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Shimla Property Tax: शिमला में रहना हुआ महंगा, 4% बढ़ा प्रॉपर्टी टैक्स, बीजेपी पार्षदों ने का हंगामा

शिमला में रहना अब और भी महंगा हो गया है. नगर निगम के दायरे में रहने वालों को अब और भी ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. नगर निगम शिमला की मासिक बैठक में प्रॉपर्टी टैक्स 4 फीसदी बढ़ाने का फैसला हुआ है. (Shimla Property Tax) (shimla house tax)

Shimla Property Tax
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Published : Jul 1, 2023, 7:14 PM IST

Updated : Jul 1, 2023, 8:27 PM IST

नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान और भाजपा की रुलदुभट्टा से पार्षद सरोज ठाकुर

शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में रहना महंगा हो गया है नगर निगम ने शिमला शहर में प्रॉपर्टी टैक्स में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की है. शनिवार को नगर निगम शिमला की बचत भवन में हुई मासिक बैठक में पार्षदों के विरोध के बावजूद संपत्ति कर में 4 फीसद की बढ़ोतरी पर मुहर लग गई.

शनिवार को नगर निगम की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव सदन में रखा गया जिस पर पार्षद भड़क गए और उस सदन में जमकर हंगामा किया. भाजपा पार्षदों के साथ कांग्रेस के कुछ पार्षदों में भी प्राप्ति टैक्स बढ़ाने के फैसले का विरोध किया लेकिन नगर निगम ने नए फार्मूले का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को बैठक में मंजूरी दे दी. निगम प्रशासन की ओर से बताया गया कि यदि इसे लागू नहीं किया जाता है तो 40 करोड की अनुदान राशि पर संकट गहराएगा. वर्तमान में केंद्र सरकार से शिमला नगर निगम ये ग्रांट जारी की जाती है, इसमें कट लग सकता है. इसका शहर के विकास कार्यों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा इसलिए शिमला ही नहीं बल्कि पूरे देश में इसी तरह की टैक्स व्यवस्था को लागू किया जाना है. इसके तहत साल में एक बार टैक्स में बढ़ोतरी होगी. इसकी दर राज्य की जीडीपी की 5 साल की औसत पर तय की जाएगी.

शिमला नगर निगम की मासिक बैठक
शिमला नगर निगम की मासिक बैठक

नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से नगर निगम को ग्रांट मिलती है और केंद्र सरकार द्वारा प्रोपर्टी टैक्स को लेकर नया फार्मूला पूरे देश में तय किया गया है. और इसको देखते हुए शहर में चार फीसदी टैक्स में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. यदि टैक्स में बढ़ोतरी नए फार्मूले के तहत नहीं की जाती है तो केंद्र द्वारा जो ग्रांट मिलती है वह बंद हो सकती है. उन्होंने कहा कि हालांकि इस साल प्रॉपर्टी टैक्स में 10 फीसदी बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव था लेकिन चार फीसदी ही टैक्स में बढ़ोतरी की गई है.

बीजेपी पार्षदों ने बैठक के दौरान किया विरोध
बीजेपी पार्षदों ने बैठक के दौरान किया विरोध

भाजपा की रुलदुभट्टा से पार्षद सरोज ठाकुर ने कहा कि नगर निगम द्वारा शिमला शहर में फिर से प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने को लेकर सदन में प्रस्ताव लाया गया था. जिसका सभी पार्षद विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि शहर की जनता पर बोझ नहीं डाला जा सकता है नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए अन्य कार्य करें लेकिन इस तरह से शहर की जनता टैक्स के नाम पर पैसा वसूलना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित नगर निगम आम जनता पर बोझ डालने की कवायद शुरू कर रही है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

बता दें शहर में 30,000 से ज्यादा भवन मालिक टैक्स जमा कराते है. जिसे नगर निगम को सालाना 21 करोड़ की आय होती है. वहीं चार फीसदी टैक्स में बढ़ोतरी के बाद लगभग एक करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश: सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस में ठहरना हुआ महंगा, सुक्खू सरकार ने बढ़ाया रेंट

नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान और भाजपा की रुलदुभट्टा से पार्षद सरोज ठाकुर

शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में रहना महंगा हो गया है नगर निगम ने शिमला शहर में प्रॉपर्टी टैक्स में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की है. शनिवार को नगर निगम शिमला की बचत भवन में हुई मासिक बैठक में पार्षदों के विरोध के बावजूद संपत्ति कर में 4 फीसद की बढ़ोतरी पर मुहर लग गई.

शनिवार को नगर निगम की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव सदन में रखा गया जिस पर पार्षद भड़क गए और उस सदन में जमकर हंगामा किया. भाजपा पार्षदों के साथ कांग्रेस के कुछ पार्षदों में भी प्राप्ति टैक्स बढ़ाने के फैसले का विरोध किया लेकिन नगर निगम ने नए फार्मूले का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को बैठक में मंजूरी दे दी. निगम प्रशासन की ओर से बताया गया कि यदि इसे लागू नहीं किया जाता है तो 40 करोड की अनुदान राशि पर संकट गहराएगा. वर्तमान में केंद्र सरकार से शिमला नगर निगम ये ग्रांट जारी की जाती है, इसमें कट लग सकता है. इसका शहर के विकास कार्यों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा इसलिए शिमला ही नहीं बल्कि पूरे देश में इसी तरह की टैक्स व्यवस्था को लागू किया जाना है. इसके तहत साल में एक बार टैक्स में बढ़ोतरी होगी. इसकी दर राज्य की जीडीपी की 5 साल की औसत पर तय की जाएगी.

शिमला नगर निगम की मासिक बैठक
शिमला नगर निगम की मासिक बैठक

नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से नगर निगम को ग्रांट मिलती है और केंद्र सरकार द्वारा प्रोपर्टी टैक्स को लेकर नया फार्मूला पूरे देश में तय किया गया है. और इसको देखते हुए शहर में चार फीसदी टैक्स में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. यदि टैक्स में बढ़ोतरी नए फार्मूले के तहत नहीं की जाती है तो केंद्र द्वारा जो ग्रांट मिलती है वह बंद हो सकती है. उन्होंने कहा कि हालांकि इस साल प्रॉपर्टी टैक्स में 10 फीसदी बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव था लेकिन चार फीसदी ही टैक्स में बढ़ोतरी की गई है.

बीजेपी पार्षदों ने बैठक के दौरान किया विरोध
बीजेपी पार्षदों ने बैठक के दौरान किया विरोध

भाजपा की रुलदुभट्टा से पार्षद सरोज ठाकुर ने कहा कि नगर निगम द्वारा शिमला शहर में फिर से प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने को लेकर सदन में प्रस्ताव लाया गया था. जिसका सभी पार्षद विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि शहर की जनता पर बोझ नहीं डाला जा सकता है नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए अन्य कार्य करें लेकिन इस तरह से शहर की जनता टैक्स के नाम पर पैसा वसूलना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित नगर निगम आम जनता पर बोझ डालने की कवायद शुरू कर रही है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

बता दें शहर में 30,000 से ज्यादा भवन मालिक टैक्स जमा कराते है. जिसे नगर निगम को सालाना 21 करोड़ की आय होती है. वहीं चार फीसदी टैक्स में बढ़ोतरी के बाद लगभग एक करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश: सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस में ठहरना हुआ महंगा, सुक्खू सरकार ने बढ़ाया रेंट

Last Updated : Jul 1, 2023, 8:27 PM IST
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