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Rampur Assembly Seat: वीरभद्र सिंह का किला रामपुर को भेदने में बीजेपी क्या अबकी बार होगी कामयाब?

हिमाचल में 14वीं विधानसभा के लिए 12 नवंबर को वोटिंग हो चुकी है. अब 8 दिसंबर को नजीते आने हैं. रामपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां इस बार 73.25 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नंदलाल और भाजपा से कौल नेगी चुनावी मैदान में हैं. (Rampur Assembly Seat) (Himachal Pradesh elections result 2022)

Rampur Assembly Seat
रामपुर विधानसभा क्षेत्र
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Published : Nov 20, 2022, 8:53 AM IST

रामपुर/शिमला: रामपुर विधानसभा क्षेत्र हिमाचल की हॉट सीटों में से एक है. रामपुर स्व. वीरभद्र सिंह के राजपरिवार की रियासत रही है. स्व. वीरभद्र सिंह का मान सम्मान यहां की जनता ने यहां से कांग्रेस को एक तरफा जीत दिलाकर बरकार रखा है. यहां की जनता स्व. वीरभद्र सिंह के नाम पर ही वोट करती है, यही वजह है कि यह कांग्रेस का गढ़ रही है. हिमाचल के पुनर्गठन के बाद अब तक हुए 11 चुनावों में से 10 बार कांग्रेस को यहां से जीत हासिल हुई है. हालांकि इस बार कांग्रेस को यहां भाजपा से कड़ी टक्कर मिल रही है.

रामपुर में मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में देखने को मिल रहा है. यहां से भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. भाजपा ने रामपुर से युवा प्रत्याशी कौल नेगी को चुनावी मैदान में है. वहीं, कांग्रेस ने नंदलाल को रण में उतारा है. 12 नवंबर को हुई वोटिंग के अनुसार रामपुर विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार 73.25 प्रतिशत मतदान रहा. ऐसे में अब जनता ने किस प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है ये तो 8 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. यह चुनाव इस मायने में अलग है क्योंकि स्व. वीरभद्र सिंह के बिना यह पहला चुनाव लड़ा जा रहा है. ऐसे में भाजपा भी कांग्रेस के इस दुर्ग को भेदने की कोशिश कर रही है, लेकिन क्या अबकी बार भाजपा ऐसा कर पाएगी. अगर वह ऐसा करने में कामयाब होती है तो उसके लिए इस जीत के कई मायने होंगे.(Voting in Rampur) (Candidate in Rampur) (BJP Candidate in Rampur)

कौन हैं कांग्रेस उम्मीदवार नंदलाल- 68 वर्षीय नंदलाल अबकी बार भी रामपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. पार्टी के अंदर भारी विरोध के बावजूद भी कांग्रेस ने अबकी बार उनको अपना उम्मीदवार बनाया. कांग्रेस के नाराज पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला और कांग्रेस के नेता विशेषर लाल से नामांकन पत्र दाखिल करवा दिया था, जिससे कांग्रेस की चिंता बढ़ गई थीं, मगर आखिरी समय में कांग्रेस रूठे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को मनाने में सफल रही. कांग्रेस के बागी विशेषर लाल ने आखिरी दिन अपना नामांकन वापस लिया और उन्होंने कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ रामपुर बाजार में कांग्रेस प्रत्याशी नंदलाल के लिए प्रचार भी किया. कांग्रेस ने यहां एकजुटता दिखाने की कोशिश की है. नंदलाल के पास 57 लाख 9 हजार 793.07 रुपए की चल संपत्ति है और अचल संपत्ति 80 लाख रुपए की है. इन्होंने 1976 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए की है. (Congress and BJP Candidate in Rampur) (Congress Candidate in Rampur)

कौन हैं भाजपा प्रत्याशी कौल नेगी- भाजपा ने इस बार रामपुर विधानसभा सीट पर नए उम्मीदवार कौल नेगी पर दांव खेला है. वह अभी 37 वर्ष के हैं. भाजपा प्रत्याशी कौल नेगी हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट फेडरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष हैं और वह लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रहे हैं. इस बार उनको विधानसभा चुनावों में उतार कर नया दांव खेला गया है. कौल नेगी के पास 99 हजार 265 की चल संपत्ति है. इन्होंने 2010 में अपनी बीए की है. (Rampur Assembly Seat) (himachal assembly election 2022 result)

