ETV Bharat / state

समरहिल चौक पर गरजी एसएफआई, UG की परीक्षाएं करवाने का किया विरोध - एसएफआई ने किया विरोध प्रदर्शन

हिमाचल में यूजी के अंतिम समेस्टर की परीक्षाओं को लेकर एसएफआई ने सोमवार को समरहिल चौक पर जमकर प्रदर्शन किया. छात्र संघ ने इस दौरान विवि प्रशासन और सरकार पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए.

SFI protested over UG examinations in summerhill
फोटो
author img

By

Published : Aug 10, 2020, 4:55 PM IST

शिमला: यूजी के अंतिम समेस्टर की परीक्षाएं प्रदेश में 17 अगस्त से करवाई जा रही हैं. एचपीयू प्रशासन की ओर से परीक्षाओं को करवाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन इसी बीच छात्रों का विरोध भी इन परीक्षाओं को करवाने के फैसले को लेकर जारी है.

आज भी एसएफआई ने यूजीसी कि गाइडलाइंस के तहत यूजी के अंतिम समेस्टर की परीक्षाओं को करवाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. समरहिल चौक पर छात्रों की ओर से सरकार और विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. इस प्रदर्शन के माध्यम से एसएफआई ने सभी विद्यार्थियों को पिछले अकादमिक रिकार्ड्स के आधार पर प्रोमोट करने की मांग की. उन्होंने प्रदेश सरकार पर भी कोरोना फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि प्रदेश की सरकार खुद ही नियमों का पालन नहीं कर रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि मार्च में भारत में बढ़ रहे कोरोना मामलों के ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पूरी तरह से लॉकडाउन किया था, जिसके चलते सभी शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद किया गया है और संस्थानों में ऑनलाइन माध्यमों से नाम मात्र की ही कक्षाएं संचालित की गई. अब चार महीनों के लॉकडाउन के बाद भी आज कोरोना संक्रमण की संख्या में कमी के बजाय भारी वृद्धि देखी जा रही है.

अमित ठाकुर ने कहा कि हर रोज कोरोना के साठ हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन दावे कर रहा है कि हम यूजी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं 17 अगस्त से करने जा रहे हैं. जिसके तहत सभी तैयारियां भी पूरी कर ली हैं. उन्होंने कहा कि इस फैसले से छात्रों के साथ-साथ उनके परिवार, टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ और गांववालों के भी संक्रमित होने का खतरा हो सकता है. यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन कोरोना संक्रमण को लेकर संजीदा नहीं है.

अमित ठाकुर ने कहा कि एसएफआई पिछले लंबे समय से ऑनलाइन, ऑफलाइन ज्ञापनों और प्रदर्शनों के माध्यम से लगातार यही मांग कर रही है कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रों को पिछले अकादमिक रिकॉर्ड्स के आधार पर प्रोमोट किया जाए, ताकि छात्रों को संक्रमण से बचाया जा सके, लेकिन हर जगह से सिवाय आश्वासन के कुछ हासिल नहीं हुआ.

अमित ठाकुर ने कहा कि यह दर्शाता है कि प्रशासन और सरकार को छात्रों की कोई परवाह ही नहीं है. एसएफआई ने यह मांग कि है कि सभी छात्रों को पिछले अकादमिक रिकार्ड्स के आधार पर प्रमोट किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार छात्र संघ की मांगों को अनसुना करता है तो आने वाले समय में इस आंदोलन को प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा, जिसका जिम्मेवार प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन होगा.

ये भी पढ़ें: विपक्ष के हमलों के बाद जयराम सरकार का फैसला, सीएम ने रद्द किए सभी कार्यक्रम

शिमला: यूजी के अंतिम समेस्टर की परीक्षाएं प्रदेश में 17 अगस्त से करवाई जा रही हैं. एचपीयू प्रशासन की ओर से परीक्षाओं को करवाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन इसी बीच छात्रों का विरोध भी इन परीक्षाओं को करवाने के फैसले को लेकर जारी है.

आज भी एसएफआई ने यूजीसी कि गाइडलाइंस के तहत यूजी के अंतिम समेस्टर की परीक्षाओं को करवाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. समरहिल चौक पर छात्रों की ओर से सरकार और विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. इस प्रदर्शन के माध्यम से एसएफआई ने सभी विद्यार्थियों को पिछले अकादमिक रिकार्ड्स के आधार पर प्रोमोट करने की मांग की. उन्होंने प्रदेश सरकार पर भी कोरोना फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि प्रदेश की सरकार खुद ही नियमों का पालन नहीं कर रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि मार्च में भारत में बढ़ रहे कोरोना मामलों के ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पूरी तरह से लॉकडाउन किया था, जिसके चलते सभी शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद किया गया है और संस्थानों में ऑनलाइन माध्यमों से नाम मात्र की ही कक्षाएं संचालित की गई. अब चार महीनों के लॉकडाउन के बाद भी आज कोरोना संक्रमण की संख्या में कमी के बजाय भारी वृद्धि देखी जा रही है.

अमित ठाकुर ने कहा कि हर रोज कोरोना के साठ हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन दावे कर रहा है कि हम यूजी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं 17 अगस्त से करने जा रहे हैं. जिसके तहत सभी तैयारियां भी पूरी कर ली हैं. उन्होंने कहा कि इस फैसले से छात्रों के साथ-साथ उनके परिवार, टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ और गांववालों के भी संक्रमित होने का खतरा हो सकता है. यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन कोरोना संक्रमण को लेकर संजीदा नहीं है.

अमित ठाकुर ने कहा कि एसएफआई पिछले लंबे समय से ऑनलाइन, ऑफलाइन ज्ञापनों और प्रदर्शनों के माध्यम से लगातार यही मांग कर रही है कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रों को पिछले अकादमिक रिकॉर्ड्स के आधार पर प्रोमोट किया जाए, ताकि छात्रों को संक्रमण से बचाया जा सके, लेकिन हर जगह से सिवाय आश्वासन के कुछ हासिल नहीं हुआ.

अमित ठाकुर ने कहा कि यह दर्शाता है कि प्रशासन और सरकार को छात्रों की कोई परवाह ही नहीं है. एसएफआई ने यह मांग कि है कि सभी छात्रों को पिछले अकादमिक रिकार्ड्स के आधार पर प्रमोट किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार छात्र संघ की मांगों को अनसुना करता है तो आने वाले समय में इस आंदोलन को प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा, जिसका जिम्मेवार प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन होगा.

ये भी पढ़ें: विपक्ष के हमलों के बाद जयराम सरकार का फैसला, सीएम ने रद्द किए सभी कार्यक्रम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.