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छात्रवृत्ति घोटाला: SIT के रडार पर यूपी, हरियाणा और हिमाचल के समाज कल्याण अधिकारी

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Published : Feb 20, 2021, 10:10 PM IST

उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला मामले में यूपी, हरियाणा और हिमाचल के समाज कल्याण अधिकारी भी SIT के रडार में आ गये हैं. घोटालेबाज अधिकारियों पर भी एसआईटी मुकदमा दर्ज कर सकती है.

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देहरादून/शिमला: उत्तराखंड के चर्चित 500 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में अब एसआईटी टीम के रडार पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल के समाज कल्याण अधिकारी भी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इन प्रदेशों के संबंधित अधिकारियों द्वारा भी बिना भौतिक सत्यापन के फर्जी तरीके से शिक्षण संस्थानों को करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति बांटी गई. ऐसे में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर देहरादून और हरिद्वार जिले के लिए गठित विशेष एसआईटी टीम यूपी, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के समाज कल्याण अधिकारी कर्मचारियों की जांच पड़ताल कर अपनी कार्रवाई कर रही है.

अगर जांच पड़ताल में मिलीभगत के साक्ष्य मिलते हैं तो एसआईटी इन प्रदेशों के समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और सरकारी धन का गबन करने के मामले में मुकदमा दर्ज कर बड़ी कार्रवाई कर सकती है. हालांकि एसआईटी प्रभारी आईपीएस मंजूनाथ टीसी के मुताबिक अभी तक इन प्रदेशों के समाज कल्याण कर्मचारियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आए हैं.

पढ़ें- NH 74 भूमि मुआवजे घोटाले मामले के आरोपी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत

जानकारी के अनुसार वर्ष 2011-12 से लेकर 2017 तक 500 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाला में यूपी, हरियाणा और हिमाचल जैसे प्रदेशों के समाज कल्याण अधिकारी भी एसआईटी के शिकंजे में आ सकते हैं. एसआईटी की जांच पड़ताल में अगर इन प्रदेशों के समाज कल्याण अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हाथ लगते हैं तो 3 दर्जन से अधिक आरोपित लोगों के खिलाफ उत्तराखंड शासन से अनुमति मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

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पर्याप्त साक्ष्य-सुबूत मिलने पर हो सकती है कार्रवाई : एसआईटी प्रभारी

इस मामले में देहरादून हरिद्वार एसआईटी के प्रभारी आईपीएस मंजूनाथ टीसी ने बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले में अभी तक की कार्रवाई में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल के समाज कल्याण अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन आगे की जांच पड़ताल जारी हैं. ऐसे अगर पर्याप्त साक्ष्य-सुबूत सामने आते हैं तो शासन द्वारा विधिक राय व अनुमति मिलने के उपरांत संबंधित लोगों पर आगे की प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है.

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उत्तराखंड के समाज कल्याण अधिकारी सहित कई लोग जा चुके हैं जेल
साल 2011-12 से लेकर 2017 तक उत्तराखंड में प्रमुख तौर पर देहरादून हरिद्वार जनपद में स्थित निजी शिक्षण संस्थानों ने समाज कल्याण अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी खजाने से करोड़ों का छात्रवृत्ति घोटाला किया. इस घोटाले में राज्य के साथ कई अन्य प्रदेशों हिमाचल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई शिक्षण संस्थानों के नाम भी सामने आए हैं. इस चर्चित घोटाले में मुख्य तौर पर देहरादून हरिद्वार जनपदों के सबसे अधिक निजी शिक्षण संस्थान हैं. ऐसे में इस घोटाले में एसआईटी द्वारा प्रभावी कार्रवाई करते हुए अब तक उत्तराखंड समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल, पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर, सहायक समाज कल्याण अधिकारी सोम प्रकाश, विनोद नैथानी, मनीष त्यागी समेत कई घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों के संचालक, प्रधानाचार्य गिरफ्तार होकर जेल जा चुके हैं. इन सभी पर भ्रष्टाचार के मामले में कानूनी कार्रवाई के तहत चार्जशीट भी SIT दाखिल कर चुकी है.

देहरादून/शिमला: उत्तराखंड के चर्चित 500 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में अब एसआईटी टीम के रडार पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल के समाज कल्याण अधिकारी भी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इन प्रदेशों के संबंधित अधिकारियों द्वारा भी बिना भौतिक सत्यापन के फर्जी तरीके से शिक्षण संस्थानों को करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति बांटी गई. ऐसे में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर देहरादून और हरिद्वार जिले के लिए गठित विशेष एसआईटी टीम यूपी, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के समाज कल्याण अधिकारी कर्मचारियों की जांच पड़ताल कर अपनी कार्रवाई कर रही है.

अगर जांच पड़ताल में मिलीभगत के साक्ष्य मिलते हैं तो एसआईटी इन प्रदेशों के समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और सरकारी धन का गबन करने के मामले में मुकदमा दर्ज कर बड़ी कार्रवाई कर सकती है. हालांकि एसआईटी प्रभारी आईपीएस मंजूनाथ टीसी के मुताबिक अभी तक इन प्रदेशों के समाज कल्याण कर्मचारियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आए हैं.

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जानकारी के अनुसार वर्ष 2011-12 से लेकर 2017 तक 500 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाला में यूपी, हरियाणा और हिमाचल जैसे प्रदेशों के समाज कल्याण अधिकारी भी एसआईटी के शिकंजे में आ सकते हैं. एसआईटी की जांच पड़ताल में अगर इन प्रदेशों के समाज कल्याण अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हाथ लगते हैं तो 3 दर्जन से अधिक आरोपित लोगों के खिलाफ उत्तराखंड शासन से अनुमति मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

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पर्याप्त साक्ष्य-सुबूत मिलने पर हो सकती है कार्रवाई : एसआईटी प्रभारी

इस मामले में देहरादून हरिद्वार एसआईटी के प्रभारी आईपीएस मंजूनाथ टीसी ने बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले में अभी तक की कार्रवाई में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल के समाज कल्याण अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन आगे की जांच पड़ताल जारी हैं. ऐसे अगर पर्याप्त साक्ष्य-सुबूत सामने आते हैं तो शासन द्वारा विधिक राय व अनुमति मिलने के उपरांत संबंधित लोगों पर आगे की प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है.

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उत्तराखंड के समाज कल्याण अधिकारी सहित कई लोग जा चुके हैं जेल
साल 2011-12 से लेकर 2017 तक उत्तराखंड में प्रमुख तौर पर देहरादून हरिद्वार जनपद में स्थित निजी शिक्षण संस्थानों ने समाज कल्याण अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी खजाने से करोड़ों का छात्रवृत्ति घोटाला किया. इस घोटाले में राज्य के साथ कई अन्य प्रदेशों हिमाचल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई शिक्षण संस्थानों के नाम भी सामने आए हैं. इस चर्चित घोटाले में मुख्य तौर पर देहरादून हरिद्वार जनपदों के सबसे अधिक निजी शिक्षण संस्थान हैं. ऐसे में इस घोटाले में एसआईटी द्वारा प्रभावी कार्रवाई करते हुए अब तक उत्तराखंड समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल, पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर, सहायक समाज कल्याण अधिकारी सोम प्रकाश, विनोद नैथानी, मनीष त्यागी समेत कई घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों के संचालक, प्रधानाचार्य गिरफ्तार होकर जेल जा चुके हैं. इन सभी पर भ्रष्टाचार के मामले में कानूनी कार्रवाई के तहत चार्जशीट भी SIT दाखिल कर चुकी है.

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