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हिमाचल में बिजली कर्मियों को जल्द मिलेगा OPS का लाभ, कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद सरकार लेगी फैसला

हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि बिजली बोर्ड की कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार बिजली कर्मियों की ओल्ड पेंशन पर फैसला लेगी. बता दें कि बोर्ड ने एक इंटर्नल कमेटी गठित की है जो कि बिजली कर्मचारियों की OPS के तौर तरीकों को तय कर रही है. वहीं, कमेटी की गुरुवार को बैठक होने जा रही है. पढ़ें पूरी खबर.. (Service Committee Meeting) (HP Electricity Board Employees Union)

Service committee meeting on 26 October
HPSEB में ओल्ड पेंशन को लेकर सर्विस कमेटी की बैठक
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 25, 2023, 10:50 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन लागू करने का फैसला सरकार बिजली बोर्ड की कमेटी की रिपोर्ट पर लेगी. दरअसल, बिजली बोर्ड ने एक इंटर्नल कमेटी गठित की है जो कि बिजली कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन के तौर तरीकों को तय कर रही है. बिजली बोर्ड एक सरकारी उपक्रम है जो कि अपने कर्मचारियों को स्वंय पेंशन देता है, ऐसे में यह बोर्ड को ही तय करना है कि वह किस तरह से अपने कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन दे सकता है. कमेटी इसको लेकर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी. इसके आधार पर ही बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन बहाली का फैसला सरकार करेगी.

बता दें कि गठित इंटर्नल कमेटी की गुरुवार को बैठक होने जा रही है. इस दौरान कमेटी बोर्ड में ओल्ड पेंशन लागू करने का तौर तरीका तय करेगी. पेंशन देने के लिए कमेटी कॉर्पस फंड का विकल्प भी देख सकती है. कमेटी बिजली बोर्ड के वित्तीय पहलु को भी देखेगी और इसके आधार पर वह पेंशन संबंधी रिपोर्ट सरकार को देगी. जानकारी के अनुसार, कमेटी की रिपोर्ट पर बिजली बोर्ड की सर्विस कमेटी चर्चा कर ओल्ड पेंशन देने की सिफारिश करेगी और इसके बाद सरकार इस पर अंतिम फैसला लेगी.

ज्ञात हो कि बिजली बोर्ड में वर्ष 1974 में सीसीएस पेंशन रुल्ज लागू किये गए थे और उसके बाद जितने भी संशोधन हुए, वह अन्य सरकारी विभागों की तर्ज पर इसमें भी लागू किये गए. इसी आधार पर बिजली बोर्ड में 15 मई,2003 के बाद लगे सभी कर्मचारियों को नई पेंशन के अधीन लाया गया. अब सरकार ने फिर से पेंशन नियम में संशोधन किया है तो वह बिजली बोर्ड पर भी लागू हो रहे हैं. यही वजह है कि कर्मचारी अपना पक्ष सरकार के सामने मजबूती से रख रहे हैं.

बिजली बोर्ड के कर्मचारियों का कहना है कि ओल्ड पेंशन के नियम बोर्ड पर भी लागू है, ऐसे में सरकार को ओल्ड पेंशन का फैसला जल्द से जल्द करना चाहिए क्योंकि बोर्ड में भी पुरानी पेंशन प्रदेश सरकार को पिछली तारीख से ही लागू करनी पड़ेगी. इसमें की जा रही अनावश्यक देरी से कई प्रशासनिक दिकते खड़ी होगी. ऐसे में सरकार को इसे गंभीरता से देखना चाहिए. वहीं, बिजली बोर्ड इंप्लाइज यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड ने एक इंटर्नल कमेटी बनाई है जो कि ओल्ड पेंशन के तौर तरीकों को तय कर रही है. कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी, इसके आधार पर सरकार ओपीएस पर देने का फैसला करेगी.

ये भी पढ़ें: इस माह भी बिजली कर्मियों को OPS मिलने पर संशय, यूनियन ने जल्द कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की

शिमला: हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन लागू करने का फैसला सरकार बिजली बोर्ड की कमेटी की रिपोर्ट पर लेगी. दरअसल, बिजली बोर्ड ने एक इंटर्नल कमेटी गठित की है जो कि बिजली कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन के तौर तरीकों को तय कर रही है. बिजली बोर्ड एक सरकारी उपक्रम है जो कि अपने कर्मचारियों को स्वंय पेंशन देता है, ऐसे में यह बोर्ड को ही तय करना है कि वह किस तरह से अपने कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन दे सकता है. कमेटी इसको लेकर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी. इसके आधार पर ही बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन बहाली का फैसला सरकार करेगी.

बता दें कि गठित इंटर्नल कमेटी की गुरुवार को बैठक होने जा रही है. इस दौरान कमेटी बोर्ड में ओल्ड पेंशन लागू करने का तौर तरीका तय करेगी. पेंशन देने के लिए कमेटी कॉर्पस फंड का विकल्प भी देख सकती है. कमेटी बिजली बोर्ड के वित्तीय पहलु को भी देखेगी और इसके आधार पर वह पेंशन संबंधी रिपोर्ट सरकार को देगी. जानकारी के अनुसार, कमेटी की रिपोर्ट पर बिजली बोर्ड की सर्विस कमेटी चर्चा कर ओल्ड पेंशन देने की सिफारिश करेगी और इसके बाद सरकार इस पर अंतिम फैसला लेगी.

ज्ञात हो कि बिजली बोर्ड में वर्ष 1974 में सीसीएस पेंशन रुल्ज लागू किये गए थे और उसके बाद जितने भी संशोधन हुए, वह अन्य सरकारी विभागों की तर्ज पर इसमें भी लागू किये गए. इसी आधार पर बिजली बोर्ड में 15 मई,2003 के बाद लगे सभी कर्मचारियों को नई पेंशन के अधीन लाया गया. अब सरकार ने फिर से पेंशन नियम में संशोधन किया है तो वह बिजली बोर्ड पर भी लागू हो रहे हैं. यही वजह है कि कर्मचारी अपना पक्ष सरकार के सामने मजबूती से रख रहे हैं.

बिजली बोर्ड के कर्मचारियों का कहना है कि ओल्ड पेंशन के नियम बोर्ड पर भी लागू है, ऐसे में सरकार को ओल्ड पेंशन का फैसला जल्द से जल्द करना चाहिए क्योंकि बोर्ड में भी पुरानी पेंशन प्रदेश सरकार को पिछली तारीख से ही लागू करनी पड़ेगी. इसमें की जा रही अनावश्यक देरी से कई प्रशासनिक दिकते खड़ी होगी. ऐसे में सरकार को इसे गंभीरता से देखना चाहिए. वहीं, बिजली बोर्ड इंप्लाइज यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड ने एक इंटर्नल कमेटी बनाई है जो कि ओल्ड पेंशन के तौर तरीकों को तय कर रही है. कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी, इसके आधार पर सरकार ओपीएस पर देने का फैसला करेगी.

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