शिमला: भाजपा के वरिष्ठ विधायक रमेश धवाला के संगठन महामंत्री पवन राणा के खिलाफ बगावती रुख से प्रदेश में संगठन को भारी नुकसान पहुंचा है. इसकी भरपाई के लिए अब कांगड़ा के भाजपा विधायकों की तरफ से पवन राणा के समर्थन में मीडिया में बयान दिलवाए जा रहे हैं. साथ ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने धवाला को अपने निवास स्थान बुलाकर खरी-खोटी भी सुनाई. जानकारी के अनुसार अब मामला शांता कुमार के दरबार में ही शांत होने की उम्मीद है.
भाजपा के वरिष्ठ विधायक राकेश पठानिया संगठन मंत्री पवन राणा के पक्ष में सामने आए. उन्होंने कहा कि रमेश धवाला ने जो भी कहा वह उनकी निजी राय है इसमें कांगड़ा के किसी भी विधायक की कोई सहमति नहीं है. इसके बाद धर्मशाला के विधायक विशाल नेहरिया और इंदौरा से विधायक रीता धीमान के बयान का एक वीडियो भाजपा की तरफ से भेजा गया.
वीडियो में विशाल नेहरिया ने कहा की कल जो मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई थी वह बैठक पूर्ण रूप से विकासात्मक कार्यों पर चर्चा करने को रखी गई थी. यह बैठक इसलिए रखी गई थी क्योंकि विधायक दल में समय कम होने के कारण कई विधायकों को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला. उन्होंने कहा कि विकास कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री ने एक परफॉर्मा भी दिया जो हम लोगों ने भर के वापिस किया.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास में जो बैठक हुई थी उसमें संगठन को लेकर कोई भी चर्चा नहीं हुई और हमारे भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा का नाम तक नहीं लिया गया. उन्होंने कहा की ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने संगठन के बारे जो बात कही है वो उनकी यह निजी राय है और उनको तो इस प्रकार के बयान देने की आदत है वह पूर्व में भी इस प्रकार की बयानबाजी कर चुके हैं.
इसमें कुछ नया नहीं है उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी निंदनीय है और पार्टी की ओर से उन पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का संगठन पूरे देश भर में चर्चित है और वह संगठन मंत्री पवन राणा की मेहनत है उन्होंने घर छोड़कर पार्टी का कार्य किया है.
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और ज्वालामुखी से विधायक रमेश धवाला ने भाजपा के प्रांत संगठन मंत्री पवन राणा के खिलाफ मोर्चा खोला. रमेश धवाला ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष यह बात रखी थी कि संगठन मंत्री बिना विधायकों की सलाह लिए हर विधानसभा क्षेत्र में अपने लोगों को संगठन में शामिल कर रहे हैं. जिससे वहां के पुराने कार्यकर्ताओं और विधायकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे लोग जिनके पास भाजपा की प्राइमरी मेंबरशिप तक नहीं है. उन लोगों को पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं. जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों से उन कार्यकर्ताओं के हाथ निराशा लगती है जो वर्षों से बिना किसी लालच के संगठन की सेवा में लगे हुए हैं इसलिए संगठन मंत्री को स्थानीय विधायकों और नेताओं से संपर्क करने के बाद ही लोगों को ब्लॉक किया जिला कार्यकारिणी में शामिल करना चाहिए.