शिमलाः कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर देश में दो हफ्तों के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. संकट की इस घड़ी में कई विभाग के कर्मचारी अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात सेवाएं दे रहे हैं. शिमला जल निगम के सीवरेज कर्मचारी भी कोरोना वॉरियर्स की तरह कार्य कर रहे हैं.
शहर में कहीं भी सीवरेज बंद होने की शिकायत मिलने पर तुरंत मौके पर पहुंच कर अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों को सुविधाएं देने में जुटे हैं. शिमला शहर में लाखों लोग रहते हैं और सीवरेज बंद होने की समस्या भी किसी न किसी क्षेत्र में आए दिन बनी रहती है.
कोरोना संकट के बीच जिस तरह से ये कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, वो काबिले तारीफ है. सफाई कर्मियों को निगम द्वारा कोरोना से बचाव के लिए ग्लब्ज, मास्क, बूट के साथ ड्रेस भी दी गई है. सीवरेज कर्मचारी का कहना है कि इस कार्य में चुनौती तो रहती है, लेकिन सीवरेज कर्मचारी होने के नाते उनका ये कर्तव्य बनता है कि वे लोगों को कोई दिक्कत न आने दें और समय पर बंद सीवरेज लाइन को दुरुस्त किया जा सके.
वहीं, एजीएम शिमला जल निगम गोपाल कृष्ण ने बताया की सीवरेज कर्मचारियों का कार्य बेहद महत्वपूर्ण है और इनकी सुरक्षा के लिए सभी सीवरेज कर्मियों को दस्ताने, गम बूट और मास्क दिए गए हैं, ताकि उन्हें किसी तरह का संक्रमण न हो. बता दें कि शहर में 233 सवीरेज कर्मी जल निगम में तैनात हैं. इसमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में भी कर्मी दिन रात काम कर रहे हैं और शहर में सीवरेज की शिकायत मिलने के बाद तुरंत मौके पर पहुंच जाते हैं.
पढ़ेंः COVID-19: कोरोना मरीज के बाल काटने वाले नाई और परिवार की रिपोर्ट आई निगेटिव