5 उम्मीदवार मैदान में, 73.25 फीसदी रहा मतदान- रामपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट से अबकी बार 4 राजनीतिक पार्टियों व 5 निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरे थे, लेकिन इनमें से 4 ने अपने नाम वापस ले लिया. इसके बाद अब कांग्रेस के नंदलाल, भाजपा के कौल सिंह नेगी, आम आदमी पार्टी के उदय डोगरा, बीएसपी के देश राज और एक निर्दलीय प्रीतम देव चुनावी मैदान में हैं. रामपुर में अबकी बार 73.25 फीसदी मतदान रहा. यहां पर कुल 76994 मतदाताओं में से 56399 ने मतदान किया. मतदान करने वालों में 29324 पुरूष और 27075 महिलाएं शामिल रहीं. मतदाताओं ने किसको सर आखों पर बिठाया है, यह तो 8 दिसंबर के चुनावी नतीज बताएंगे.

रामपुर सीट का चुनावी इतिहास- 1971 में हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राजत्व मिलने के बाद अब तक हुए 11 विधानसभा चुनाव हुए हैं. इनमें से 10 चुनावों में कांग्रेस जीती है, जबकि एक बार जेएनपी के उम्मीदवार जीता. रामपुर विधानसभा सीट पर 1972 में कांग्रेस के नेक राम को जीत मिली थी. 1977 में हुए चुनाव में जेएनपी के निन्जू राम को विधायक चुना गया. इसके बाद 1982, 1985, 1990, 1993, 1998 और 2003 तक लगातार इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सिंघी राम जीतते रहे. इसके बाद 2007, 2012 और 2017 में यहां कांग्रेस प्रत्याशी नंद लाल ने लगातार तीन बार जीत की हैट्रिक लगाई. (Himachal Pradesh elections result 2022) (Himachal Pradesh poll result)

पिछले चुनाव में 48.23 फीसदी वोट लेकर जीते थे नंदलाल- रामपुर विधानसभा सीट पर साल 2017 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 2017 में कांग्रेस से नंद लाल ने भाजपा के प्रेम सिंह ड्रैक को हराया था. कांग्रेस के नंदलाल को इस चुनाव में 25730 वोट मिले जो कि कुल मतों का 48.23 फीसदी रहा. बीजेपी के प्रेम सिंह ड्रैक को 21,693 वोट मिले, इस तरह वह 40.66 फीसदी मत ले पाए. वहीं तीसरे नंबर पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार सिंघी राम 7.12 फीसदी ले पाए और उनको 3801 वोट मिले. चौथे स्थान पर रहे सीपीएम के उम्मीदवार विवेक कश्यप को 1325 मत यानि 2.48 फीसदी मत मिले. इसके अलावा 504 नोटा पड़े. (Himachal Pradesh elections Exit Polls)(Himachal Pradesh Election date)

ये थे रामपुर से जनता के मुद्दे- रामपुर विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार के विकास ही चुनावी मुद्दे रहे हैं. भाजपा ने जयराम ठाकुर की सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के नाम वोट मांगे हैं. स्थानीय विधायक पर विकास कार्यों को करवाने में नाकाम रहने के आरोप लगाए हैं. विधायक के खिलाफ नाराजगी को भी भुनाने की कोशिश की गई. क्षेत्र में बदहाल सड़कें, स्वास्थ्य संस्थानों और शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की कमी जैसे मुद्दे इस चुनाव में हावी रहे.

जेपी नड्डा, जयराम ठाकुर, प्रतिभा सिंह ने किया चुनावी प्रचार- रामपुर विधानभा क्षेत्र में अबकी बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रचार के लिए खुद पहुंचे. उन्होंने रामपुर में जनसभा कर कौल नेगी के पक्ष में वोट मांगे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कौल नेगी के लिए चुनावी सभा की. कांग्रेस की ओर से प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने रामपुर में रैली की. विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी क्षेत्र में चुनावी प्रचार कर कांग्रेस प्रत्य़ाशी के लिए वोट मांगे.

