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गेयटी थियेटर में दिखा जेल में बंद कैदियों का हुनर, हाथों हाथ बिक रहा प्रदर्शनी में रखा सामान - DGP Somesh Goyal

ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में जेलों में सजा काट रहे कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई. उत्पादों में खाद्य पदार्थ, कपड़े, फर्नीचर, सजावट के सामान शामिल है जिन्हें प्रदर्शनी देखने आए लोग बहुत पसंद कर रहे हैं.

गेयटी थियेटर में दिखा जेल में बंद कैदियों का हुनर, हाथों हाथ बिक रहा प्रदर्शनी में रखा सामान
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Published : Jul 20, 2019, 3:01 PM IST

शिमला: एक समय था जब किसी अपराध में सजा काट रहे कैदी को जेल में चक्की पीस कर सजा भुगतने को मजबूर रहना पड़ता था और जब वे जेल से बाहर आते थे, तो उनके पास कुछ करने को नहीं होता था, लेकिन हिमाचल में जेलों के बंद कैदियों के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्य से कैदियों की दशा ही बदल गईं है. शनिवार को ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में जेलों में सजा काट रहे कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई.

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प्रदर्शनी का शुभांरभ अतिरिक्त मुख्य सचिव होम डिपार्टमेंट मनोज कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि यहां जेलों में बंद कैदियों के हुनर को लोग पसंद कर रहे हैं और उनके द्वारा बनाए गए उत्पाद हाथों हाथ बिक रहे हैं.

वीडियो.

उनके उत्पादों में खाद्य पदार्थ, कपड़े, फर्नीचर,सजावट के सामान शामिल है जिन्हें प्रदर्शनी देखने आए लोग बहुत पसंद कर रहे हैं. डीजीपी सोमेश गोयल के अनुसार कैदियों को जेल में हुनर सिखाया जाता है जिससे वह अपनी जीविका कमा सके. उन्होंने कहा कि पिछले साल 1 करोड़ से अधिक रुपये प्रदर्शनी से कमा कर उनमे बांटे गए थे और इस बार लक्ष्य 2 करोड़ का है.

शिमला: एक समय था जब किसी अपराध में सजा काट रहे कैदी को जेल में चक्की पीस कर सजा भुगतने को मजबूर रहना पड़ता था और जब वे जेल से बाहर आते थे, तो उनके पास कुछ करने को नहीं होता था, लेकिन हिमाचल में जेलों के बंद कैदियों के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्य से कैदियों की दशा ही बदल गईं है. शनिवार को ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में जेलों में सजा काट रहे कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई.

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प्रदर्शनी का शुभांरभ अतिरिक्त मुख्य सचिव होम डिपार्टमेंट मनोज कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि यहां जेलों में बंद कैदियों के हुनर को लोग पसंद कर रहे हैं और उनके द्वारा बनाए गए उत्पाद हाथों हाथ बिक रहे हैं.

वीडियो.

उनके उत्पादों में खाद्य पदार्थ, कपड़े, फर्नीचर,सजावट के सामान शामिल है जिन्हें प्रदर्शनी देखने आए लोग बहुत पसंद कर रहे हैं. डीजीपी सोमेश गोयल के अनुसार कैदियों को जेल में हुनर सिखाया जाता है जिससे वह अपनी जीविका कमा सके. उन्होंने कहा कि पिछले साल 1 करोड़ से अधिक रुपये प्रदर्शनी से कमा कर उनमे बांटे गए थे और इस बार लक्ष्य 2 करोड़ का है.

Intro:गेयटी थियेटर में दिखा जेलों में बंद कैदियों का हुनर हाथो हाथ बिक रहा प्रदर्शनी में रखा सामान
शिमला।
एक समय था जब किसी अपराध में साझा काट रहे कैदी को जेल में चक्की पीस कर सजा भुगतने को मजबूर रहना पड़ता था और जब जेल से बाहर आता था तो उसके पास कुछ करने को नही होता था। लेकिन हिमाचल में जेलों के बंद कैदियो के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्य से कैदियों की दशा ही बदल गईं है। शनिवार को ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में जेलों में सजा काट रहे कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई ।


Body:प्रदर्षनी का उद्घाटन अतिरिक्त मुख्य सचिव होम मनोज कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि यहां जेलों में बंद कैदियों के हुनर को लोग पसंद कर रहे है और उनके द्वारा बनाए गय उत्पाद हाथो हाथ बिक रहे है। उन्होंने कहा कि जेलों में गुनहगार को सुधार कर उन्हें इस काबिल बनाया जा रहा है कि वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके। ओर जेल से सजा काटने के बाद जब अपने घर जाए तो वह अपने हुनर से कमा सके।


Conclusion:कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पाद हाथो हाथ बिक रहे है। उनके उत्पादों में खाद्य पदार्थ, कपड़े ,फर्नीचर,सजावट के सामान शामिल है जिन्हें प्रदर्शनी देखने आए लोग बहुत पसंद कर रहे है।डीजीपी सोमेश गोयल के अनुसार कैदियों को जेल में हुनर सिखाया जाता है जिससे वह अपनी जीविका कमा सके। उन्होने कहा कि पिछेल साल 1करोड़ से अधिक रुपये प्रदर्शनी से कमा कर उनमे बांटा गया था और इस बार लक्ष्य 2करोड़ का है ताकि जेलों में।बंद कैदी गर्व महसूस कर सके।
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