नई दिल्ली/शिमला: सुप्रीम कोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए हिमाचल हाईकोर्ट की तरफ से उनकी नियुक्तियों को खारिज करने संबंधी आदेशों पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका (SLP) की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए. अब केस की सुनवाई 23 नवंबर को तय हुई है. सुप्रीम कोर्ट से संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी हुए हैं. इसी मामले में एक केस हिमाचल हाईकोर्ट में 12 अक्टूबर को लगा है.
उल्लेखनीय है हाईकोर्ट ने इन अध्यापकों की नियुक्तियों को रद्द करने का फैसला सुनाया था. मामले के अनुसार प्रार्थी कुलदीप कुमार और अन्यों ने सरकार द्वारा स्टॉप गैप अरेंजमेंट के नाम पर एसएमसी भर्तियां को प्रदेश हाईकोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी थी कि एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति गैर कानूनी है. साथ ही कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है. प्रार्थियों की यह भी दलील थी कि एसएमसी शिक्षकों की भर्तियां भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत है. इससे सभी को समान अवसर जैसे मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है. हाईकोर्ट ने प्रार्थियों की याचिका को स्वीकारते हुए न केवल एसएमसी अध्यापकों की नियुक्तियों को रद्द करने के आदेश दिए बल्कि अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार 6 महीने के भीतर नियमों के तहत अध्यापकों की नियुक्तियां करे.
सुप्रीम कोर्ट में एसएमसी अध्यापकों का कहना था कि वे वर्ष 2012 से हिमाचल के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रूकावट के अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार द्वारा नियमों के तहत किया गया है. वे नियुक्तियों के लिए पूर्ण पात्रता रखते हैं और लंबे समय से उनकी निर्बाधित सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उनकी सेवाओं को नियमित करने की बजाय रद्द करना तर्कसंगत नहीं है.
SMC मामले में कब क्या हुआ?
17 जुलाई 2020 : एसएमसी केस में हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
14 अगस्त 2020 : हाईकोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति रद की
26 अगस्त 2020 : हाईकोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों की रिव्यू पटीशन रद की
08 अक्तूबर 2020 : सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई