रामपुर: जिला शिमला के अतिरिक्त जिला एंव सत्र न्यायधीश किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए चिट्टा मामले में पकड़े गए 3 आरोपियों को 10-10 साल का कठोर कारावास और 1-1 लाख जुर्माना की सजा सुनाई. आरोपी गणेश चंद (35) निवासी कुल्लू, भुपेन्द्र उर्फ पीके (38) निवासी रामपुर और विनोद निवासी रामपुर (38) साल को आज कोर्ट द्वारा चिट्टा रखने के जुर्म में सजा सुनाई गई है.
फैसले की जानकारी देते हुए उप जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने बताया कि 13 अक्तूबर 2019 को जब पुलिस ने ननखड़ी निरथ में नाका लगा रखा था तो रात के समय 1.20 बजे सैंज की तरफ से एक गाड़ी आई जिसमें तीन व्यक्ति सवार थे. जब पुलिस ने गाड़ी को रोककर ड्राईवर से गाड़ी के कागजात मांगे तो वह ड्राईविंग लाइसेंस पेश न कर सका. जब पुलिस पूछताछ कर रही थी तो सभी लोग घबराए हुए थे. पुलिस को उनकी इस हरकत पर शक हुआ और उप प्रधान प्रेम सिंह को मौके पर लाया गया. जिनके सामने गाड़ी की तलाशी ली गई तो गाड़ी में से एक प्लास्टिक की थैली में भूरे रंग का पदार्थ यानि चिट्टा बरामद हुआ. पुलिस ने आरोपियों से मौके पर 49 ग्राम बरामद किया था.
आरोपियों से चिट्टा बरामद होने के उपरांत पुलिस थाना रामपुर में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया और जांच पूरी होने पर चालान अदालत में पेश किया गया. जहां पर कुल 11 गवाहों के ब्यान कलमबंद किए गए. दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अदालत ने उपरोक्त सभी दोषियों को चिट्टा रखने व बेचने का आरोपी पाया और प्रत्येक को 10 साल की सजा व कुल 3 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. सरकार की तरफ से केस की पैरवी उप जिला न्यायवादी कमल चंद व उप जिला न्यायवादी केएस जरयाल ने की.
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