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Sharadiya Navratri 2023: नवरात्रि को लेकर शिमला के मंदिरों में तैयारियां शुरू, तारादेवी के लिए HRTC चलाएगा विशेष बस - शिमला तारादेवी माता मंदिर

रविवार से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा है. इसको लेकर राजधानी शिमला के मंदिरों में तैयारियां शुरू हो चुकी है. वहीं, एचआरटीसी ने तारादेवी माता मंदिर के लिए विशेष बस चलाने का फैसला लिया है. पढ़िए पूरी खबर....(Sharadiya Navratri 2023) (Shimla temples decorated for Durga Puja) (Durga Puja HRTC special bus)

Sharadiya Navratri 2023
नवरात्रि को लेकर शिमला के मंदिरों में तैयारियां शुरू
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 14, 2023, 5:55 PM IST

Updated : Oct 15, 2023, 4:45 PM IST

शिमला: 15 अक्टूबर से देशभर नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है. इसको लेकर शिमला शहर में लेकर मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. शहर के मंदिरों के कपाट रविवार सुबह 5 बजे दर्शनों के लिए खुल जाएंगे. वहीं, तारादेवी मंदिर के लिए हर 10 मिनट के बाद एचआरटीसी बसों को चलाएगा. देवी पूजा का 9 दिवसीय पर्व 23 अक्टूबर तक चलेगा. पहले दिन माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाएगी और कलश स्थापना होगी. नवरात्रि में श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. मंदिर में अतिरिक्त पुजारी और सुरक्षा बल तैनात रहेंगे.

शिमला के तारादेवी माता मंदिर में नवरात्रि में दो पुजारी श्रद्धालुओं को माथा टेकने, तीन भोग देने और चार पुजारी पाठ के लिए मौजूद रहेंगे. सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक मां के कपाट भक्तों के लिए खुले रहेंगे. मंदिर के पुजारी अनिल शर्मा ने बताया अष्टमी के दिन मंदिर में दंगल मेले का आयोजन किया जाएगा. इस दिन मंदिर में विशेष हवन होगा. वहीं, नवरात्रि के दौरान एचआरटीसी की ओर से तारादेवी मंदिर के लिए विशेष बसें और टैक्सियां चलाई जाएगी. तारादेवी मंदिर के लिए लगातार बसें चलती रहेगी. हर 10 मिनट बाद बसों की आवाजाही होगी. इसके अलावा लोगों की डिमांड पर भी बसें चलाई जाएंगी.

एचआरटीसी के आरएम लोकल विनोद शर्मा ने बताया कि मंदिरों में अतिरिक्त बसों के साथ एचआरटीसी टैक्सी, टेपों ट्रेवलर भी चलाएं जाएंगे. तारादेवी के लिए बड़ी बसें भी चलाई जाएगी. इसके लिए बड़ी बस का ट्रायल किया गया था. वहीं, सुरक्षा की बात करें तो मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है. इसके अलावा परिसरों में लगे सीसीटीवी कैमरों से भी संदिग्धों पर नजर रखी जाएगी. शहर के लगभग सभी मंदिरों में भक्तों के लिए भंडारें भी लगेंगे.

नवरात्रि के पहले दिन होगी मां शैलपुत्री की पूजा: पंडितों के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप श्री शैलपुत्री का पूजन किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि मां के इस भव्य स्वरूप की उत्पत्ति शैल यानी पत्थर से हुई है. इसलिए मां को शैलपुत्री नाम से जाना जाता है. मां के इस स्वरुप को हेमावती तथा पार्वती के नाम से भी जाना जाता है. मां की स्वारी वृष होने के कारण इनको वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल धारण किए हुए हैं. मां का यह रूप सुखद मुस्कान और आनंदित दिखाई पड़ता है. मां का ग्रह चंद्रमा हैं. मां का देवी शैलपुत्री रूप सभी भाग्य का प्रदाता माना जाता है. चंद्रमा के पड़ने वाले किसी भी बुरे प्रभाव को नियंत्रित करती हैं. वहीं मां का शुभ रंग स्लेटी है.

ये भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि पर बन रहे 3 दुर्लभ राजयोग, इन राशि का जातकों का चमकेगा भाग्य

शिमला: 15 अक्टूबर से देशभर नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है. इसको लेकर शिमला शहर में लेकर मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. शहर के मंदिरों के कपाट रविवार सुबह 5 बजे दर्शनों के लिए खुल जाएंगे. वहीं, तारादेवी मंदिर के लिए हर 10 मिनट के बाद एचआरटीसी बसों को चलाएगा. देवी पूजा का 9 दिवसीय पर्व 23 अक्टूबर तक चलेगा. पहले दिन माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाएगी और कलश स्थापना होगी. नवरात्रि में श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. मंदिर में अतिरिक्त पुजारी और सुरक्षा बल तैनात रहेंगे.

शिमला के तारादेवी माता मंदिर में नवरात्रि में दो पुजारी श्रद्धालुओं को माथा टेकने, तीन भोग देने और चार पुजारी पाठ के लिए मौजूद रहेंगे. सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक मां के कपाट भक्तों के लिए खुले रहेंगे. मंदिर के पुजारी अनिल शर्मा ने बताया अष्टमी के दिन मंदिर में दंगल मेले का आयोजन किया जाएगा. इस दिन मंदिर में विशेष हवन होगा. वहीं, नवरात्रि के दौरान एचआरटीसी की ओर से तारादेवी मंदिर के लिए विशेष बसें और टैक्सियां चलाई जाएगी. तारादेवी मंदिर के लिए लगातार बसें चलती रहेगी. हर 10 मिनट बाद बसों की आवाजाही होगी. इसके अलावा लोगों की डिमांड पर भी बसें चलाई जाएंगी.

एचआरटीसी के आरएम लोकल विनोद शर्मा ने बताया कि मंदिरों में अतिरिक्त बसों के साथ एचआरटीसी टैक्सी, टेपों ट्रेवलर भी चलाएं जाएंगे. तारादेवी के लिए बड़ी बसें भी चलाई जाएगी. इसके लिए बड़ी बस का ट्रायल किया गया था. वहीं, सुरक्षा की बात करें तो मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है. इसके अलावा परिसरों में लगे सीसीटीवी कैमरों से भी संदिग्धों पर नजर रखी जाएगी. शहर के लगभग सभी मंदिरों में भक्तों के लिए भंडारें भी लगेंगे.

नवरात्रि के पहले दिन होगी मां शैलपुत्री की पूजा: पंडितों के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप श्री शैलपुत्री का पूजन किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि मां के इस भव्य स्वरूप की उत्पत्ति शैल यानी पत्थर से हुई है. इसलिए मां को शैलपुत्री नाम से जाना जाता है. मां के इस स्वरुप को हेमावती तथा पार्वती के नाम से भी जाना जाता है. मां की स्वारी वृष होने के कारण इनको वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल धारण किए हुए हैं. मां का यह रूप सुखद मुस्कान और आनंदित दिखाई पड़ता है. मां का ग्रह चंद्रमा हैं. मां का देवी शैलपुत्री रूप सभी भाग्य का प्रदाता माना जाता है. चंद्रमा के पड़ने वाले किसी भी बुरे प्रभाव को नियंत्रित करती हैं. वहीं मां का शुभ रंग स्लेटी है.

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Last Updated : Oct 15, 2023, 4:45 PM IST
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