रामपुर: उपमंडल रामपुर में चार जिलों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने वाले खनेरी अस्पताल के एकमात्र गायनी का तबादला ठियोग के अस्पताल में कर दिया गया है. जिससे गर्भवती महिलाओं अब खासा समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बात करें खनेरी अस्पताल की तो यहां हर महीने लगभग करीब 200 गर्भवती महिलाओं का प्रसव किया जाता है. इसके अलावा भी खनेरी अस्पताल में 100 से ज्यादा महिलाएं रोजाना इलाज के लिए ओपीडी में आती हैं. वहीं अब अस्पताल से एकमात्र गायनी के तबादले से गर्भवती महिलाओं के लिए मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं. रामपुर उपमंडल की गर्भवती महिलाओं को अब या तो शिमला की ओर रुख करना पड़ेगा या फिर निजी अस्पतालों की रुख करना पड़ेगा.
गरीब परिवारों पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ: खनेरी अस्पताल से गायनी के तबादले के बाद सबसे बुरा असर गरीब परिवारों पर पड़ेगा, क्योंंकि अब उन्हें निजी अस्पतालों में जाना पडे़गा, जहां पहले ही इलाज के नाम पर मोटी फीस वसूली जाती है. वहीं, सरकारी अस्पताल में जाने के लिए भी उन्हें रामपुर से शिमला जाना होगा, जिससे समय और पैसे दोनों ही खर्च होंगे. बता दें की खनेरी अस्पताल में 32 डॉक्टरों के पद मौजूद हैं जिनमें सिर्फ 27 पदों पर ही डॉक्टर तैनात हैं. अस्पताल में इएनटी का पद भी काफी लंबे समय से खाली चल रहा है.
महिलाओं ने लगाई सरकार से गुहार: वहीं, महिलाओं ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है कि सरकार गर्भवती महिलाओं की समस्या को मध्यनजर रखते हुए जल्द से जल्द अस्पताल में गायनी डॉक्टर की तैनाती करें, ताकि महिलाओं को निजी अस्पतालों का रुख न करना पड़े. इस बारे में जानकारी देते हुए एमएस खनेरी अस्पताल प्रकाश दरोच ने बताया कि गायनी के डॉक्टर का तबादला किया गया है, लेकिन उनके स्थान पर अभी किसी और डॉक्टर आने के आदेश जारी नहीं हुए हैं.
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