रामपुर कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर- रामपुर में कांग्रेस व भाजपा के बीच अब सीधी टक्कर है. हालांकि पहले उम्मीदवारों की संख्या अधिक होने से चुनावी समीकरण बड़े स्तर पर बिगड़ने के कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन अब दोनों प्रमुख पार्टियो के दो प्रत्याशियों के बीच ही मुकाबला है. हालांकि अभी भी आप, बीएसपी और एक निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में है. ये तीनों कांग्रेस-भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी कर नुकसान पहुंचा सकते हैं. (Himachal Pradesh Elections videos) (HP election 2022)

भाजपा और कांग्रेस दोनों में भीतरघात की आशंका- रामपुर में कांग्रेस और भाजपा भीतरघात का सामना कर रही है. एक ओर जहां कांग्रेस के विधायक नंदलाल का पार्टी के अंदर भारी विरोध किया जा रहा था, वहीं भाजपा के नेता भी कौल नेगी को अपनाने से इंकार कर रहे थे. पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भाजपा ने यहां से पूर्व प्रत्याशी को भी निष्कासित किया था. हालांकि चुनाव के आखिरी दौर में कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों का खुलकर विरोध नहीं हुआ, लेकिन भीतरघात से यहां इनकार नहीं किया जा सकता. यह भीतरघात दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के समीकरण को बदल सकता है.

क्या विधायक के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को भुना पाएगी भाजपा- रामपुर विधानसभा क्षेत्र पंपरागत तौर पर कांग्रेस का गढ़ रहा है, मौजूदा समय में यहां से नंदलाल कांग्रेस के विधायक हैं. वे लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं और अब चौथी बार चुनावी मैदान में हैं. विधायक के खिलाफ तीन कार्यकाल की एंटीइनकंबैंसी है. भाजपा इस विरोधी लहर पर सवार होकर यहां चुनाव जीतने का सपना देख रही है. वहीं नंदलाल उम्र में ज्यादा है, जबकि कौल नेगी अभी 37 साल के युवा है. भाजपा ने एक युवा प्रत्याशी के सहारे युवाओं का वोट हासिल करने की कोशिश की है. हालांकि कौल नेगी मूलत किन्नौर के हैं, यह फैक्टर उनके लिए नकारात्मक पहलू हो सकता है.

अबकी बार स्व. वीरभद्र सिंह के बिना कांग्रेस की जीत नहीं आसान- कांग्रेस अबकी बार हिमाचल में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के बिना चुनाव लड़ रही है. रामपुर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह का गृह क्षेत्र है. यहां पर स्व. वीरभद्र सिंह के नाम पर ही यहां वोट पड़ते रहे हैं, फिर चाहे उम्मीदवार कोई भी क्यों न रहा हो. हालांकि इस बार परिस्थितयां अलग हैं. अबकी बार कांग्रेस स्व. वीरभद्र सिंह के बिना कांग्रेस चुनाव लड़ रही है. तीन बार लगातार कांग्रेस के नंदलाल चुनाव जीतते आए हैं और उनके खिलाफ नाराजगी भी है. भाजपा इन दो परिस्थितियों में कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने की पूरी कोशिश कर रही है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में पांच सीटों वाले ये 5 जिले खोलते हैं सत्ता की राह, इस बार कौन लगाएगा जीत का पंच ?

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रामपुर/शिमला: रामपुर विधानसभा क्षेत्र हिमाचल की हॉट सीटों में से एक है. रामपुर स्व. वीरभद्र सिंह के राजपरिवार की रियासत रही है. स्व. वीरभद्र सिंह का मान सम्मान यहां की जनता ने यहां से कांग्रेस को एक तरफा जीत दिलाकर बरकार रखा है. यहां की जनता स्व. वीरभद्र सिंह के नाम पर ही वोट करती है, यही वजह है कि यह कांग्रेस का गढ़ रही है. हिमाचल के पुनर्गठन के बाद अब तक हुए 11 चुनावों में से 10 बार कांग्रेस को यहां से जीत हासिल हुई है. हालांकि इस बार कांग्रेस को यहां भाजपा से कड़ी टक्कर मिल रही है.

रामपुर में मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में देखने को मिल रहा है. यहां से भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. भाजपा ने रामपुर से युवा प्रत्याशी कौल नेगी को चुनावी मैदान में है. वहीं, कांग्रेस ने नंदलाल को रण में उतारा है. 12 नवंबर को हुई वोटिंग के अनुसार रामपुर विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार 73.25 प्रतिशत मतदान रहा. ऐसे में अब जनता ने किस प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है ये तो 8 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. यह चुनाव इस मायने में अलग है क्योंकि स्व. वीरभद्र सिंह के बिना यह पहला चुनाव लड़ा जा रहा है. ऐसे में भाजपा भी कांग्रेस के इस दुर्ग को भेदने की कोशिश कर रही है, लेकिन क्या अबकी बार भाजपा ऐसा कर पाएगी. अगर वह ऐसा करने में कामयाब होती है तो उसके लिए इस जीत के कई मायने होंगे.(Voting in Rampur) (Candidate in Rampur) (BJP Candidate in Rampur)

