को दी जानी चाहिए.
छात्रों का कहना है कि आए दिन शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ोतरी कर उसका बोझ गरीब छात्रों पर डाला जा रहा है ऐसे में बजट में स तरह का प्रावधान किया जाना चाहिए जिससे कि छात्रों पर फीस बढ़ोतरी का बोझ ना पड़े और वह अपनी पढ़ाई को कम संसाधनों के बीच भी जारी रख सकें.
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