शिमला: सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना को युवाओं का अच्छा रिस्पांस मिला है. इस योजना के तहत आवेदन की अंतिम तिथि तक एक हजार से अधिक युवाओं ने आवेदन किया है. सरकार ई-टैक्सी के इच्छुक युवाओं को पचास फीसदी अनुदान प्रदान कर रही है. सरकारी विभागों में ई-व्हीकल को बढ़ावा दिया जा रहा है. ई-टैक्सी के लिए आवेदन करने वाले युवाओं को सरकारी विभागों के साथ अटैच किया जाएगा. इससे उन्हें नियमित आय होगी. सरकार को भी लाभ होगा. पेट्रोल और डीजल के खर्च के साथ रखरखाव का खर्च भी कम होगा. साथ ही युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए ई-व्हीकल यूज करने को प्राथमिकता देने का ऐलान किया हुआ है. नए साल में यानी 2024 में कांग्रेस सरकार ने फैसला लिया है कि कोई भी सरकारी विभाग पेट्रोल अथवा डीजल से चलने वाली गाड़ियां नहीं खरीदेगा. ये सारे प्रयास ग्रीन एनर्जी स्टेट के लिए किए जा रहे हैं. बता दें कि नवंबर महीने में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल के बेरोजगार युवाओं के लिए ई-टैक्सी योजना घोषित की थी. राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत युवाओं को ई-टैक्सी खरीद के लिए पचास फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. सरकारी सेक्टर में इस समय 185 ई-व्हीकल हैं. अब राजीव गांधी स्टार्टअप योजना में एक हजार से अधिक युवाओं के आवेदन आए हैं. राज्य सरकार इन आवेदनकर्ता युवाओं की स्क्रीनिंग करेगी. युवाओं को ड्राइविंग टेस्ट देना होगा. साथ ही उनका इंटरव्यू भी लिया जाएगा. पहले चरण में सरकारी विभागों में 500 ई-टैक्सी जोड़ी जाएंगी.
राज्य सरकार के 115 विभागों ने अपने यहां विभिन्न अफसरों के लिए ई-टैक्सी लेने की मंशा जताई है. युवाओं की स्क्रीनिंग आदि की प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभागों को ई-टैक्सी के साथ जोड़ा जाएगा. इस समय सरकार के पास विभिन्न विभागों से सौ से अधिक वाहनों की मांग आ चुकी है. सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक विभाग अपने खर्च कम करने के लिए ई-टैक्सी का प्रयोग करें. इसके लिए विभागों को अपनी डिमांड भेजने को लेकर समय सीमा एक पखवाड़े के लिए और बढ़ाई गई है. उल्लेखनीय है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद भी ई-वाहन से चलते हैं. इसके लिए परिवहन विभाग के सभी अफसर ई-वाहन का प्रयोग करते हैं. परिवहन विभाग में 19 ई-व्हीकल की सेवाएं ली जा रही हैं. इसके अब तक विभाग ने 80 लाख रुपए से अधिक के पेट्रोल और डीजल की बचत की है.
ये भी पढ़ें: बिजली प्रोजेक्ट्स में अपने हक के लिए डटी सुखविंदर सरकार, ज्यादा रॉयल्टी की लड़ाई में सफलता के आसार