शिमला: विधानसभा सत्र के दौरान माननीयों के यात्रा भत्ते में बढ़ोतरी को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश भर में इसका विरोध हुआ था. इस दौरान रवि कुमार ने शिमला शहर में सांकेतिक रूप से भीख मांगकर 2 हजार 518 रुपये इक्ट्ठे किये थे. इसके बाद मुख्यमंत्री एमएलए फंड के नाम चेक बनाकर राजभवन को भेजा था. इस चेक को राजभवन से सचिवालय भेजा तो वहां से अतिरिक्त मुख्य सचिव जन शिकायत निवारण ने इसे यह कहकर लौटा दिया है कि इस तरह का फंड यहां मौजूद नहीं है. अब रवि कुमार ने इस चैक को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का फैसला लिया है.
दरअसल पिछले मानसून सत्र में विधानसभा में मंत्रियों और विधायकों का मुफ्त यात्रा भत्ता बढ़ाने का बिल पारित हुआ था. यात्रा भत्ता की सालाना सीमा को दो से बढ़ाकर चार लाख रुपये किया गया था, जिसका चारों तरफ भारी विरोध किया गया.
इसके बाद लोगों के बीच उतरकर एक-एक रुपये इकट्ठा किए गए. इस बारे में एक ड्राफ्ट तैयार कर इसे राजभवन शिमला में जमा करवाया गया. इस ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री एमएलए रिलीफ फंड नाम से बनाया गया.