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प्रदेश में आज से खुले शिक्षण संस्थान, यहां जानिए छात्र व प्रबंधन के लिए जारी नियम और शर्तें

कोरोना संकट के बीच आज से हिमाचल में सभी शैक्षणिक संस्थान खुलने जा रहे हैं. शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के स्कूल और कॉलेजों को कोरोना की गाइडलाइन्स फॉलो करने के निर्देश दिए हैं. संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही सेनिटाइजेशन का भी खास ध्यान रखना होगा.

School and college open
हिमाचल में स्कूल और कॉलेडज खुले.
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Published : Nov 2, 2020, 10:24 AM IST

Updated : Nov 2, 2020, 2:22 PM IST

शिमला: शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्देश सभी स्कूल और कॉलेज प्रबंधकों को जारी किए गए हैं कि प्रशासन को अपने स्तर पर पूरी एहतियात बरतनी होगी. कोई भी छात्र जब स्कूल और कॉलेज में प्रवेश करेगा तो सबसे पहले उसकी थर्मल स्कैंनिग की जाएगी. पहले दिन स्कूल और कॉलेज में कितने छात्र आते हैं इस पर विभाग विशेष ध्यान दे रहा है. संस्थान में पहले दिन कितने छात्र उपस्थित हुए हैं इसका ब्योरा शिक्षा विभाग को देना होगा.

लापरवाही बरतने पर होगी कार्रवाई

प्रदेश में स्कूल और कॉलेज में 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए शिक्षण संस्थान खोल दिए गए हैं. इसी के साथ शिक्षा विभाग ने शिक्षण संस्थानों साथ निर्देश दिया है कि अगर प्रबंधन की ओर से कोई लापरवाही पाई जाती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वीडियो.

हाजिरी लगाना अनिवार्य नहीं

स्कूल और कॉलेज आने से पहले छात्रों को अपने अभिभावकों का सहमति पत्र लाना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि छात्रों को हाजिरी लगाना अनिवार्य नहीं होगा. स्कूल में प्रार्थना सभा भी आयोजित नहीं की जाएंगी. इसके साथ ही घर पर रहने वाले बच्चों की ऑनलाइन क्लास पहले की तरह लगती रहेंगी. अगर स्कूल में 100 से अधिक छात्र हुए तो प्रिंसिपल को आल्टरनेट डे पर छात्रों को में बुलाना होगा.

स्कूल गेट पर थर्मल स्कैनिंग

स्कूल और कॉलेजों में आने वाले शिक्षकों को गैर शिक्षकों के साथ ही छात्रों की गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग करनी होगी और वहीं पर हैंड सेनिटाइजेशन का भी प्रावधान करना आवश्यक होगा.

स्कूल में सेनिटाइजेशन जरूरी

स्कूल, कॉलेज के प्रिंसिपल की निगरानी में पूरे कैंपस और क्लासरूम की सेनिटाइजेशन की जाएगी. छात्रों की संख्या के हिसाब से सीटिंग प्लान को तैयार करना होगा और सीटिंग प्लान इस तरह का होना चाहिए कि एक रो में एक सीट को छोड़कर दूसरे छात्र को बैठाया जाना चाहिए. अगर किसी कक्षा में छात्रों की संख्या ज्यादा है तो अलग-अलग कक्षाओं में उन्हें बैठाया जाएगा.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी

स्कूल और कॉलेजों के कैंपस में शिक्षकों, गैर शिक्षकों और छात्रों को मास्क पहनकर ही प्रवेश दिया जाएगा. वहीं शिक्षकों, स्टाफ को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करना होगा. छात्रों के लिए भी स्कूल कैंपस में और कॉलेज कैंपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा. अगर किसी भी शिक्षक, गैर शिक्षक और छात्र में फ्लू के लक्षण होते हैं तो उन्हें शिक्षण संस्थान के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

एसओपी का पालन करना जरूरी: शिक्षा विभाग

शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने एडवाइजरी जारी कर यह स्पष्ट किया है स्कूल, कॉलेजों में भारत सरकार और प्रदेश सरकार की ओर से समय-समय पर जारी की गई एसओपी का पालन करना अनिवार्य होगा. शिक्षण संस्थानों में सेनिटाइजेशन का खास ध्यान रखना होगा. परिसर के साथ ही क्लास रूम भी सेनिटाइज हो रहे हैं, इस पर संस्थान के हेड को ध्यान रखना होगा ताकि छात्रों, उनके अभिभावकों, शिक्षकों और स्टाफ को संस्थान में सुरक्षित महसूस हो और उनका आत्मविश्वास बना रहे.

