शिमला: राजधानी शिमला में स्क्रब टाइफस का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को आईजीएमसी शिमला में स्क्रब टाइफस के चार नए मामले सामने आए. सभी मरीजों को इलाज के लिए मेडिसन डिपार्टमेंट में भर्ती किया गया है.
बता दें कि गुरुवार को प्रशासन ने 36 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे. इसमें से चार की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है. इससे पहले गुरुवार को स्क्रब टाइफस से एक महिला की मौत हुई थी, जबकि सात नए मामले आए थे. आईजीएमसी में अब तक स्क्रब टाइफस के कुल 51 मामले आ चुके हैं, जबकि छह लोगों की मौत हो चुकी है.
स्क्रब टायफस के लक्ष्ण
तेज बुखार आना, जोड़ों में दर्द, अकड़न, थकान महसूस होना, गर्दन, बाजुओं के नीचे और कूल्हों के ऊपर गिल्टियां होना आदि स्क्रब टायफस के लक्ष्ण हैं. इस तरह के लक्ष्ण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
ऐसे करें बचाव
स्क्रब टाइफस की रोकथाम के लिए खेतों और इााड़ियों में काम करते समय पूरा शरीर खास कर टांगे पांव और बाजू ढककर रखें. घर और आसपास के वातावरण को साफ रखें. साथ ही घर के चारों ओर घास खरपवतवार नहीं उगने दें. इसके अलावा घर के अंदर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें.
आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनक राज ने कहा कि शुक्रवार को आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस के चार नए मामले आए हैं. अब तक 51 पॉजीटिव मामले स्क्रब टाइफस के आ चुके हैं, जबकि 6 लोगों की मौत हुई है.
बता दें कि स्क्रब टाइफस संक्रामक रोग नहीं है. ये रोग एक आदमी से दूसरे आदमी को नहीं फैलता. स्क्रब टाइफस की जांच और उपचार सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानो में निशुल्क किया जाता है.
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