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हिमाचल प्रदेश में फर्जी सिम बेचने की जांच शुरू, विक्रेताओं से तलब किया रिकार्ड, दूसरे दिन 4 थानों में फिर दर्ज हुए मामले

हिमाचल प्रदेश में फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए सिम कार्ड जारी किए गए हैं. केंद्रीय मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर जिन-जिन थाना क्षेत्रों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, वहां आईपीसी की धारा 420 और 465 के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं. पढ़ें पूरा मामला...

sim cards on fake ids in himachal
सांकेतिक तस्वीर.
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Published : Jul 4, 2023, 9:34 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में किसी और के डॉक्यूमेंट्स पर सिम बेचने के मामले में शिमला जिले के चार थानों में मामले दर्ज हुए हैं. इससे पहले रविवार को भी शिमला जिले के 7 थानों में मामले दर्ज हुए थे. मंगलवार को छोटा शिमला, सुन्नी, जुब्बल और कोटखाई थानों में 30 से ज्यादा दुकानदारों के खिलाफ एफआईआर हुई है. इससे पहले पुलिस ने शिमला में सदर, झाखड़ी, चौपाल, रामपुर, कुमारसैन, रोहडू, ठियोग और चिड़गांव थाना के तहत मामले दर्ज हुए हैं.

क्या है मामला- शिमला पुलिस के मुताबिक केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) की ओर से एक रिपोर्ट पुलिस को भेजी गई थी. जिसके मुताबिक प्रदेश में 3694 फर्जी सिम बेचे गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल में सिम बेचने वाले दुकानदारों ने एक ही फोटो पर अलग-अलग आईडी लगाकर विभिन्न कंपनियों के सैकड़ों सिम कार्ड बेच दिए. ये सभी सिम अलग-अलग कंपनियों के हैं. ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

हिमाचल पुलिस ने बीते 3 दिनों में जिले के करीब 12 थानों में 144 दुकानदारों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं. कई वारदातों में फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करने के मामले उजागर होने के बाद डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट ने देश भर में डेटा का विश्लेषण किया है. साथ ही इन सिम कार्ड को दस्तावेजों में हेरफेर कर सक्रिय करने वाले कई विक्रेताओं की भी पहचान की गई है.

पुलिस का एक्शन- मामला सामने आने के बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर सिम कार्ड बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. केंद्रीय मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर जिन-जिन थाना क्षेत्रों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, वहां आईपीसी की धारा 420 और 465 के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं. एएसपी सुनील नेगी के मुताबिक पुलिस शिकायत के आधार पर जांच कर रही है और सिम बेचने वाले दुकानदारों से पूछताछ की जा रही है और उनसे रिकॉर्ड मांगा जा रहा है.

पुलिस का कहना है कि यदि जांच में खामियां पाई गई तो सिम कार्ड कैंसिल भी हो सकते हैं. पुलिस का कहना है कि फर्जीवाड़े में आधार कार्ड एक आदमी का है और वह 4 से अधिक लोगों को बेचे गए हैं, जबकि सब में फोटो है अलग अलग ही है. एएसपी सुनील नेगी ने बताया है कि पुलिस फर्जी सिम कार्ड मामले में जांच कर रही है. उनका कहना है कि डीलर से पूछताछ की जा रही है उनसे रिकार्ड तलब किया है और इसमें जांच के आधार पर मामला दर्ज किया जा रहा है.

इस तरह हुआ फर्जी सिम का खुलासा: दूरसंचार विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेशियल रिकग्निशन टूल के माध्यम से हिमाचल में टेलीकाम सिम सब्स्क्राइबर के डाटा का वेरिफिकेशन किया तो फर्जी तरीके से लिए गए हजारों सिम का खुलासा हुआ. यह टूल ग्राहक की छवियों का उपयोग कर उनकी तुलना दूसरों के साथ करता है.

ये भी पढ़ें- 24 किलो सेब की पैकिंग की सिलिंग हटाने की तैयारी, एक हफ्ते में ही सरकार अपना फैसला करेगी रिव्यू: बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में किसी और के डॉक्यूमेंट्स पर सिम बेचने के मामले में शिमला जिले के चार थानों में मामले दर्ज हुए हैं. इससे पहले रविवार को भी शिमला जिले के 7 थानों में मामले दर्ज हुए थे. मंगलवार को छोटा शिमला, सुन्नी, जुब्बल और कोटखाई थानों में 30 से ज्यादा दुकानदारों के खिलाफ एफआईआर हुई है. इससे पहले पुलिस ने शिमला में सदर, झाखड़ी, चौपाल, रामपुर, कुमारसैन, रोहडू, ठियोग और चिड़गांव थाना के तहत मामले दर्ज हुए हैं.

क्या है मामला- शिमला पुलिस के मुताबिक केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) की ओर से एक रिपोर्ट पुलिस को भेजी गई थी. जिसके मुताबिक प्रदेश में 3694 फर्जी सिम बेचे गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल में सिम बेचने वाले दुकानदारों ने एक ही फोटो पर अलग-अलग आईडी लगाकर विभिन्न कंपनियों के सैकड़ों सिम कार्ड बेच दिए. ये सभी सिम अलग-अलग कंपनियों के हैं. ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

हिमाचल पुलिस ने बीते 3 दिनों में जिले के करीब 12 थानों में 144 दुकानदारों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं. कई वारदातों में फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करने के मामले उजागर होने के बाद डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट ने देश भर में डेटा का विश्लेषण किया है. साथ ही इन सिम कार्ड को दस्तावेजों में हेरफेर कर सक्रिय करने वाले कई विक्रेताओं की भी पहचान की गई है.

पुलिस का एक्शन- मामला सामने आने के बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर सिम कार्ड बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. केंद्रीय मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर जिन-जिन थाना क्षेत्रों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, वहां आईपीसी की धारा 420 और 465 के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं. एएसपी सुनील नेगी के मुताबिक पुलिस शिकायत के आधार पर जांच कर रही है और सिम बेचने वाले दुकानदारों से पूछताछ की जा रही है और उनसे रिकॉर्ड मांगा जा रहा है.

पुलिस का कहना है कि यदि जांच में खामियां पाई गई तो सिम कार्ड कैंसिल भी हो सकते हैं. पुलिस का कहना है कि फर्जीवाड़े में आधार कार्ड एक आदमी का है और वह 4 से अधिक लोगों को बेचे गए हैं, जबकि सब में फोटो है अलग अलग ही है. एएसपी सुनील नेगी ने बताया है कि पुलिस फर्जी सिम कार्ड मामले में जांच कर रही है. उनका कहना है कि डीलर से पूछताछ की जा रही है उनसे रिकार्ड तलब किया है और इसमें जांच के आधार पर मामला दर्ज किया जा रहा है.

इस तरह हुआ फर्जी सिम का खुलासा: दूरसंचार विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेशियल रिकग्निशन टूल के माध्यम से हिमाचल में टेलीकाम सिम सब्स्क्राइबर के डाटा का वेरिफिकेशन किया तो फर्जी तरीके से लिए गए हजारों सिम का खुलासा हुआ. यह टूल ग्राहक की छवियों का उपयोग कर उनकी तुलना दूसरों के साथ करता है.

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