शिमला: शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्देश सभी स्कूल और कॉलेज प्रबंधकों को जारी किए गए हैं कि प्रशासन को अपने स्तर पर पूरी एहतियात बरतनी होगी. कोई भी छात्र जब स्कूल और कॉलेज में प्रवेश करेगा तो सबसे पहले उसकी थर्मल स्कैंनिग की जाएगी. पहले दिन स्कूल और कॉलेज में कितने छात्र आते हैं इस पर विभाग विशेष ध्यान दे रहा है. संस्थान में पहले दिन कितने छात्र उपस्थित हुए हैं इसका ब्योरा शिक्षा विभाग को देना होगा.

लापरवाही बरतने पर होगी कार्रवाई

प्रदेश में स्कूल और कॉलेज में 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए शिक्षण संस्थान खोल दिए गए हैं. इसी के साथ शिक्षा विभाग ने शिक्षण संस्थानों साथ निर्देश दिया है कि अगर प्रबंधन की ओर से कोई लापरवाही पाई जाती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वीडियो.

हाजिरी लगाना अनिवार्य नहीं

स्कूल और कॉलेज आने से पहले छात्रों को अपने अभिभावकों का सहमति पत्र लाना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि छात्रों को हाजिरी लगाना अनिवार्य नहीं होगा. स्कूल में प्रार्थना सभा भी आयोजित नहीं की जाएंगी. इसके साथ ही घर पर रहने वाले बच्चों की ऑनलाइन क्लास पहले की तरह लगती रहेंगी. अगर स्कूल में 100 से अधिक छात्र हुए तो प्रिंसिपल को आल्टरनेट डे पर छात्रों को में बुलाना होगा.

स्कूल गेट पर थर्मल स्कैनिंग

स्कूल और कॉलेजों में आने वाले शिक्षकों को गैर शिक्षकों के साथ ही छात्रों की गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग करनी होगी और वहीं पर हैंड सेनिटाइजेशन का भी प्रावधान करना आवश्यक होगा.

स्कूल में सेनिटाइजेशन जरूरी

स्कूल, कॉलेज के प्रिंसिपल की निगरानी में पूरे कैंपस और क्लासरूम की सेनिटाइजेशन की जाएगी. छात्रों की संख्या के हिसाब से सीटिंग प्लान को तैयार करना होगा और सीटिंग प्लान इस तरह का होना चाहिए कि एक रो में एक सीट को छोड़कर दूसरे छात्र को बैठाया जाना चाहिए. अगर किसी कक्षा में छात्रों की संख्या ज्यादा है तो अलग-अलग कक्षाओं में उन्हें बैठाया जाएगा.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी

स्कूल और कॉलेजों के कैंपस में शिक्षकों, गैर शिक्षकों और छात्रों को मास्क पहनकर ही प्रवेश दिया जाएगा. वहीं शिक्षकों, स्टाफ को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करना होगा. छात्रों के लिए भी स्कूल कैंपस में और कॉलेज कैंपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा. अगर किसी भी शिक्षक, गैर शिक्षक और छात्र में फ्लू के लक्षण होते हैं तो उन्हें शिक्षण संस्थान के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

एसओपी का पालन करना जरूरी: शिक्षा विभाग

शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने एडवाइजरी जारी कर यह स्पष्ट किया है स्कूल, कॉलेजों में भारत सरकार और प्रदेश सरकार की ओर से समय-समय पर जारी की गई एसओपी का पालन करना अनिवार्य होगा. शिक्षण संस्थानों में सेनिटाइजेशन का खास ध्यान रखना होगा. परिसर के साथ ही क्लास रूम भी सेनिटाइज हो रहे हैं, इस पर संस्थान के हेड को ध्यान रखना होगा ताकि छात्रों, उनके अभिभावकों, शिक्षकों और स्टाफ को संस्थान में सुरक्षित महसूस हो और उनका आत्मविश्वास बना रहे.

Last Updated : Nov 2, 2020, 2:22 PM IST
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