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कर्फ्यू से लाभ: जल निगम ने ठीक की पानी की लीकेज, मिलेगा 3 MLD अतिरिक्त पानी - काफी पानी लीकेज से बर्बाद

कर्फ्यू के दौरान शिमला जल प्रबंध निगम ने शहर में जगह-जगह हो रही पानी की लीकेज को ठीक कर दिया है. शिमला में सालों से सड़कों के नीचे पेयजल पाइपों में पानी का रिसाव हो रहा था, लेकिन ट्रैफिक की वजह से खुदाई कर पाना संभव नहीं था. बहरहाल, कर्फ्यू का फायदा उठाते हुए शिमला एमसी ने 46 स्थानों पर पानी की लीकेज को ठीक कर दिया है.

Shimla MC repairs water pipes
शिमला MC ने की पानी की पाइपों की मुरम्मत.
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Published : Apr 21, 2020, 2:36 PM IST

शिमला: कोरोना कर्फ्यू के बीच शिमला जल निगम शहर में हो रही पानी की बर्बादी को रोकने में जुट गया है. शहर में सड़कों के नीचे पेयजल पाइपों में पानी का रिसाव कई वर्षों से हो रहा था, लेकिन ट्रैफिक की वजह से निगम खुदाई नहीं कर पा रहा था. वहीं, कर्फ्यू के दौरान निगम ने शहर में 46 स्थानों पर हो रही पानी की लीकेज को ठीक कर दिया है.

राजधानी में कालीबाड़ी, समरहिल, ओल्ड बस स्टैंड, विकासनगर, कसुम्पटी सहित अन्य कई स्थानों पर पानी की पाइपों में लीकेज हो रही थी, जिससे पानी की बर्बादी हो रही थी. शहर में 46 स्थानों पर हो रही पानी की लीकेज को ठीक करने के बाद अब शहरवासियों को हर रोज तीन एमएलडी अतिरिक्त पानी मिलेगा.

वीडियो.

शिमला जल प्रबंध निगम के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र गिल ने कहा को शहर में कई पाइप लाइनें अंग्रेजों के समय की बिछी हुई है. इन पाइपों में काफी समय से लीकेज हो रही थी, लेकिन सड़कों पर ट्रैफिक की वजह से निगम मुरम्मत का कार्य नहीं कर पा रहा था. वहीं, कोरोना को लेकर लगाए गए कर्फ्यू के चलते शहर में सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बहुत कम है, जिसको देखते हुए पूरे शहर में पानी की पाइपों की मुरम्मत का कार्य शुरू किया गया और 46 जगहों पर पाइपों को ठीक कर रोजाना तीन एमएलडी पानी को बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा.

बता दें कि राजधानी में 45 एमएलडी से अधिक पानी हररोज सप्लाई होता है, लेकिन काफी पानी लीकेज से बर्बाद हो रहा है. गर्मियों में हर साल पानी की कमी से जूझना पड़ता है. वहीं, जल निगम अब पानी की लाइन की मरम्मत कर पानी को बर्बाद होने से बचाने में जुटा है.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन का रोजी-रोटी पर असर, गाड़ियों पर ब्रेक से मैकेनिकों के चूल्हे हुए 'ठंडे'

शिमला: कोरोना कर्फ्यू के बीच शिमला जल निगम शहर में हो रही पानी की बर्बादी को रोकने में जुट गया है. शहर में सड़कों के नीचे पेयजल पाइपों में पानी का रिसाव कई वर्षों से हो रहा था, लेकिन ट्रैफिक की वजह से निगम खुदाई नहीं कर पा रहा था. वहीं, कर्फ्यू के दौरान निगम ने शहर में 46 स्थानों पर हो रही पानी की लीकेज को ठीक कर दिया है.

राजधानी में कालीबाड़ी, समरहिल, ओल्ड बस स्टैंड, विकासनगर, कसुम्पटी सहित अन्य कई स्थानों पर पानी की पाइपों में लीकेज हो रही थी, जिससे पानी की बर्बादी हो रही थी. शहर में 46 स्थानों पर हो रही पानी की लीकेज को ठीक करने के बाद अब शहरवासियों को हर रोज तीन एमएलडी अतिरिक्त पानी मिलेगा.

वीडियो.

शिमला जल प्रबंध निगम के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र गिल ने कहा को शहर में कई पाइप लाइनें अंग्रेजों के समय की बिछी हुई है. इन पाइपों में काफी समय से लीकेज हो रही थी, लेकिन सड़कों पर ट्रैफिक की वजह से निगम मुरम्मत का कार्य नहीं कर पा रहा था. वहीं, कोरोना को लेकर लगाए गए कर्फ्यू के चलते शहर में सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बहुत कम है, जिसको देखते हुए पूरे शहर में पानी की पाइपों की मुरम्मत का कार्य शुरू किया गया और 46 जगहों पर पाइपों को ठीक कर रोजाना तीन एमएलडी पानी को बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा.

बता दें कि राजधानी में 45 एमएलडी से अधिक पानी हररोज सप्लाई होता है, लेकिन काफी पानी लीकेज से बर्बाद हो रहा है. गर्मियों में हर साल पानी की कमी से जूझना पड़ता है. वहीं, जल निगम अब पानी की लाइन की मरम्मत कर पानी को बर्बाद होने से बचाने में जुटा है.

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