शिमला: फीस ना देने पर स्कूल प्रबंधन ने एक छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है. छात्रा के अभिभावकों ने छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप स्कूल प्रबंधन पर लगाए हैं. छात्रा के पिता के अनुसार एनुअल फीस न देने पर निजी स्कूल ने 10 साल की बच्ची को कमरे में बंद कर दिया. कमरे में बंद करने के बाद स्कूल प्रशासन ने बच्ची को प्रताड़ित किया.
स्कूल प्रबंधन की प्रताड़ना से बीमार हुई छात्रा
पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची के पिता ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाए हैं कि एनुअल फीस जमा न करने पर स्कूल प्रशासन ने बेटी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है. उनका यह भी आरोप है कि उनकी बच्ची को मानसिक रूप से इस तरह से प्रताड़ित किया गया कि वह डिप्रेशन में चली गई है. अब बच्ची का इलाज आईजीएमसी से करवाया जा रहा है. डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी है कि वह अपनी बच्ची को अकेला ना छोड़ें.
बच्ची के अंदर बैठा डर, नहीं जाना चाहती स्कूल
अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में बच्चे को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है. जिसकी वजह से उसके अंदर एक डर बैठ गया है. उनकी बच्ची डरी सहमी रहती है और स्कूल नहीं जाना चाहती है. यहां तक की स्कूल प्रबंधन की ओर से छात्रों को परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र भी 20 मिनट देरी से दिया जाता है और इस तरह से लगातार स्कूल की ओर से बच्ची को किसी न किसी तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है.
उपायुक्त कार्यालय में भी नहीं हुई कठोर कार्रवाई
बच्ची के अभिभावकों का यह भी आरोप है कि उन्होंने इस मामले को उपायुक्त शिमला के समक्ष भी उठाया था, लेकिन वहां से भी उन्हें मामले पर कोई कार्रवाई होती हुई नजर नहीं आ रही है. अभिभावक अपनी बच्ची को लेकर बहुत चिंतित हैं और स्कूल पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं इस मामले में अब छात्र अभिभावक मंच भी सामने आया है और उन्होंने सरकार से उक्त निजी स्कूल प्रबंधन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
ऐसे मामलों में बेझिझक कंप्लेन करें अभिभावक
मामले में शिमला उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि अभिभावकों की शिकायत पर स्कूल प्रशासन, डिप्टी डायरेक्टर शिक्षा और बच्ची और अभिभावकों के साथ बैठक की गई. डिप्टी डायरेक्टर से कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के साथ बैठक करें और इस मामले को जल्द सुलझाए. यदि स्कूल प्रबंधन की गलती साबित होती है तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. डीसी का कहना है कि अगर इस तरह के मामले होते हैं तो अभिभावक बेझिझक कंप्लेन कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने व्यास सदन में दिवंगत सांसद रामस्वरूप शर्मा को दी श्रद्धांजलि, भावुक हुए सीएम