शिमला: दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) पर सोमवार को शिमला में राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. आरएन बत्ता ने कहा कि डीडीयू-जीकेवाई योजना हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2016-17 से कार्यान्वित की जा रही है, जिसके तहत उम्मीदवारों को विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाता है और प्रशिक्षण सहयोगियों के लिए 70 प्रतिशत प्लेसमेंटस करवाना आवश्यक बनाया गया है.
आरएन बत्ता ने कहा कि डीडीयू-जीकेवाई का लक्ष्य गरीब ग्रामीण युवाओं को कौशल और रोजगार प्रदान करना है, जिनकी मासिक आय न्यूनतम से भी कम है. उन्होंने कहा कि कौशल विकास ग्रामीण विकास मंत्रालय का राष्ट्रीय फ्लैगशिप कार्यक्रम है, जो गरीब ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान कर प्लेसमेंट उपलब्ध करवाता है. कार्यशाला का उद्देश्य प्रशिक्षित अभ्यार्थियों और प्लेसमेंट के बीच का अंतर भरने के अतिरिक्त कार्यन्वयन करने वाली एजेंसियों से फीडबैक लेना था. उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से उद्योगों और प्रशिक्षुओं प्लेसमेंट संबंधी चुनौतियों और अन्य मांगों को जानने का अवसर मिलेगा.
ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक ललित जैन ने कहा कि डीडीयू-जीकेवाई के तहत केन्द्र सरकार को वर्ष 2016 में कार्ययोजना प्रस्तुत की गई थी, जिसमें तीन वर्ष के भीतर 15000 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया था. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं का सम्पूर्ण बायोडाटा अपलोड करने के लिए एक सामान्य प्लेटफॉर्म होना चाहिए, जिससे उद्योगों और अन्य लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवा सकें.
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