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कोरोना काल में भी जारी रहा राशन पहुंचाने का काम, इस बैठक में साझा की गई जानकारियां

हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य आयोग (Himachal Pradesh State Food Commission) की बैठक में जहां राशन कोरोना काल में पहुंचाने की जानकारियां साझा की गई. वहीं, 2020-21 में खाद्यान्न प्राप्ति से संबंधित 402 शिकायतों का निवारण भी किया गया.

Himachal Pradesh
कोरोना काल
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Published : Jul 6, 2021, 6:41 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 9:17 PM IST

शिमला: कोरोना संक्रमण के बीच 0 से 3 वर्ष की आयु सीमा के लगभग 2.3 लाख बच्चों और 3 से 6 वर्ष की आयु के लगभग 1.3 लाख बच्चों सहित गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली 94,000 महिलाओं को प्रति माह पात्रता के अनुसार पर्याप्त राशन उपलब्ध करवाया गया. यह राशन जून 2020 से मार्च 2021 के बीच उपलब्ध करवाया गया.

बैठक में दी गई ये जानकारी

हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य आयोग (Himachal Pradesh State Food Commission) की बैठक में जानकारी साझा की गई, जिसके अनुसार शिक्षा विभाग (education Department) ने दोपहर भोजन योजना के तहत कक्षा आठ तक के लगभग 4.89 लाख विद्यार्थियों को प्रतिमाह निर्धारित मात्रा में राशन दिया. इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana) के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act) के अंतर्गत पात्र परिवारों को अप्रैल 2020 से नवंबर 2020 और मई, जून 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान 5 किलोग्राम अनाज प्रति परिवार प्रति माह सरकार ने उपलब्ध करवाया.

402 शिकायतों का निवारण किया

आयोग के अध्यक्ष सुरेन्द्र घोंक्रोकटा ने बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में खाद्यान्न प्राप्ति से संबंधित 402 शिकायतों का निवारण किया.उन्होनें कहा कि राज्य सरकार ने गरीब, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं एवं बच्चों के लिए अभूतपूर्व कार्य किया. कोविड-19 के दौरान उभरी चुनौतियों के बावजूद प्रदेश सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली आई.सी.डी.एस. और मिड-डे मील योजनाओं को प्रभवी ढंग से लागू किया गया.

सकराक के फैसलों की तारीफ

उन्होंने कहा कि आयोग समय-समय पर समीक्षा बैठक की जाती है और प्रत्येक जिलों के खाद्य सुरक्षा से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए अतिरिक्त जिला उपायुक्तों को जिला शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया गया. यदि कोई नागरिक खाद्य सुरक्षा अधिनियम (civil food security act), 2013 के लाभों से वंचित है तो जिला शिकायत निवारण अधिकारी के पास या सीधा आयोग को शिकायत कर सकते हैं.

आयोग ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग से अपील की गई है कि शिकायतों का त्वरित निपटान हो और सरकारी योजनाओं के तहत कोई भी पात्र नागरिक लाभ से वंचित न रहे. उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य सरकार अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को सही प्रकार से लागू करने और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana) के तहत पात्र परिवारों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए सरकार के उठाए गए कदमों की सराहना की.

ये भी पढ़ें: VIDEO: शिमला में पुलिस के साथ फिर उलझे पर्यटक, मास्क न पहनने पर हुआ विवाद

शिमला: कोरोना संक्रमण के बीच 0 से 3 वर्ष की आयु सीमा के लगभग 2.3 लाख बच्चों और 3 से 6 वर्ष की आयु के लगभग 1.3 लाख बच्चों सहित गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली 94,000 महिलाओं को प्रति माह पात्रता के अनुसार पर्याप्त राशन उपलब्ध करवाया गया. यह राशन जून 2020 से मार्च 2021 के बीच उपलब्ध करवाया गया.

बैठक में दी गई ये जानकारी

हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य आयोग (Himachal Pradesh State Food Commission) की बैठक में जानकारी साझा की गई, जिसके अनुसार शिक्षा विभाग (education Department) ने दोपहर भोजन योजना के तहत कक्षा आठ तक के लगभग 4.89 लाख विद्यार्थियों को प्रतिमाह निर्धारित मात्रा में राशन दिया. इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana) के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act) के अंतर्गत पात्र परिवारों को अप्रैल 2020 से नवंबर 2020 और मई, जून 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान 5 किलोग्राम अनाज प्रति परिवार प्रति माह सरकार ने उपलब्ध करवाया.

402 शिकायतों का निवारण किया

आयोग के अध्यक्ष सुरेन्द्र घोंक्रोकटा ने बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में खाद्यान्न प्राप्ति से संबंधित 402 शिकायतों का निवारण किया.उन्होनें कहा कि राज्य सरकार ने गरीब, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं एवं बच्चों के लिए अभूतपूर्व कार्य किया. कोविड-19 के दौरान उभरी चुनौतियों के बावजूद प्रदेश सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली आई.सी.डी.एस. और मिड-डे मील योजनाओं को प्रभवी ढंग से लागू किया गया.

सकराक के फैसलों की तारीफ

उन्होंने कहा कि आयोग समय-समय पर समीक्षा बैठक की जाती है और प्रत्येक जिलों के खाद्य सुरक्षा से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए अतिरिक्त जिला उपायुक्तों को जिला शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया गया. यदि कोई नागरिक खाद्य सुरक्षा अधिनियम (civil food security act), 2013 के लाभों से वंचित है तो जिला शिकायत निवारण अधिकारी के पास या सीधा आयोग को शिकायत कर सकते हैं.

आयोग ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग से अपील की गई है कि शिकायतों का त्वरित निपटान हो और सरकारी योजनाओं के तहत कोई भी पात्र नागरिक लाभ से वंचित न रहे. उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य सरकार अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को सही प्रकार से लागू करने और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana) के तहत पात्र परिवारों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए सरकार के उठाए गए कदमों की सराहना की.

ये भी पढ़ें: VIDEO: शिमला में पुलिस के साथ फिर उलझे पर्यटक, मास्क न पहनने पर हुआ विवाद

Last Updated : Jul 6, 2021, 9:17 PM IST
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