शिमला : मुख्य सचिव आरडी धीमान आज रिटायर होंगे.वहीं, अब वह प्रदेश के अगले मुख्य सूचना आयुक्त होंगे. कुछ दिनों पहले पीटरहॉफ में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर की बैठक में आरडी धीमान के नाम पर मुहर लगाई गई थी.
कौन हैं आरडी धीमान - आरडी धीमान 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें इसी साल 1987 बैच के आईएएस अधिकारी रामसुभग सिंह की जगह हिमाचल के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी. आरडी धीमान ऊर्जा, उद्योग जैसे विभागों के एसीएस के अलावा हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के चेयरमैन भी रहे हैं. बता दें कि पूर्व सीएम जयराम ठाकुर की पांच साल की सरकार के कार्यकाल में आरडी धीमान 7 वें मुख्य सचिव रहे.
30 जून से खाली है CIC की कुर्सी- गौरतलब है कि हिमाचल के मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) की हॉट सीट 30 जून से खाली है. सीआईसी के रूप में नरेंद्र चौहान की सेवानिवृत होने के बाद से ये पद खाली है. उन्होंने जून 2017 को पद संभाला था. उनकी रिटायरमेंट के बाद पूर्व की जयराम सरकार ने आवेदन मांगे थे. जिसके लिए 40 से अधिक आवेदन आए थे. गौरतलब है कि आरडी धीमान ने भी मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए आवेदन किया था. (who is CIC)
कौन करता है CIC का चयन- उल्लेखनीय है कि सीआईसी का चयन एक कमेटी करती है. इस कमेटी में मुख्यमंत्री के अलावा नेता प्रतिपक्ष और सीनियर मोस्ट कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं. मौजूदा वक्त में सीएम सुक्खू की कैबिनेट का विस्तार भले ना हुआ हो लेकिन मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी सीएम के रूप में मौजूद हैं.
क्यों खाली है कुर्सी- दरअसल सीईसी के चयन में नेता विपक्ष की सहमित जरूरी है. पूर्व मुख्यमंत्री और तत्कालीन नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के बीच कभी नाम पर सहमति नहीं बनी तो कभी बैठकों में कोरम पूरा नहीं हो पाया. इसके बाद अक्टूबर में चुनाव आचार संहिता लग गई और ये पद पिछले 6 महीने से खाली है.
पहले भी इस पद पर रही है खींचतान- गौरतलब है कि इस कुर्सी को लेकर इस तरह की खींचतान पहले भी रही है. मार्च 2016 में तत्कालीन मुख्य सूचना आयुक्त भीमसेन रिटायर हुए थे. उसके बाद भी लगभग 15 महीने तक ये कुर्सी खाली रही थी. ये सब सरकार और विपक्ष की खींचतान के कारण ही हुआ था. तब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और नेता विपक्ष प्रेम कुमार धूमल थे. फिर जून 2017 में नरेंद्र चौहान ने सीआईसी का पद संभाला, हालांकि प्रेम कुमार धूमल चयन कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हुए थे लेकिन उन्होंने नरेंद्र चौहान के नाम पर सहमति दी थी.
बता दें कि राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत आने वाली अपीलों को सुनता है. मुख्य सूचना आयुक्त को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के समकक्ष सुविधाएं मिलती हैं. लंबा-चौड़ा स्टाफ और लाल बत्ती वाली गाड़ी उपलब्ध करवाई जाती है. सीआईसी का स्टाफ 30 से अधिक लोगों का होता है. (Role of Chief Information Commissioner)
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