शिमला: राजधानी शिमला में एसएमसी अध्यापक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य सरकार एसएमसी शिक्षकों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे. दरअसल, एसएमसी अध्यापकों ने सरकार को 30 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. अगर सरकार उनके लिए पॉलिसी का निर्माण नहीं करती है तो 2500 से ज्यादा अध्यापक सड़कों पर उतरेंगे. वहीं, एसएमसी अध्यापकों ने आरोप लगाया है कि वह 2012 से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन नीति न बनने के कारण अलग अलग सरकारों में उनका शोषण हो रहा हैं.
दरअसल, एसएमसी अध्यापकों का कहना है कि दस-बारह हजार में घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि की पिछली सरकार में भी हाईपावर कमेठी का गठन किया गया था, लेकिन सिवाए आश्वासन के हमे कुछ नहीं मिला. बता दें कि वर्ष 2012 में एसएमसी अध्यापकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन 11 वर्ष सेवाएं देने के बावजूद भी इनको नियमित करने को लेकर सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई है.
'अपने परिवार सहित करेंगे सत्याग्रह आंदोलन': एसएमसी अध्यापक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि पीटीए, पैरा, पेट पीरियड आधार पर लगे शिक्षकों को कम अंतराल में ही नियमित किया जा चुका है, जबकि एसएमसी अध्यापकों को नियमित करने की कोई पॉलिसी नहीं बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार 30 सितंबर तक एसएमसी अध्यापकों के लिए नियमित पॉलिसी लेकर आए अन्यथा मजबूरन अपने परिवार सहित सत्याग्रह आंदोलन धरना प्रदर्शन पैन डाउन स्ट्राइक पर जाएंगे.
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