कौन हैं कांग्रेस उम्मीदवार नंदलाल- 68 वर्षीय नंदलाल अबकी बार भी रामपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. पार्टी के अंदर भारी विरोध के बावजूद भी कांग्रेस ने अबकी बार उनको अपना उम्मीदवार बनाया. कांग्रेस के नाराज पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला और कांग्रेस के नेता विशेषर लाल से नामांकन पत्र दाखिल करवा दिया था, जिससे कांग्रेस की चिंता बढ़ गई थीं, मगर आखिरी समय में कांग्रेस रूठे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को मनाने में सफल रही. कांग्रेस के बागी विशेषर लाल ने आखिरी दिन अपना नामांकन वापस लिया और उन्होंने कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ रामपुर बाजार में कांग्रेस प्रत्याशी नंदलाल के लिए प्रचार भी किया. कांग्रेस ने यहां एकजुटता दिखाने की कोशिश की है. नंदलाल के पास 57 लाख 9 हजार 793.07 रुपए की चल संपत्ति है और अचल संपत्ति 80 लाख रुपए की है. इन्होंने 1976 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए की है. (Congress and BJP Candidate in Rampur) (Congress Candidate in Rampur)

कौन हैं भाजपा प्रत्याशी कौल नेगी- भाजपा ने इस बार रामपुर विधानसभा सीट पर नए उम्मीदवार कौल नेगी पर दांव खेला है. वह अभी 37 वर्ष के हैं. भाजपा प्रत्याशी कौल नेगी हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट फेडरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष हैं और वह लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रहे हैं. इस बार उनको विधानसभा चुनावों में उतार कर नया दांव खेला गया है. कौल नेगी के पास 99 हजार 265 की चल संपत्ति है. इन्होंने 2010 में अपनी बीए की है. (Rampur Assembly Seat) (himachal assembly election 2022 result)

5 उम्मीदवार मैदान में, 73.25 फीसदी रहा मतदान- रामपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट से अबकी बार 4 राजनीतिक पार्टियों व 5 निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरे थे, लेकिन इनमें से 4 ने अपने नाम वापस ले लिया. इसके बाद अब कांग्रेस के नंदलाल, भाजपा के कौल सिंह नेगी, आम आदमी पार्टी के उदय डोगरा, बीएसपी के देश राज और एक निर्दलीय प्रीतम देव चुनावी मैदान में हैं. रामपुर में अबकी बार 73.25 फीसदी मतदान रहा. यहां पर कुल 76994 मतदाताओं में से 56399 ने मतदान किया. मतदान करने वालों में 29324 पुरूष और 27075 महिलाएं शामिल रहीं. मतदाताओं ने किसको सर आखों पर बिठाया है, यह तो 8 दिसंबर के चुनावी नतीज बताएंगे.

रामपुर सीट का चुनावी इतिहास- 1971 में हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राजत्व मिलने के बाद अब तक हुए 11 विधानसभा चुनाव हुए हैं. इनमें से 10 चुनावों में कांग्रेस जीती है, जबकि एक बार जेएनपी के उम्मीदवार जीता. रामपुर विधानसभा सीट पर 1972 में कांग्रेस के नेक राम को जीत मिली थी. 1977 में हुए चुनाव में जेएनपी के निन्जू राम को विधायक चुना गया. इसके बाद 1982, 1985, 1990, 1993, 1998 और 2003 तक लगातार इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सिंघी राम जीतते रहे. इसके बाद 2007, 2012 और 2017 में यहां कांग्रेस प्रत्याशी नंद लाल ने लगातार तीन बार जीत की हैट्रिक लगाई. (Himachal Pradesh elections result 2022) (Himachal Pradesh poll result)

पिछले चुनाव में 48.23 फीसदी वोट लेकर जीते थे नंदलाल- रामपुर विधानसभा सीट पर साल 2017 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 2017 में कांग्रेस से नंद लाल ने भाजपा के प्रेम सिंह ड्रैक को हराया था. कांग्रेस के नंदलाल को इस चुनाव में 25730 वोट मिले जो कि कुल मतों का 48.23 फीसदी रहा. बीजेपी के प्रेम सिंह ड्रैक को 21,693 वोट मिले, इस तरह वह 40.66 फीसदी मत ले पाए. वहीं तीसरे नंबर पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार सिंघी राम 7.12 फीसदी ले पाए और उनको 3801 वोट मिले. चौथे स्थान पर रहे सीपीएम के उम्मीदवार विवेक कश्यप को 1325 मत यानि 2.48 फीसदी मत मिले. इसके अलावा 504 नोटा पड़े. (Himachal Pradesh elections Exit Polls)(Himachal Pradesh Election date)

