शिमलाः मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-1100 शुरू होने के पश्चात इस पर 84 विभागों से संबंधित 789756 फोन काॅल आए. जिनमें से 153970 शिकायतें, 13682 मांगे एवं सुझाव और 622104 जानकारी एवं फाॅलो-अप काॅल्ज के साथ अधिकारी हेल्पडेस्क पर 17946 फोन काॅल्ज प्राप्त हुए. शिकायतकर्ताओं की संतुष्टि के पश्चात 98132 शिकायतें बंद कर दी गईं.
मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 की समीक्षा बैठक
प्रदेश सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के अधिकारियों को लोगों की शिकायतों के शीघ्र निवारण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करने के निर्देश दिए ताकि शिकायतों के निवारण में अनावश्यक रूप से देरी के कारण उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हों. वह आज यहां मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
संकल्प हेल्पलाइन-1100 और जनमंच जनता के लिए वरदान
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों की समस्याओं को शीघ्र हल करने और उनके समय व धन की बचत के लिए मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 शुरू की है. मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 और जनमंच लोगों की शिकायतों का निवारण उनके घर-द्वार पर करने के लिए वरदान सिद्ध हो रहे हैं. जयराम ठाकुर ने कहा कि शिकायतों का उचित विश्लेषण किया जाना चाहिए, ताकि संबंधित विभाग शिकायतों के मुख्य कारण से संबंधित डेटा प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि इससे न केवल जनता की शिकायतों का निवारण होगा, बल्कि शिकायतकर्ता संतुष्ट भी होंगे. उन्होंने कहा कि कुल शिकायतों में से 81 प्रतिशत प्रदेश के 10 मुख्य विभागों जिनमें जल शक्ति, लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज, राजस्व, एचपीएसईबीएल, पुलिस, ग्रामीण विकास, एचआरटीसी, वन और शहरी विकास विभाग से संबंधित होती हैं. इसलिए इनके शीघ्र निवारण पर विशेष बल दिया जाना चाहिए.
शिकायतों के निवारण की दर में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में शिकायतों के संतोषजनक निवारण की दर में वृद्धि हुई है. परंतु इसे और अधिक बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग की संतोषजनक क्लोजर रिपोर्ट 72 प्रतिशत है. जो कि सबसे अधिक है. जबकि राज्य स्तर पर संतोषजनक क्लोजर प्रतिशत 64 प्रतिशत है.
लंबित मामलों पर चिंता
मुख्यमंत्री ने एल 4 चरण में बड़ी संख्या में लंबित मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासनिक सचिवों को शिकायतों के निवारण पर विशेष बल देना चाहिए और लंबित मामलों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अप्रासंगिक और झूठी काॅल करने वालों पर रोक लगाने के लिए नीति तैयार की जानी चाहिए. क्योंकि इसके कारण संबंधित विभागों को अनावश्यक परेशानी होती है. उन्होंने हेल्पलाइन के कर्मचारियों की कार्यशैली की सराहना भी की.
जनता द्वारा उठाई गई मांगों का रखा जाए ध्यान
जयराम ठाकुर ने कहा कि यद्यपि हेल्पलाइन जनता की शिकायतों के निवारण के लिए शुरू की गई है, परंतु जनता द्वारा उठाई गई मांगों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे सरकार को संबंधित क्षेत्रों से जुड़ी मांगों के बारे में उचित प्रतिक्रिया प्राप्त होगी. उन्होंने जन शिकायतों के शीघ्र निपटारे के लिए संबंधित जिलों के कुछ उपायुक्तों द्वारा की गई पहल के लिए उनकी सराहना भी की.
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