शिमलाः एपीएमसी के तहत चल रहे गेहूं खरीद केन्द्रों में अभी तक 109055.35 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है. इस वर्ष किसानों से सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की और राशि सीधे किसानों के खातों में स्थानान्तरित की जा रही है. यह बात सचिव कृषि अजय कुमार शर्मा ने आज कृषि निदेशालय शिमला में उच्च अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कही.
विभाग की समीक्षा बैठक में अजय कुमार शर्मा ने अधिकारियों को विभाग की ओर से चलाई जा रही सभी परियोजनाओं को समन्वय के साथ समयबद्ध रूप से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए. उन्होंने प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत कार्यान्वित की जा रही सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के तहत विभिन्न गतिविधियों का विस्तार से विवरण लिया. बैठक में बाह्य सहायता प्राप्त परियोजना जायका के बारे में भी चर्चा की गई.
परियोजना प्रदेश में आगामी 7 वर्षों तक की जाएगी कार्यान्वित
परियोजना निदेशक जायका हमीरपुर ने अवगत करवाया कि यह परियोजना प्रदेश के सभी जिलों में कार्यान्वित की जाएगी और इसके तहत फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने और कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों के लिए 1013 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह परियोजना प्रदेश में आगामी 7 वर्षों तक कार्यान्वित की जाएगी.
कृषि विभाग ने किसानों के लिए 35 योजनाएं की कार्यान्वित
सचिव कृषि ने कृषि विपणन बोर्ड के तहत कार्यान्वित की जा रही सभी गतिविधियों का भी विस्तृत जायजा लिया. बैठक में यह भी अवगत करवाया कि कृषि विभाग ने किसानों के लिए 35 योजनाएं कार्यान्वित की हैं. कोविड-19 के संकट के दौरान कृषि विभाग एवं विपणन बोर्ड की ओर से सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार किसानों को खरीफ मौसम के लिए उत्पादक सामग्री उपलब्ध करवाई गई और उनके उत्पादों की निरन्तर खरीद की जा रही है.
ये भी पढ़ें: कैबिनेट बैठक में कोरोना बंदिशें पहले की तरह जारी रहने के आसार, परिवहन और पर्यटन पर हो सकता है फैसला