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छात्रवृत्ति घोटाला: लूट मचाने के लिए बदल दी छात्रों की कैटेगरी! CBI की चार्जशीट में खुलेंगे कई राज

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Published : Sep 25, 2019, 1:28 PM IST

प्रदेश के सबसे बड़े घोटाले (छात्रवृत्ति घोटाला) में सीबीआई जल्द ही अपनी पहली चार्जशीट दर्ज करवाने वाली है. सीबीआई की जांच में कई हैरतअंगेज खुलासे हुए हैं और जल्द ही छात्रों का हक मारने वालों की एजेंसी पोल खोलने वाली है.

Scholarship scam

शिमलाः हिमाचल के अब तक के सबसे बड़े घोटाले की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं. मेधावी छात्रों का हक हड़पने के लिए शातिरों ने खूब खेल खेले. छात्रवृत्ति घोटाले में अब सीबीआई सभी की पोल खोलने वाली है. जांच एजेंसी की चार्जशीट में कई हैरतअंगेज खुलासे हो रहे हैं.

चार्जशीट में ये बात सामने आई है कि करीब 265 करोड़ रुपये की लूट में शामिल शातिरों ने अंधी लूट मचाते हुए छात्रों की कैटेगरी ही बदल दी. एससी छात्रों की कैटेगरी को एसटी से बदला गया, वो इसलिए की एसटी यानी जनजातीय छात्रों को अधिक स्कॉलरशिप मिलती है.

सीबीआई की जांच में और भी कई खुलासे हो रहे हैं. जांच एजेंसी ने अलग-अलग करीब दो दर्जन चार्जशीट्स तैयार कर ली है. यहां बता दें कि 22 निजी संस्थानों ने मेधावी छात्रों को मिलने वाले स्कॉलरशिप की हड़प लिया था. ये धंधा लंबे अरसे से जारी था. जयराम सरकार के सत्ता में आने के बाद मामले की जांच सीबीआई के हवाले की गई थी. इसके बाद सीबीआई ने तीन टीमों का गठन कर जांच शुरू की.

बताया जा रहा है कि इस घोटाले की पहली चार्जशीट जिला ऊना के एक निजी संस्थान के खिलाफ होगी. सीबीआई ने इस मामले में शिक्षा विभाग व बैंकों के अधिकारियों तथा कर्मियों को भी आरोपियों की श्रेणी में रखा है.

ऊना जिला के जिस निजी संस्थान पर पहली चार्जशीट होने जा रही है, उसने 48 छात्रों की कैटेगरी ही बदल दी गई थी. इन छात्रों के दस्तावेजों से छेड़खानी की गई और उन्हें एससी से एसटी में बदल दिया गया.

हैरत की बात है कि जिन छात्रों को नाम पर संस्थान ने स्कॉलरशिप का पैसा हड़प लिया, वे 4 साल पहले ही संस्थान छोड़कर जा चुके हैं. फिर भी संस्थान ने उनके फर्जी दाखिले दिखाए. इस खेल में शिक्षा विभाग से लेकर बैंक तक के अधिकारी शामिल बताए जा रहे हैं.

जांच एजेंसी की अब तक की जांच के अनुसार घोटाले में एक पूरा गिरोह सक्रिय रहा है. जिन 22 निजी संस्थानों की लूट का ये सब धंधा करने में भूमिका है, वे हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के हैं. 6 साल पहले ये लूट शुरू हुई और वर्ष 2017 तक मामले का खुलासा होने तक जारी रही. अब सीबीआई इस मामले की पूरी परतें खोलेगी.

शिमलाः हिमाचल के अब तक के सबसे बड़े घोटाले की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं. मेधावी छात्रों का हक हड़पने के लिए शातिरों ने खूब खेल खेले. छात्रवृत्ति घोटाले में अब सीबीआई सभी की पोल खोलने वाली है. जांच एजेंसी की चार्जशीट में कई हैरतअंगेज खुलासे हो रहे हैं.

चार्जशीट में ये बात सामने आई है कि करीब 265 करोड़ रुपये की लूट में शामिल शातिरों ने अंधी लूट मचाते हुए छात्रों की कैटेगरी ही बदल दी. एससी छात्रों की कैटेगरी को एसटी से बदला गया, वो इसलिए की एसटी यानी जनजातीय छात्रों को अधिक स्कॉलरशिप मिलती है.

सीबीआई की जांच में और भी कई खुलासे हो रहे हैं. जांच एजेंसी ने अलग-अलग करीब दो दर्जन चार्जशीट्स तैयार कर ली है. यहां बता दें कि 22 निजी संस्थानों ने मेधावी छात्रों को मिलने वाले स्कॉलरशिप की हड़प लिया था. ये धंधा लंबे अरसे से जारी था. जयराम सरकार के सत्ता में आने के बाद मामले की जांच सीबीआई के हवाले की गई थी. इसके बाद सीबीआई ने तीन टीमों का गठन कर जांच शुरू की.

