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Fake Viral Letter Against IAS: पुलिस ने बिजली बोर्ड के कर्मचारी से की पूछताछ, IAS के खिलाफ फर्जी पत्र वायरल करने का आरोप

आईएएस अधिकारी के खिलाफ वायरल फर्जी पत्र मामले में पुलिस ने राज्य बिजली बोर्ड के एक कर्मचारी को पूछताछ के लिए तलब किया है. आरोप है कि इसी कर्मचारी ने फेसबुक पर इस पत्र को वायरल किया था. पढ़ें पूरी खबर..(Fake viral letter against IAS)

Fake viral letter case against Himachal IAS
हिमाचल आईएएस के खिलाफ फर्जी वायरल पत्र मामला
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 10:38 PM IST

शिमला: आईएएस अधिकारी के खिलाफ फर्जी पत्र वायरल करने के मामले में जांच तेज हो गई है. इस मामले में पुलिस ने राज्य बिजली बोर्ड के एक कर्मचारी को पूछताछ के लिए तलब किया है. जो मंडी के सरकाघाट का रहने वाला है. बता दें, इसी कर्मचारी ने फेसबुक पर इस पत्र को वायरल किया था. वहीं, पुलिस की पूछताछ में इसने बताया कि इस के पास व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड होकर यह पत्र आया था. जिसे इसने आगे फेसबुक पर वायरल किया. इस मामले में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए मनोज शर्मा को कोर्ट में पेश किया गया. उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. वहीं, पुलिस का दावा है कि इस पत्र को लिखने वाले को जल्द ही बेनकाब किया जाएगा कि किस मंशा से इसे जारी किया गया. इसका भी पता लगाया जा रहा है.

व्हाट्सएप पर पत्र वायरल करने वाले राडार पर: दरअसल, व्हाट्सएप के जरिए इस पत्र को आगे से आगे प्रसारित करने वाले भी पुलिस के राडार पर है. पत्र सबसे पहले किस ग्रुप पर आया. किसने इसे भेजा था, इसकी भी जांच की जा रही है. जांच में सामने आया है कि इस पत्र को नेताओं से लेकर अधिकारियों को भेजा गया. बता दें, इंटरनेट और सोशल मीडिया पर यह पत्र खूब प्रसारित हुआ. जिसके बाद इसकी जांच बिठाई गई. बताया जा रहा है कि पूर्व में भी कई पत्र जारी हुए हैं. इन पत्रों में भर्ती प्रक्रिया से लेकर कई चीजों को उठाया गया था. अब चूंकि एक मामले की जांच शुरू हो गई है तो, अन्य पत्र भी जांच के दायरे में आ गए हैं. इनके खिलाफ भी जांच बिठाने की तैयारी चल रही है.

सरकार को बदनाम करने को रचा गया षड्यंत्र: मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि सरकार छवि को खराब करने के लिए सोची समझी साजिश के तहत इस पत्र को इंटरनेट मीडिया पर जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि राजनीतिक मंशा के तहत इस तरह के प्रयास कर सरकार और अधिकारियों की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस आपदा के समय में जनता के बीच जाकर काम किया है. इस दौरान मुख्यमंत्री से लेकर सरकार तक सभी लोग जनता के बीच नजर आए. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक, नीति आयोग भी मुख्यमंत्री के कार्यों की सराहना कर चुके हैं. यहां तक की भाजपा के वरिष्ठ नेता ने भी प्राकृतिक आपदा में मुख्यमंत्री के कार्यों की सराहना की है. नरेश चौहान ने कहा कि आपदा से प्रदेश को 10 से 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार और प्रदेश की जनता आर्थिक सहायता के लिए केंद्र की ओर देख रही है.

रोजाना 16 से 17 घंटे कर रहे काम: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सेहत ठीक न होने को लेकर चल रही खबरों के बीच मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार 16 से 17 घंटे रोजाना कम कर रहे हैं. ऐसे में उनकी बीमारी की खबर उड़ना छोटी सोच का नतीजा है. उन्होंने इस तरह की तमाम खबरों को प्रोपेगेंडा करार दिया है.

क्या है मामला: दरअसल, बीते दिनों इंटरनेट मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ था. वायरल फर्जी पत्र में आरोप लगाए गए थे कि निजी क्षेत्र में स्थापित बिजली परियोजनाओं से करोड़ों रुपए लिए जा रहे हैं. यही नहीं इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि अधिकारी के जयपुर में बनाए जा रहे घर का काम भी एक कंपनी से करवाया जा रहा है. वहीं, बड़े होटलों में पार्टियां करवाई जा रही है, जिसके बिलों का भुगतान करने को इन कंपनियों को कहा जा रहा है. यदि वह इसको लेकर विरोध करते हैं तो, उन्हें सस्पेंशन की धमकी दी जा रही है.

