शिमला: शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश एसएमसी शिक्षकों का मुद्दा विधानसभा में गूंजा. प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने एसएमसी शिक्षकों को लेकर सदन में सवाल पूछे. फिलहाल सरकार की ओर एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने की किसी भी योजना होने से इनकार किया है. विपक्ष की ओर से रेणुकाजी के विधायक विनय कुमार, किशोरी लाल, वीरभद्र सिंह और हर्षवर्धन चौहान ने एसएमसी शिक्षकों को लेकर सदन में सवाल उठाया. विधायकों ने सवाल किया था कि एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने के संबंध में सरकार कोई नीति बनाने का विचार रखती है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों के संबंध में नीति बनाने के आदेश दिए हैं. क्या सरकार इन्हें नियमित करेगी.
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शिक्षा मंत्री का जवाब
इस पर गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2007 में हुई भर्तियों को लेकर नियमितीकरण के आदेश नहीं दिए हैं. इस मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप ही काम कर रही है. रेणुका जी के विधायक विनय कुमार ने कहा कि प्रदेश में हजारों एसएमसी शिक्षक हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं. इसे लेकर आज विधानसभा में सरकार से इनके नियमितीकरण को लेकर सवाल उठाया गया था. इस पर सरकार ने फिलहाल अभी नियमित न करने की बात कही है.
कई स्कूल में एसएमसी शिक्षक ही दे रहे सेवाएं
रेणुकाजी के विधायक विनय कुमार ने कहा कि उनके क्षेत्र में ऐसे कई स्कूल हैं, जहां केवल एक ही शिक्षक है और वे भी एसएमसी शिक्षक है. यदि सरकार इन्हें हटाती है, तो इन क्षेत्रों में स्कूलों में कोई भी शिक्षक नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासन काल में यदि नियमित नहीं किया जाता, तो कांग्रेस सरकार आने पर इनके लिए योजना बनाई जाएगी.
2 हजार 655 एसएमसी शिक्षक दे रहे सेवाएं
बता दें हिमाचल प्रदेश में इस समय 2 हजार 655 एसएमसी शिक्षक दूरदराज के स्कूल में आठ वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं. यह शिक्षक लंबे समय से नियमित करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने का फैसला सुनाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक लगाते हुए सेवाएं जारी रखने के आदेश दिए थे.
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