शिमला: राजधानी शिमला में बारिश के चलते जगह-जगह लैंडस्लाइड हुआ है. इसके साथ ही कई जगहों पर जमीन में दरारें भी पड़ गई हैं. जिससे कई भवनों पर गिरने का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए डीसी शिमला द्वारा भू-वैज्ञानिक समिति का गठन किया गया है. समिति में भू-वैज्ञानिक अनिल कुमार सिंह राणा, गौरव शर्मा, सुरेश भारद्वाज, अतुल शर्मा सदस्य के रूप में और सहायक भूवैज्ञानिक सुनील वर्मा सदस्य सचिव के रूप में शामिल किए गए. यह समिति जिला प्रशासन के साथ परामर्श करके सभी प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी.
निरीक्षण के बाद रिपोर्ट सौंपेगी समिति: मिली जानकारी के अनुसार समिति ने वीरवार को शिमला शहर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज शिमला, कैथू पुलिस लाइन, लोरेटो तारा हॉल स्कूल और दयानंद पब्लिक स्कूल में नुकसान का निरीक्षण किया. डीसी शिमला आदित्य नेगी भी इस अवसर पर वैज्ञानिकों की टीम के साथ मौजूद रहे. डीसी शिमला आदित्य नेगी ने बताया कि शिमला शहर के लैंडस्लाइड संभावित असुरक्षित इलाकों और स्कूलों का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जोकि बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के साथ-साथ इसकी रोकथाम के लिए उपाय भी सुझाएगी. समिति ने कुछ क्षेत्रों का निरीक्षण किया है और निरीक्षण के उपरांत समिति अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
शिमला पर मंडरा रहा खतरा: गौरतलब है कि शिमला शहर में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है. जिससे जगह-जगह जमीन धंस रही है. खतरे को देखते हुए इसकी जांच की मांग की जा रही थी. वहीं, डीसी शिमला ने निदेशक उद्योग विभाग को पत्र लिखकर भू-वैज्ञानिकों की टीम भेजने का आग्रह किया गया था, ताकि शिमला शहर के सभी स्कूलों और विभिन्न असुरक्षित स्थानों का निरीक्षण किया जा सके और उसी के अनुरूप सुधारात्मक काम किए जा सके. जिसके बाद निदेशक उद्योग विभाग द्वारा भू-वैज्ञानिकों की टीम को नियुक्त किया गया है.