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कोविड नियमों की उल्लंघना पर SC ने जताई चिंता, हिमाचल सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट - जस्टिस अशोक भूषण

सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए तय किए गए कोविड नियमों की पालना सही तरीके से नहीं होने पर चिंता जाहिर की है. अदालत ने इन नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए सुझाव मांगे हैं. साथ ही अदालत ने हिमाचल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध बुनियादी व्यवस्थाओं को लेकर स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है.

SC asks for status report from Himachal government
SC asks for status report from Himachal government
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Published : Dec 3, 2020, 6:03 PM IST

शिमला: सुप्रीम कोर्ट ने लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर चिंता जताई है. गुरुवार को कोर्ट ने संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन पर गंभीरता प्रकट की और इन्हें सख्ती से लागू करने को लेकर सुझाव मांगे.

सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क के सख्त कार्यान्वयन को लेकर जस्टिस अशोक भूषण की उगुवाई वाली पीठ ने केंद्र सरकार और अन्य हिस्सेदारों की ओर से पेश हुए सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता से कहा कि कोविड नियमों का पालन किस तरह सुनिश्चित किया जा सकता है, इस पर सुझाव दें.

इसके अलावा बैंच में शामिल जस्टिस आर सुभाश रेड्डी और एमआर शाह ने हिमाचल प्रदेश सरकार से राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज को लेकर मौजूदा सुविधा और इंफ्रासंट्रक्चर संबंधित रिपोर्ट देने को कहा.

हिमाचल में संक्रमितों के लिए इंतजाम का लिया जायजा

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत को हिमाचल प्रदेश में संक्रमितों के लिए इलाज की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने की जानकारी मिली है.

अदालत ने हिमाचल में कोरोना संक्रमितों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और बेड की कमी की बात कही. इसी को लेकर अदालत ने हिमाचल सरकार को स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का आदेश जारी किया है.

क्या कहते हैं हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री

इस बारे जब प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में कहीं भी ऑक्सीजन की कमी नहीं है और ना ही भविष्य में ऑक्सीजन की कमी होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है और सप्लाई निरंतर बनी हुई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा भी कोरोना संक्रमित मरीजों को जिन-जिन चीजों की आवश्यकता होती है उसकी उपलब्धता पर्याप्त है. प्रदेश सरकार ने समय रहते प्रदेश में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए आधारभूत ढांचा समय रहते खड़ा कर लिया था, जिसके कारण अब अस्पतालों में पर्याप्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं.

वीडियो.

एंबुलेंस में भी बढ़ाई गई है ऑक्सीजन की क्षमता

इसके अलावा मरीजों को आईजीएमसी और रिपन पहुंचाने के लिए भी एंबुलेंस में ऑक्सीजन की क्षमता बढ़ाई जा रही है. एंबुलेंस में अधिक क्षमता वाले ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिए गए हैं, ताकि दूरदराज के क्षेत्रों से आईजीएमसी पहुंचाने वाले मरीजों को ऑक्सीजन की दिक्कत ना हो सके और समय पर उनका इलाज हो सके.

कोरोना मरीजों के लिए विशेष तौर पर पांच एंबुलेंस चलाई गई हैं, जिनमें साधारण एंबुलेंस की अपेक्षा अधिक क्षमता के सिलेंडर लगाए गए हैं. इनमें तीन एंबुलेंस की क्षमता सात हजार क्यूबिक लीटर और दो एंबुलेंस में 4500 क्यूबिलक लीटर वाले सिलेंडर लगे हैं.

36 लाख ऑक्सीजन हो रही उत्पादित

प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य अस्पताल आईजीएमसी में प्रतिदिन 3,600,000 क्यूबिक लीटर ऑक्सीजन उत्पादित होती है, जबकि यहां केवल 30 से 32 लाख क्यूबिक लीटर ऑक्सीजन की ही खपत होती है.