ये थे रामपुर से जनता के मुद्दे- रामपुर विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार के विकास ही चुनावी मुद्दे रहे हैं. भाजपा ने जयराम ठाकुर की सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के नाम वोट मांगे हैं. स्थानीय विधायक पर विकास कार्यों को करवाने में नाकाम रहने के आरोप लगाए हैं. विधायक के खिलाफ नाराजगी को भी भुनाने की कोशिश की गई. क्षेत्र में बदहाल सड़कें, स्वास्थ्य संस्थानों और शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की कमी जैसे मुद्दे इस चुनाव में हावी रहे.

जेपी नड्डा, जयराम ठाकुर, प्रतिभा सिंह ने किया चुनावी प्रचार- रामपुर विधानभा क्षेत्र में अबकी बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रचार के लिए खुद पहुंचे. उन्होंने रामपुर में जनसभा कर कौल नेगी के पक्ष में वोट मांगे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कौल नेगी के लिए चुनावी सभा की. कांग्रेस की ओर से प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने रामपुर में रैली की. विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी क्षेत्र में चुनावी प्रचार कर कांग्रेस प्रत्य़ाशी के लिए वोट मांगे.

रामपुर कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर- रामपुर में कांग्रेस व भाजपा के बीच अब सीधी टक्कर है. हालांकि पहले उम्मीदवारों की संख्या अधिक होने से चुनावी समीकरण बड़े स्तर पर बिगड़ने के कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन अब दोनों प्रमुख पार्टियो के दो प्रत्याशियों के बीच ही मुकाबला है. हालांकि अभी भी आप, बीएसपी और एक निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में है. ये तीनों कांग्रेस-भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी कर नुकसान पहुंचा सकते हैं. (Himachal Pradesh Elections videos) (HP election 2022)

भाजपा और कांग्रेस दोनों में भीतरघात की आशंका- रामपुर में कांग्रेस और भाजपा भीतरघात का सामना कर रही है. एक ओर जहां कांग्रेस के विधायक नंदलाल का पार्टी के अंदर भारी विरोध किया जा रहा था, वहीं भाजपा के नेता भी कौल नेगी को अपनाने से इंकार कर रहे थे. पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भाजपा ने यहां से पूर्व प्रत्याशी को भी निष्कासित किया था. हालांकि चुनाव के आखिरी दौर में कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों का खुलकर विरोध नहीं हुआ, लेकिन भीतरघात से यहां इनकार नहीं किया जा सकता. यह भीतरघात दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के समीकरण को बदल सकता है.

क्या विधायक के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को भुना पाएगी भाजपा- रामपुर विधानसभा क्षेत्र पंपरागत तौर पर कांग्रेस का गढ़ रहा है, मौजूदा समय में यहां से नंदलाल कांग्रेस के विधायक हैं. वे लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं और अब चौथी बार चुनावी मैदान में हैं. विधायक के खिलाफ तीन कार्यकाल की एंटीइनकंबैंसी है. भाजपा इस विरोधी लहर पर सवार होकर यहां चुनाव जीतने का सपना देख रही है. वहीं नंदलाल उम्र में ज्यादा है, जबकि कौल नेगी अभी 37 साल के युवा है. भाजपा ने एक युवा प्रत्याशी के सहारे युवाओं का वोट हासिल करने की कोशिश की है. हालांकि कौल नेगी मूलत किन्नौर के हैं, यह फैक्टर उनके लिए नकारात्मक पहलू हो सकता है.

अबकी बार स्व. वीरभद्र सिंह के बिना कांग्रेस की जीत नहीं आसान- कांग्रेस अबकी बार हिमाचल में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के बिना चुनाव लड़ रही है. रामपुर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह का गृह क्षेत्र है. यहां पर स्व. वीरभद्र सिंह के नाम पर ही यहां वोट पड़ते रहे हैं, फिर चाहे उम्मीदवार कोई भी क्यों न रहा हो. हालांकि इस बार परिस्थितयां अलग हैं. अबकी बार कांग्रेस स्व. वीरभद्र सिंह के बिना कांग्रेस चुनाव लड़ रही है. तीन बार लगातार कांग्रेस के नंदलाल चुनाव जीतते आए हैं और उनके खिलाफ नाराजगी भी है. भाजपा इन दो परिस्थितियों में कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने की पूरी कोशिश कर रही है.

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