शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अब घर से कूड़ा उठाने का बिल नहीं देने वाले भवन मालिकों की मुश्किल बढ़ने वाली है. अगर किसी ने कूड़ा का बिल समय से नहीं दिया उसके घर से बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया जाएगा. शिमला नगर निगम प्रशासन ने इसके लिए अपने एक्ट में संशोधन करने का प्रस्ताव पास किया है. निगम के हाउस से इसे पास करवा कर अब सरकार को मंजूरी के लिए भेजा है. सरकार की स्वीकृति के बाद ही इसे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
शहर में कूड़े के बिल देने के बाद पैसा कम न होने व रसीद न मिलने का मामला भी पार्षदों ने बैठक में उठाया. इस पर प्रशासन ने साफ किया कि ये नई तकनीक है, अभी कुछ दिक्कते हैं, आने वाले समय में पूरा सिस्टम सही हो जाएगा. शहर में लोगों को पानी की किल्लत न हो, इसके लिए शहर में जितनी भी बावड़िया हैं, वहां पर फिल्टर लगाकर पानी को पीने लायक बनाया जाएगा. इसके लिए सभी पार्षदों को कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र में जहां भी पानी की बावड़ी है, उसकी जानकारी नगर निगम को दें. नगर निगम इसका पूरा प्रस्ताव करके शिमला जल प्रबंधन निगम को देगा. ताकि इसके माध्यम से यहां पर फिल्टर लगाया जा सकेगा. ताकि इस पानी का इस्तेमाल किया जा सकेगा. वित्तीय संसाधन जुटानों को निगम विशेष बैठक का आयोजन शीघ्र करेगा.
शहर से भीड़ को कम करने के लिए यूनिटी मॉल के बनाने को भी मंजूरी दे दी. यूनिटी मॉल के बनने के बाद शहर से शहर से सब्जी मंडी, टिंबर मार्केट से लेकर अन्य सभी व्यस्ततम बाजारों को शिफ्ट करने की तैयारी है. केंद्र सरकार की योजना के तहत इसका निमार्ण किया जाना है. केंद्र ने इसके लिए 5 हजार करोड़ का बजट रखा है. इसका प्रस्ताव नगर निगम सरकार को मंजूरी के लिए भेजेगा. सरकार की हरी झंडी के बाद पूरा प्रस्ताव तैयार कर केंद्र के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाना है.
वहीं, शहर में टूटीकंडी में पानी का नाला जहां पर भवन निर्माण या होटलों के लिए पानी भरा जाता है, निगम इस नाले से भी साफ पानी लिफ्ट हो, इसके लिए व्यवस्था करेगा. शहर में नगर निगम के पास पहले 18 काम थे, अभी निगम के पास महज कूड़ा उठाने का ही काम है. इसलिए निगम को ओर काम सरकार से मिल सके. इसका प्रस्ताव पास कर सरकार के पास भेजा गया है. निगम ने सरकार से जंगल, ट्रांसपोर्ट, स्कूल, बिजली व पानी को मांगने का प्रस्ताव भेजने का फैसला लिया है.
शहर में विकास कार्यों में वन मंजूरी के लिए प्रस्ताव लटके हैं. इन प्रस्तावों का पूरा स्टेट्स पता करने के लिए सरकार से कैसे जल्द मंजूरी मिल सकती है. इसलिए वन मंजूरी से जुड़े जितने भी मामले होंगे, इसको लेकर एक संयुक्त बैठक जल्द की जाएगी.
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