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Shaheed Diwas 2023: कांग्रेस नेताओं ने 'बापू' को रिज पर दी श्रद्धांजलि

Congress leaders paid tribute to Mahatma Gandhi: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 75वीं पुण्यतिथि पर शिमला के रिज मैदान पर जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान सभी कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

Shaheed Diwas 2023
कांग्रेस नेताओं ने 'बापू' को रिज पर दी श्रद्धांजलि.
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Published : Jan 30, 2023, 5:01 PM IST

कांग्रेस नेताओं ने 'बापू' को रिज पर दी श्रद्धांजलि.

शिमला: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 75वीं पुण्यतिथि को देशभर में शहीदी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. प्रदेश में भी जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी जा रही है. वहीं, शिमला के रिज मैदान पर जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पशुपालन मंत्री चन्द्र कुमार, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकर नरेश चौहान, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी सहित कांग्रेस के नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस दौरान 2 मिनट का मौन रखा गया और महात्मा गांधी के बलिदान को याद किया गया.

बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि 30 जनवरी 1948 को आजादी के जश्न मनाते हुए एक साल भी पूरा नहीं हुआ था और सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की निर्मम हत्या कर दी गई तब से लेकर 30 जनवरी को शहीदी दिवस के रूप में देश में मनाया जाता है. साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए बलिदान दिया है. उन्हें आज नमन करते हैं और महात्मा गांधी की सत्य और अहिंसा के सोच को आगे लेकर बढ़ रहे हैं.

Shaheed Diwas 2023
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल अर्पित करते बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4000 किलोमीटर तक भारत जोड़ो यात्रा चलाई है और जो नफरत की जो राजनीति देश मे हो रही है. उसको कम करने के लिए और आपसी भाईचारा बनाए रखने के लिए यात्रा की है साथ ही महात्मा गांधी के दिखाए मार्ग पर आगे बढ़ना है. उनके विचारों को लोगों के बीच ले जाना है. उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया गया है.

30 जनवरी 1948 को की गई थी महात्मा गांधी की हत्या

भारतीय इतिहास में 30 जनवरी के दिन को एक बहुत ही दुखद दिन के रूप में याद किया जाता है. दरअसल 30 जनवरी 1948 को ही महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

Shaheed Diwas 2023
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकर नरेश चौहान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल अर्पित करते हुए.

23 मार्च से क्यों अलग है यह शहीद दिवस

अक्सर लोगों के मन में ये विचार आ रहा है कि आखिर 23 मार्च को भी तो शहीद दिवस मनाया जाता है और वह 30 जनवरी से आखिर कैसे अलग हैं. तो आपको बता कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, वहीं 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, इसलिए इन अमर शहीदों की याद में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है.

कैसे मनाया जाता है शहीद दिवस

हर साल इस दिन राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. साथ ही सेना के जवान इस मौके पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सम्मान में अपने हथियार को नीचे झुकाते हैं. इस मौके पर पूरे देश में महात्मा गांधी समेत अन्य शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा जाता है. इस दौरान विशेष तौर पर सभी धर्म के लोग प्राथना का भी आयोजन कराते हैं. 30 जनवरी के अलावा 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है. बता दें कि 23 मार्च के दिन ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी दी गई थी. इसीलिए 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें- लाहौल की तिनंन घाटी में बर्फबारी के बीच मनाया गया हालडा पर्व, आज मनाया जाएगा कुंसिल पर्व

कांग्रेस नेताओं ने 'बापू' को रिज पर दी श्रद्धांजलि.

शिमला: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 75वीं पुण्यतिथि को देशभर में शहीदी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. प्रदेश में भी जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी जा रही है. वहीं, शिमला के रिज मैदान पर जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पशुपालन मंत्री चन्द्र कुमार, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकर नरेश चौहान, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी सहित कांग्रेस के नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस दौरान 2 मिनट का मौन रखा गया और महात्मा गांधी के बलिदान को याद किया गया.

बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि 30 जनवरी 1948 को आजादी के जश्न मनाते हुए एक साल भी पूरा नहीं हुआ था और सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की निर्मम हत्या कर दी गई तब से लेकर 30 जनवरी को शहीदी दिवस के रूप में देश में मनाया जाता है. साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए बलिदान दिया है. उन्हें आज नमन करते हैं और महात्मा गांधी की सत्य और अहिंसा के सोच को आगे लेकर बढ़ रहे हैं.

Shaheed Diwas 2023
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल अर्पित करते बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4000 किलोमीटर तक भारत जोड़ो यात्रा चलाई है और जो नफरत की जो राजनीति देश मे हो रही है. उसको कम करने के लिए और आपसी भाईचारा बनाए रखने के लिए यात्रा की है साथ ही महात्मा गांधी के दिखाए मार्ग पर आगे बढ़ना है. उनके विचारों को लोगों के बीच ले जाना है. उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया गया है.

30 जनवरी 1948 को की गई थी महात्मा गांधी की हत्या

भारतीय इतिहास में 30 जनवरी के दिन को एक बहुत ही दुखद दिन के रूप में याद किया जाता है. दरअसल 30 जनवरी 1948 को ही महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

Shaheed Diwas 2023
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकर नरेश चौहान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल अर्पित करते हुए.

23 मार्च से क्यों अलग है यह शहीद दिवस

अक्सर लोगों के मन में ये विचार आ रहा है कि आखिर 23 मार्च को भी तो शहीद दिवस मनाया जाता है और वह 30 जनवरी से आखिर कैसे अलग हैं. तो आपको बता कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, वहीं 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, इसलिए इन अमर शहीदों की याद में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है.

कैसे मनाया जाता है शहीद दिवस

हर साल इस दिन राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. साथ ही सेना के जवान इस मौके पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सम्मान में अपने हथियार को नीचे झुकाते हैं. इस मौके पर पूरे देश में महात्मा गांधी समेत अन्य शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा जाता है. इस दौरान विशेष तौर पर सभी धर्म के लोग प्राथना का भी आयोजन कराते हैं. 30 जनवरी के अलावा 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है. बता दें कि 23 मार्च के दिन ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी दी गई थी. इसीलिए 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है.

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