शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. स्क्रब टाइफस से सोमवार को एक और मौत हो गई है. सोलन जिले के अर्की की रहने वाली 35 वर्षीय महिला ने आईजीएमसी अस्पताल में दम तोड़ा है. जानकारी के मुताबिक महिला को बुखार के साथ कुछ अन्य लक्षण थे. जिसके बाद महिला का स्क्रब टाइफस का टेस्ट बीते 19 अगस्त को पॉजिटिव आया था. जिसके बाद इन्हें अस्पताल में दाखिल करवाया गया. स्क्रब टाइफस बुखार के संक्रमण के कारण उन्हें पूरे शरीर में संक्रमण था. जिस कारण उनके महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. महिला की मौत रविवार को हुई. इस दौरान वह मेडिसिन के आईसीयू विभाग में उपचाराधीन थी.
वहीं, अस्पताल में सोमवार को स्क्रब टाइफस के 15 नए मामले सामने आए. स्क्रब टाइफस के 34 सैंपल की जांच की गई, जिनमें 15 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इनमें 10 महिलाएं व 5 पुरुष शामिल हैं. यह मरीज शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर के रहने वाले हैं. अब तक स्क्रब टाइफस के कुल 528 सैंपल की जांच की जा चुकी है, जिनमें 102 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसके अलावा पीलिया के 2 मामले सामने आए. सोमवार को पीलिया के 5 सैंपल लिए गए, जिनमें 2 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. ये दोनों मामले शिमला से ही सामने आए हैं. पीलिया के अब तक 193 सैंपल लिए गए, जिनमें 75 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
जानिए क्या है स्क्रब टाइफस: स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडिय़ों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच न जाएं, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि आगामी दिनों में खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टाइफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा रहती है.
स्क्रब टाइफस के लक्षण: स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार जिसमें 104 से 105 तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना अधिक संक्रमण में गर्दन बाजू कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना आदि इसके लक्षण हैं.
स्क्रब टाइफस से बचने के उपाय: लोग सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें. घर व आसपास कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. मरीजों को डॉक्सीसाइक्लिन और एज़िथ्रोमाइसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरुआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि मरीजों की मौत हो जाती है.
आईजीएमसी के एमएस डॉ. राहुल राव ने बताया कि स्क्रब टाइफस से दूसरी मौत हुई है. यह महिला सोलन की रहने वाली थी, जो कि मेडिसिन के आईसीयू विभाग में उपचाराधीन थी. इसकी स्क्रब टाइफस की रिपोर्ट 19 अगस्त को पॉजिटिव आई थी. वहीं, इससे अगले दिन ही महिला की मौत हो गई. स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं.
ये भी पढ़ें- आपदा में कांग्रेस कर रही राजनीति, विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग Congress के विधायक भी कर रहे हैं मांग: जयराम ठाकुर