शिमला: एक समय था जब किसी अपराध में सजा काट रहे कैदी को जेल में चक्की पीस कर सजा भुगतने को मजबूर रहना पड़ता था और जब वे जेल से बाहर आते थे, तो उनके पास कुछ करने को नहीं होता था, लेकिन हिमाचल में जेलों के बंद कैदियों के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्य से कैदियों की दशा ही बदल गईं है. शनिवार को ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में जेलों में सजा काट रहे कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई.
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प्रदर्शनी का शुभांरभ अतिरिक्त मुख्य सचिव होम डिपार्टमेंट मनोज कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि यहां जेलों में बंद कैदियों के हुनर को लोग पसंद कर रहे हैं और उनके द्वारा बनाए गए उत्पाद हाथों हाथ बिक रहे हैं.
उनके उत्पादों में खाद्य पदार्थ, कपड़े, फर्नीचर,सजावट के सामान शामिल है जिन्हें प्रदर्शनी देखने आए लोग बहुत पसंद कर रहे हैं. डीजीपी सोमेश गोयल के अनुसार कैदियों को जेल में हुनर सिखाया जाता है जिससे वह अपनी जीविका कमा सके. उन्होंने कहा कि पिछले साल 1 करोड़ से अधिक रुपये प्रदर्शनी से कमा कर उनमे बांटे गए थे और इस बार लक्ष्य 2 करोड़ का है.