सरप्लस ऑक्सीजन नजदीकी जिला अस्पताल रिपन को दी जा रही है इसके अलावा मंडी में ऑक्सीजन प्लांट से पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश सरकार ने सभी अस्पतालों में व्याप्त संख्या में ऑक्सीजन मापने के लिए ऑक्सीमीटर उपलब्ध करवाए हैं.

शिमला: सुप्रीम कोर्ट ने लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर चिंता जताई है. गुरुवार को कोर्ट ने संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन पर गंभीरता प्रकट की और इन्हें सख्ती से लागू करने को लेकर सुझाव मांगे.

सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क के सख्त कार्यान्वयन को लेकर जस्टिस अशोक भूषण की उगुवाई वाली पीठ ने केंद्र सरकार और अन्य हिस्सेदारों की ओर से पेश हुए सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता से कहा कि कोविड नियमों का पालन किस तरह सुनिश्चित किया जा सकता है, इस पर सुझाव दें.

इसके अलावा बैंच में शामिल जस्टिस आर सुभाश रेड्डी और एमआर शाह ने हिमाचल प्रदेश सरकार से राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज को लेकर मौजूदा सुविधा और इंफ्रासंट्रक्चर संबंधित रिपोर्ट देने को कहा.

हिमाचल में संक्रमितों के लिए इंतजाम का लिया जायजा

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत को हिमाचल प्रदेश में संक्रमितों के लिए इलाज की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने की जानकारी मिली है.

अदालत ने हिमाचल में कोरोना संक्रमितों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और बेड की कमी की बात कही. इसी को लेकर अदालत ने हिमाचल सरकार को स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का आदेश जारी किया है.

क्या कहते हैं हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री

इस बारे जब प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में कहीं भी ऑक्सीजन की कमी नहीं है और ना ही भविष्य में ऑक्सीजन की कमी होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है और सप्लाई निरंतर बनी हुई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा भी कोरोना संक्रमित मरीजों को जिन-जिन चीजों की आवश्यकता होती है उसकी उपलब्धता पर्याप्त है. प्रदेश सरकार ने समय रहते प्रदेश में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए आधारभूत ढांचा समय रहते खड़ा कर लिया था, जिसके कारण अब अस्पतालों में पर्याप्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं.

वीडियो.

एंबुलेंस में भी बढ़ाई गई है ऑक्सीजन की क्षमता

इसके अलावा मरीजों को आईजीएमसी और रिपन पहुंचाने के लिए भी एंबुलेंस में ऑक्सीजन की क्षमता बढ़ाई जा रही है. एंबुलेंस में अधिक क्षमता वाले ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिए गए हैं, ताकि दूरदराज के क्षेत्रों से आईजीएमसी पहुंचाने वाले मरीजों को ऑक्सीजन की दिक्कत ना हो सके और समय पर उनका इलाज हो सके.

कोरोना मरीजों के लिए विशेष तौर पर पांच एंबुलेंस चलाई गई हैं, जिनमें साधारण एंबुलेंस की अपेक्षा अधिक क्षमता के सिलेंडर लगाए गए हैं. इनमें तीन एंबुलेंस की क्षमता सात हजार क्यूबिक लीटर और दो एंबुलेंस में 4500 क्यूबिलक लीटर वाले सिलेंडर लगे हैं.

36 लाख ऑक्सीजन हो रही उत्पादित

प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य अस्पताल आईजीएमसी में प्रतिदिन 3,600,000 क्यूबिक लीटर ऑक्सीजन उत्पादित होती है, जबकि यहां केवल 30 से 32 लाख क्यूबिक लीटर ऑक्सीजन की ही खपत होती है.

सरप्लस ऑक्सीजन नजदीकी जिला अस्पताल रिपन को दी जा रही है इसके अलावा मंडी में ऑक्सीजन प्लांट से पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश सरकार ने सभी अस्पतालों में व्याप्त संख्या में ऑक्सीजन मापने के लिए ऑक्सीमीटर उपलब्ध करवाए हैं.

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