शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शिमला के तहत एक फुटपाथ के निर्माण में बाधा पैदा करने वाले अतिक्रमण को तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने निर्माण कार्य से जुड़े संबंधित ठेकेदार को अतिक्रमण हटाने के लिए कहा है. अदालत ने संबंधित ठेकेदार को आदेश देते हुए कहा कि वो ये सुनिश्चित करें कि शिमला बायपास रोड में पंथाघाटी से असीम ट्रेडिंग कंपनी तक पैदल चलने वाले रास्ते को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 30 जून 2023 से पहले पूरा करें.
रास्ता बनाने में आ रही दिक्कत: खंडपीठ ने अपने आदेशों में यह स्पष्ट किया है कि कोई भी दीवानी अदालत व अन्य प्राधिकरण इस मामले को लेकर हस्तक्षेप नहीं करेगा. उल्लेखनीय है कि इस मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. अदालत के समक्ष दाखिल की गई याचिका में प्रार्थी की ओर से बताया गया है कि शिमला बायपास रोड पर पैदल चलने के रास्ते को बनाने के लिए दिक्कत आ रही है. कारण ये है कि रास्ते में अतिक्रमण हुआ है.
नोटिस जारी किया गया था: अगर यह अतिक्रमण हटाए नहीं गए तो पैदल चलने वाला रास्ता यानी फुटपाथ नहीं बनाया जा सकता है. अदालत को यह बताया गया कि कुछ अतिक्रमणकारियों को नेशनल हाईवे अथॉरिटी एक्ट के मुताबिक नोटिस जारी भी किया गया है. न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि इस तरह के मामलों में अतिक्रमण करने वालों को नोटिस जारी करने की आवश्यकता नहीं है. मामले पर सुनवाई 4 जून के लिए निर्धारित की गई है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों से ताजा स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है.
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