शिमलाः टेंडर की शर्तों में नगर निगम ने बदलाव कर दिया है और अब ठेकेदारों को परफॉर्मेंस गारंटी के तौर पर टेंडर की 5 फीसदी राशि का ही अग्रिम भुगतान करना होगा. पहले 10 फीसदी गारंटी राशि नगर निगम के पास जमा करनी पड़ती थी, लेकिन ठेकेदारों की मांग के बाद नगर निगम ने इसे घटा दिया है. नगर निगम ने बीते साल परफार्मेंस गारंटी को 10 फीसदी किया था, लेकिन ठेकेदार ज्यादा रुचि नहीं ले रहे थे.
ये कहना है ठेकेदारों का
ठेकेदारों का कहना है कि यदि 1 करोड़ का टेंडर लेने पर उसे 10 लाख रुपये गारंटी के तौर पर एडवांस में ही जमा करवाना पड़ा तो वह काम कैसे शुरू होगा. विकासनगर समेत कई पार्किंग का काम इसी वजह से अटक गया था. वहीं, दूसरे विभागों में भी 5 फीसदी ही गारंटी ली जा रही है. ऐसे में ठेकेदार इसे घटाने की मांग पर अड़े थे. नगर निगम सदन ने भी इसे घटाने को मंजूरी दे दी है. अब नगर निगम नए टेंडरों पर यह नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है.
सदन की मंजूरी के बाद किया लागू
नगर निगम शिमला के आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि परफॉर्मेंस गारंटी को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया है और अन्य विभागों में भी 5 फीसदी परफॉर्मेंस गारंटी ठेकेदारों से ली जा रही है. सदन की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जा रहा है.
बता दें कई ठेकेदार टेंडर अवार्ड होने के बाद काम देरी से शुरू कर रहे थे जिसको देखते हुए निगम ने परफार्मेंस गारंटी बड़ा दी थी ताकि कुल टेंडर का 10 फीसदी हिस्सा काम से पहले ही लिया जाए तो इन्हें मजबूरन काम समय पर शुरू करना होगा. यदि यह काम देरी से शुरू करते हैं तो 10 फीसदी राशि नगर निगम जब्त कर सकता है. कई महीनों तक यह व्यवस्था लागू रही. लेकिन ठेेकेदारों ने अब इसका विरोध कर दिया, जिसके चलते निगम को गारन्टी 5 फीसदी करनी पड़ी है.
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