शिमला: सोमवार से हिमाचल विधानसभा का मानूसन सत्र शुरू होने जा रहा है, लेकिन यह सत्र इस बार कुछ बदला-बदला नजर आएगा. सरकार और विपक्ष के बीच जमकर शब्दबाण चलेंगे, लेकिन फेस शिल्ड के बीच. कोरोना काल के बीच सरकार ने मानसून सत्र बुला लिया है. मानसून सत्र की कार्यवाही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ की जाएगी. इस बार मंत्री, विधायक सदन में बेधड़क नहीं आ सकेंगे. उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग से होकर गुजरना होगा.
कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए हिमाचल विधानसभा में सुरक्षा के खासे प्रबंध किए गए हैं. मंत्री से लेकर विधायक, पत्रकारों से लेकर डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ को परिसर में कोरोना नियमों का खास ख्याल रखना पड़ेगा.
सदन में प्रवेश करने से पहले सभी को थर्मल स्क्रीनिंग से होकर गुजरना पड़ेगा. बिना मास्क के सदन में एंट्री नहीं होगी. सभी को सैनिटाइजेशन का खास ख्याल रखना होगा. मानसून सत्र के दौरान सभी के लिए फेस शिल्ड लगाना अनिवार्य किया गया है. एक सीट पर दो विधायक बैठेंगे, लेकिन दोनों के बीच एक सुरक्षा दीवार होगी.
कार्यवाही में भाग लेने वाले हर व्यक्ति को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. विधानसभा की सुरक्षा को देखते हुए इस बार पुलिस बल की तैनाती में भी कटौती की गई है. वहीं, इस बार सदन में आम लोगों की एंट्री पर बैन रहेगा.
हर साल सरकार मानसून सत्र अगस्त में बुलाती थी, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण सत्र देरी से बुलाया गया है.
कोरोना के कारण मार्च में आयोजित बजट सत्र को 23 मार्च को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना पड़ा था. विधानसभा का सत्र छह माह के भीतर आयोजित करवाना अनिवार्य है. यही कारण है कि अब इसे सितंबर में आयोजित करवाया जा रहा है.
कैबिनेट में नम्बर 2 मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को स्वाभाविक रूप से उनकी कमी खलेगी. खासकर उस समय जब विपक्ष के कड़े तेवरों का सामना उनको करना पड़ेगा. कोरोना संक्रमण के बीच संसद में मानसून सत्र में प्रश्नकाल भी सीमित रहेगा.
कोरोना संक्रमण के बीच संसद में मानसून सत्र में प्रश्नकाल सीमित होगा, पर हिमाचल विधानसभा में यह पूरा समय यानी एक घंटा चलेगा. राज्य विधानसभा सचिवालय को इसके लिए गुरुवार तक 805 सवाल मिले हैं. इनमें कोरोना, पंचायत पुनर्गठन, सड़क, पानी, नशा, एसएमसी शिक्षकों को लेकर कई प्रश्न हैं.कोरोना महामारी, पंचायतों के पुनर्गठन, एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द होने, सड़कों की दयनीय हालत, स्वीकृत सड़कों की डीपीआर, विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की प्रतिपूर्ति करना, पर्यटन, उद्यान, पेयजल आपूर्ति, नशा संबंधी, बढ़ते आपराधिक मामलों आदि पर सवाल पूछे जाएंगे. प्रदेश में बेलगाम अफसरशाही और विधायकों-सांसदों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला कर अफसर के नाम पट्टिकाओं में लिखाने को लेकर भी विपक्ष के तीखे तेवर देखने को मिलेंगे.
10 सितंबर गैर सरकारी सदस्य दिवस होगा. परमार ने बताया कि अभी तक सदस्यों की ओर से कुल 577 तारांकित प्रश्न मिले हैं. इनमें 131 ऑनलाइन, 97 ऑफलाइन मिले हैं. 228 अतारांकित सवाल हैं, जिनमें 131 ऑनलाइन ऑर 97 ऑफलाइन मिले हैं. इसके अलावा नियम 62, 101 और 130 में भी चर्चा के लिए 11 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं.
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