शिमला: प्रदेश के स्कूल खुलने के बाद अब स्कूलों में बोर्ड की कक्षाएं स्कूल शिक्षक लगा सकते हैं. शिक्षा विभाग की ओर से नए आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों की कक्षाएं लगाई जा सकती हैं.
इसके लिए जिन स्कूलों में 200 के करीब छात्रों को बैठाने का प्रावधान है. वहां 50-50 छात्रों को नौवीं कक्षा से लेकर बाहरवीं कक्षा तक बुलाया जा सकता है. शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्णय बोर्ड कक्षाओं को देखते हुए लिया गया है. इन छात्रों का सिलेबस पूरा हो सके इसके लिए विभाग ने कक्षाएं लगाने के आदेश जारी किए हैं. विभाग की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई छात्र स्कूल नहीं आना चाहता है तो उसे बाध्य नहीं किया जाएगा और जो छात्र स्कूल आना चाहते है उन्हें रोका नहीं जाएगा.
जो छात्र स्कूल आना चाहते हैं उन्हें अपने अभिभावकों से अनुमति लेकर ही स्कूल आना होगा. इसके लिए उन्हें सहमति पत्र लिखित रूप में साथ लाना होगा. विभाग की ओर से कहा गया है कि दसवीं, जमा एक ओर जमा दो के छात्र जो कठिन विषयों को पढ़ना चाहते हैं वह ग्रुप में आकर स्कूल में पढ़ाई कर सकते हैं.
इन नए आदेशों में यह भी शामिल किया गया है कि जिन शिक्षकों की ज्यादा आवश्यकता है उन्हें स्कूलों में बुलाया जाएगा. शिक्षक स्कूल आने के साथ ही छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई को भी पहले की तरह जारी रखेंगे. स्कूलों में बनाई गई आईसीटी लैब के माध्यम से छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई होगी.
विभाग ने स्कूलों को कोविड नियमों का सख्ती से पालन करने और स्कूल कैंपस को सेनिटाइज करने के निर्देश दिए है. बता दें की जब से प्रदेश में दोबारा से स्कूल खुले हैं तब से लेकर अभी तक 24 हजार छात्र अपने शिक्षकों से परामर्श लेने आए हैं.
इसके साथ ही 49 हजार 955 शिक्षक और गैर शिक्षकों ने भी स्कूलों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है. अभी 50 फीसदी स्टाफ ही स्कूलों में आ रहा है. इसमें शिक्षकों के साथ गैर शिक्षक भी शामिल हैं. वहीं, नौवीं कक्षा से लेकर बाहरवीं कक्षा तक के छात्रों को परामर्श के लिए अपने अभिभावकों की अनुमति लेकर आने की मंजूरी दी गई है.