शिमला: जिला शिमला में दो दिवसीय कार्यशाला का किसान मजदूर भवन चितकारा में समापन हुआ. एसएफआई जिला शिमला अध्यक्ष रमन थारटा ने बताया कि इस 2 दिवसीय कार्यशाला का समापन तीन मुख्य मुद्दों के साथ हुआ है.
इस दो दिवसीय कार्यशाला में एसएफआई के कार्यकर्ताओं शिभा के निजीकरण को बंद करने, नई शिक्षा नीति को वापस लेने और छात्र संघ चुनाव बहाल करने के मुद्दों पर चर्चा की. शिमला जिले के सचिव बंटी ठाकुर ने बताया कि एसएफआई आने वाले समय में आम छात्रों से बात करते हुए सरकार की नई शिक्षा नीति व एससीए चुनाव की बहाली के लिए आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा कि आने वाले समय के अंदर इन तीनों मुद्दों को लेकर एसएफआई छात्रों के बीच जाकर जागरूक करेगी.
एसएफआई ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन पूंजीपतियों ने चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों पर खर्चा किया है, सरकार उन्हीं पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसी नीतियां बना रही है. साथ ही आरोप लगाया कि वीरभद्र सरकार ने छात्रों से 2014 में उनके लोकतांत्रिक अधिकार छात्र संघ चुनाव जो बैन किया था. वर्तमान की जयराम ठाकुर के नेतृत्व की भाजपा सरकार भी उनके नक्शे कदम पर चल रही है और छात्र संघ चुनाव को बहाल करने की उनकी मंशा नहीं लग रही है.
जिला अध्यक्ष रमन थारटा और जिला सचिव बंटी ठाकुर ने बताया कि आने वाले समय के अंदर अगर देश व प्रदेश की सरकारें शिक्षा विरोधी फैसले को वापिस नहीं लेती तो एसएफआई उग्र आंदोलन करेगी.
नई शिक्षा नीति के विरोध में SFI, इन मांगों को लेकर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
किसान मजदूर भवन चितकारा में दो दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में नई शिक्षा नीति को वापस लेने और छात्र संघ चुनाव बहाल करने के मुद्दों पर चर्चा हुई, नई शिक्षा नित्ति और छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर एसएफआई आंदोलन करेगी.
शिमला: जिला शिमला में दो दिवसीय कार्यशाला का किसान मजदूर भवन चितकारा में समापन हुआ. एसएफआई जिला शिमला अध्यक्ष रमन थारटा ने बताया कि इस 2 दिवसीय कार्यशाला का समापन तीन मुख्य मुद्दों के साथ हुआ है.
इस दो दिवसीय कार्यशाला में एसएफआई के कार्यकर्ताओं शिभा के निजीकरण को बंद करने, नई शिक्षा नीति को वापस लेने और छात्र संघ चुनाव बहाल करने के मुद्दों पर चर्चा की. शिमला जिले के सचिव बंटी ठाकुर ने बताया कि एसएफआई आने वाले समय में आम छात्रों से बात करते हुए सरकार की नई शिक्षा नीति व एससीए चुनाव की बहाली के लिए आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा कि आने वाले समय के अंदर इन तीनों मुद्दों को लेकर एसएफआई छात्रों के बीच जाकर जागरूक करेगी.
एसएफआई ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन पूंजीपतियों ने चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों पर खर्चा किया है, सरकार उन्हीं पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसी नीतियां बना रही है. साथ ही आरोप लगाया कि वीरभद्र सरकार ने छात्रों से 2014 में उनके लोकतांत्रिक अधिकार छात्र संघ चुनाव जो बैन किया था. वर्तमान की जयराम ठाकुर के नेतृत्व की भाजपा सरकार भी उनके नक्शे कदम पर चल रही है और छात्र संघ चुनाव को बहाल करने की उनकी मंशा नहीं लग रही है.
जिला अध्यक्ष रमन थारटा और जिला सचिव बंटी ठाकुर ने बताया कि आने वाले समय के अंदर अगर देश व प्रदेश की सरकारें शिक्षा विरोधी फैसले को वापिस नहीं लेती तो एसएफआई उग्र आंदोलन करेगी.
शिमला
जिला शिमला की 2 दिवसीय कार्यशाला का किसान मजदूर
भवन चितकारा पार्क कैंथु में समापन किया गया । एसएफआई जिला शिमला अध्यक्ष रमन
थारटा ने बताया कि इस 2 दिवसीय कार्यशाला का समापन तीन मुख्य मुद्दों के साथ
शिक्षा का निजीकरण बन्द करो ,नई शिक्षा नीति वापिस लो और छात्र संघटन
चुनाव बहाल करो के साथ समापन किया गया।
Body:दो दिन में एसएफआई कार्यकर्ताओ ने इन
मुद्दों पर विचार विमर्श किया । जिला शिमला सचिव बंटी ठाकुर ने बताया कि एसएफआई आने वाले समय के अंदर
आम छात्र समुदाय को लामबंद करते हुए सरकार की शिक्षा के निजीकरण की नई
शिक्षा नीति व एससीए चुनावो की बहाली के लिए आंदोलन करेगी ।
उन्होंने कहा कि
आने वाले समय के अंदर इन तीनो मुद्दों लेकर छात्र सुमदाय के बीच जाएगी और आम
छात्र समुदाय को इन सभी छात्र विरोधी मुद्दों से अवगत करवाएगी और उनको साथ
लेके चलते हुए आंदोलन करेगी।
Conclusion:एसएफआई ने आरोप लगाया कि जिन पूंजीपतियों ने चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों पर चुनाव के दौरान खर्च किया
है , सरकार उन्ही पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसी नीतियां बना रही
यह भी आरोप लगाया कि पूर्व की वीरभद्र सरकार ने छात्रों
से 2014 में उनके लोकतान्त्रिक अधिकार छात्र संघ चुनाव जो बैन किये है ।
वर्तमान की जयराम ठाकुर के नेतृत्व की भाजपा की सरकार भी उनके नक्शे कदम पर
चल रही है। और छात्र संघ चुनावो को बहाल करने की उनकी मंशा नही लग् रही है।
जिला अध्यक्ष रमन थारटा व जिला सचिव बंटी ठाकुर ने बताया कि आने वाले
समय के अंदर अगर देश व प्रदेश की सरकार शिक्षा विरोधी फैसले को वापिस नही लेती
तो एसएफआई उग्र आंदोलन करेगी