शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में लगातार हो रही बढ़ोतरी सरकार और प्रशासन की चिंताएं बढ़ा रही है. सरकार-प्रशासन की ढ़िलाई और लोगों की लापरवाही कोरोना संक्रमण को सीधा निमंत्रण दे रही है. सरकार-प्रशासन लोगों से नियमों का पालन करने की अपील कर रहा है, जो जमीनी स्तर पर कारगर नजर नहीं आ रही है. एक समय पर लगभग न के बराबर कोरोना संक्रमण वाले राज्य में कोरोना मरीजों का कुल आंकड़ा 50 हजार के पार पहुंच चुका है. जबकि कोरोना के चलते मरने वालों का आंकड़ा 830 के पार पहुंच चुका है.
बीते 45 दिनों में आए अब तक के 56 फीसदी मामले
प्रदेश में अब तक संक्रमण के कुल आंकड़ों में 56 फीसदी मामले बीते 45 दिनों में रिपोर्ट किए गए हैं. हिमाचल प्रदेश में एक नवंबर को कोरोना का आंकड़ा 22,059 था और 15 दिसंबर आते-आते यह 50,196 तक पहुंच गया. यानी 28,137 कोरोना केस इन्ही 45 दिनों में दर्ज किए गए हैं, जोकि कुल आंकड़ों का 56 फीसदी हिस्सा है.
बीते 45 दिनों में 512 संक्रमितों ने गंवाई
अनलॉक के बीच गतिविधियों को पटरी पर लाने की कवायद में कोरोना से नियंत्रण हट गया और आज स्थिति यह है कि देशभर में जहां पहले के मुकाबले मामलों में गिरावट आ रही है तो वहीं हिमाचल प्रदेश में मामलों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
बीते 45 दिनों में 512 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ा है. एक नंवबर तक 312 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी. 15 दिसंबर तक यह आंकड़ा 824 पहुंच गया. जिसका मतलब है कि अब तक के कोरोना से मरने वाले लोगों में से 62 फीसदी लोगों की जान बीते 45 दिनों में गई है.
दिसंबर में कोरोना की रफ्तार बेलगाम
नवंबर माह के पहले 15 दिन में 7,654 और दिसंबर माह के पहले 15 दिन में 9,678 कोरोना मामले सामने आए. यानी दिसंबर में नवंबर के मुकाबले 2024 कोरोना मामले दर्ज किए गए.
इसके अलावा कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा भी बढ़ा बहै. नंवबर के पहले 15 दिनों में 123 लोगों ने दम तोड़ा था, वहीं दिसंबर में यह आंकड़ा बढ़कर 189 पहुंच गया.
दिनांक | कुल मामले | मौतें | दिनांक | कोरोना केस | मौतें | |
01 दिसंबर | 709 | 21 | 01 नवंबर | 205 | 08 | |
02 दिसंबर | 663 | 11 | 02 नवंबर | 334 | 10 | |
03 दिसंबर | 837 | 18 | 03 नवंबर | 334 | 08 | |
04 दिसंबर | 578 | 13 | 04 नवंबर | 433 | 11 | |
05 दिसंबर | 905 | 13 | 05 नवंबर | 444 | 06 | |
06 दिसंबर | 553 | 11 | 06 नवंबर | 430 | 04 | |
07 दिसंबर | 739 | 07 | 07 नवंबर | 573 | 06 | |
08 दिसंबर | 504 | 14 | 08 नवंबर | 674 | 06 | |
09 दिसंबर | 729 | 12 | 09 नवंबर | 711 | 07 | |
10 दिसंबर | 773 | 08 | 10 नवंबर | 611 | 12 | |
11 दिसंबर | 651 | 20 | 11 नवंबर | 610 | 09 | |
12 दिसंबर | 597 | 10 | 12 नवंबर | 765 | 06 | |
13 दिसंबर | 424 | 08 | 13 नवंबर | 825 | 11 | |
14 दिसंबर | 676 | 12 | 14 नवंबर | 322 | 08 | |
15 दिसंबर | 435 | 11 | 15 नवंबर | 383 | 11 | |
कुल | 9678 | 189 | कुल | 7654 | 123 |
कौन है जिम्मेदार?
लॉकडाउन के बाद प्रदेश की सीमाएं खुलने के साथ प्रदेश में कोरोना के लिए भी द्वार भी खुल गया. सूबे के मुखिया जयराम ठाकुर ने कोरोनो संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों का जिम्मेदार शादी समारोह में लगने वाली भीड़ को बताया और विपक्ष ने भाजपा की राजनीतिक रैलियों को. विपक्ष ने संक्रमण फैलने से रोकने में सरकार को असफल बताते हुए कोरोना से निपटने में अवैज्ञानिक करार दिया. सरकार और लोगों ने कोरोना के इस न्यू नॉर्मल को कुछ इस तरह जीवन में उतारा कि जागरूकता होने के बावजू़द कोरोना को धत्ता करार दे दिया गया.
संक्रमण के मामलों में वृद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बिस्तर भी कम पड़ गए जिसके बाद सूबे के स्वास्थ्य महकमे ने कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन का प्रावधान किया. प्रदेश में अब तक की कोरोना की स्थिति पर नजर डाली जाए तो बीते महीनों में स्थिति बद से बदतर हुई है और फिलहाल सरकार भी स्थिति पर काबू पाने में सक्षम नजर नहीं आ रही है.