ये भी पढ़ें: IAS के खिलाफ गुमनाम पत्र पर चढ़ा सियासी पारा, बीजेपी ने CMO का बताया भ्रष्टाचार का अड्डा!

शिमला: आईएएस अधिकारी के खिलाफ फर्जी पत्र वायरल करने के मामले में जांच तेज हो गई है. इस मामले में पुलिस ने राज्य बिजली बोर्ड के एक कर्मचारी को पूछताछ के लिए तलब किया है. जो मंडी के सरकाघाट का रहने वाला है. बता दें, इसी कर्मचारी ने फेसबुक पर इस पत्र को वायरल किया था. वहीं, पुलिस की पूछताछ में इसने बताया कि इस के पास व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड होकर यह पत्र आया था. जिसे इसने आगे फेसबुक पर वायरल किया. इस मामले में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए मनोज शर्मा को कोर्ट में पेश किया गया. उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. वहीं, पुलिस का दावा है कि इस पत्र को लिखने वाले को जल्द ही बेनकाब किया जाएगा कि किस मंशा से इसे जारी किया गया. इसका भी पता लगाया जा रहा है.

व्हाट्सएप पर पत्र वायरल करने वाले राडार पर: दरअसल, व्हाट्सएप के जरिए इस पत्र को आगे से आगे प्रसारित करने वाले भी पुलिस के राडार पर है. पत्र सबसे पहले किस ग्रुप पर आया. किसने इसे भेजा था, इसकी भी जांच की जा रही है. जांच में सामने आया है कि इस पत्र को नेताओं से लेकर अधिकारियों को भेजा गया. बता दें, इंटरनेट और सोशल मीडिया पर यह पत्र खूब प्रसारित हुआ. जिसके बाद इसकी जांच बिठाई गई. बताया जा रहा है कि पूर्व में भी कई पत्र जारी हुए हैं. इन पत्रों में भर्ती प्रक्रिया से लेकर कई चीजों को उठाया गया था. अब चूंकि एक मामले की जांच शुरू हो गई है तो, अन्य पत्र भी जांच के दायरे में आ गए हैं. इनके खिलाफ भी जांच बिठाने की तैयारी चल रही है.

सरकार को बदनाम करने को रचा गया षड्यंत्र: मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि सरकार छवि को खराब करने के लिए सोची समझी साजिश के तहत इस पत्र को इंटरनेट मीडिया पर जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि राजनीतिक मंशा के तहत इस तरह के प्रयास कर सरकार और अधिकारियों की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस आपदा के समय में जनता के बीच जाकर काम किया है. इस दौरान मुख्यमंत्री से लेकर सरकार तक सभी लोग जनता के बीच नजर आए. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक, नीति आयोग भी मुख्यमंत्री के कार्यों की सराहना कर चुके हैं. यहां तक की भाजपा के वरिष्ठ नेता ने भी प्राकृतिक आपदा में मुख्यमंत्री के कार्यों की सराहना की है. नरेश चौहान ने कहा कि आपदा से प्रदेश को 10 से 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार और प्रदेश की जनता आर्थिक सहायता के लिए केंद्र की ओर देख रही है.

रोजाना 16 से 17 घंटे कर रहे काम: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सेहत ठीक न होने को लेकर चल रही खबरों के बीच मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार 16 से 17 घंटे रोजाना कम कर रहे हैं. ऐसे में उनकी बीमारी की खबर उड़ना छोटी सोच का नतीजा है. उन्होंने इस तरह की तमाम खबरों को प्रोपेगेंडा करार दिया है.

क्या है मामला: दरअसल, बीते दिनों इंटरनेट मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ था. वायरल फर्जी पत्र में आरोप लगाए गए थे कि निजी क्षेत्र में स्थापित बिजली परियोजनाओं से करोड़ों रुपए लिए जा रहे हैं. यही नहीं इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि अधिकारी के जयपुर में बनाए जा रहे घर का काम भी एक कंपनी से करवाया जा रहा है. वहीं, बड़े होटलों में पार्टियां करवाई जा रही है, जिसके बिलों का भुगतान करने को इन कंपनियों को कहा जा रहा है. यदि वह इसको लेकर विरोध करते हैं तो, उन्हें सस्पेंशन की धमकी दी जा रही है.

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