बताया जा रहा है कि इस घोटाले की पहली चार्जशीट जिला ऊना के एक निजी संस्थान के खिलाफ होगी. सीबीआई ने इस मामले में शिक्षा विभाग व बैंकों के अधिकारियों तथा कर्मियों को भी आरोपियों की श्रेणी में रखा है.

ऊना जिला के जिस निजी संस्थान पर पहली चार्जशीट होने जा रही है, उसने 48 छात्रों की कैटेगरी ही बदल दी गई थी. इन छात्रों के दस्तावेजों से छेड़खानी की गई और उन्हें एससी से एसटी में बदल दिया गया.

हैरत की बात है कि जिन छात्रों को नाम पर संस्थान ने स्कॉलरशिप का पैसा हड़प लिया, वे 4 साल पहले ही संस्थान छोड़कर जा चुके हैं. फिर भी संस्थान ने उनके फर्जी दाखिले दिखाए. इस खेल में शिक्षा विभाग से लेकर बैंक तक के अधिकारी शामिल बताए जा रहे हैं.

जांच एजेंसी की अब तक की जांच के अनुसार घोटाले में एक पूरा गिरोह सक्रिय रहा है. जिन 22 निजी संस्थानों की लूट का ये सब धंधा करने में भूमिका है, वे हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के हैं. 6 साल पहले ये लूट शुरू हुई और वर्ष 2017 तक मामले का खुलासा होने तक जारी रही. अब सीबीआई इस मामले की पूरी परतें खोलेगी.

265 करोड़ का स्कॉलरशिप स्कैम: अंधी लूट मचाने को बदल दी छात्रों की कैटेगरी, सीबीआई की चार्जशीट में खुलेंगी परतें
शिमला। हिमाचल के अब तक के सबसे बड़े घोटाले की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। मेधावी छात्रों का हक हड़पने के लिए शातिरों ने खूब खेल खेले। अब सीबीआई सभी की पोल खोलने वाली है। जांच एजेंसी की चार्जशीट में कई हैरतअंगेज खुलासे हो रहे हैं। करीब 265 करोड़ रुपए की लूट में शामिल शातिरों ने अंधी लूट मचाते हुए छात्रों की कैटेगरी ही बदल दी। एससी छात्रों की कैटेगरी को एसटी से बदला गया। वो इसलिए की एसटी यानी जनजातीय छात्रों को अधिक स्कॉलरशिप मिलती है। सीबीआई की जांच में और भी कई खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसी ने अलग-अलग करीब दो दर्जन चार्जशीट्स तैयार कर ली हैं। यहां बता दें कि 22 निजी संस्थानों ने मेधावी छात्रों को मिलने वाले स्कॉलरशिप की हड़प लिया था। ये धंधा लंबे अरसे से जारी था। जयराम सरकार के सत्ता में आने के बाद मामले की जांच सीबीआई के हवाले की गई थी। सीबीआई ने तीन टीमों का गठन कर जांच शुरू की है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले की पहली चार्जशीट जिला ऊना के एक निजी संस्थान के खिलाफ होगी। सीबीआई ने इस मामले में शिक्षा विभाग व बैंकों के अधिकारियों तथा कर्मियों को भी आरोपियों की श्रेणी में रखा है। ऊना जिला के जिस निजी संस्थान पर पहली चार्जशीट होने जा रही है, उसने 48 छात्रों की कैटेगरी ही बदल दी। इन छात्रों के दस्तावेजों से छेडख़ानी की गई और उन्हें एससी से एसटी में बदल दिया गया। हैरत की बात है कि जिन छात्रों को नाम पर संस्थान ने स्कॉलरशिप का पैसा हड़प लिया, वे 4 साल पहले ही संस्थान छोडक़र जा चुके हैं। फिर भी संस्थान ने उनके फर्जी दाखिले दिखाए। इस खेल में शिक्षा विभाग से लेकर
बैंक तक के अधिकारी शामिल बताए जा रहे हैं। जांच एजेंसी की अब तक की जांच के अनुसार घोटाले में एक पूरा गिरोह सक्रिय रहा है। जिन 22 निजी संस्थानों की लूट का ये सब धंधा करने में भूमिका है, वे हिमाचल, पंजाब,
हरियाणा, चंडीगढ़ के हैं। छह साल पहले ये लूट शुरू हुई और वर्ष 2017 तक मामले का खुलासा होने तक जारी रही। अब सीबीआई इस मामले की पूरी परतें खोलेगी। 
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