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Himachal News: राजीव गांधी स्वरोजगार योजना 2023 शुरू, आत्मनिर्भर बनेंगे हिमाचल के युवा

हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने स्वरोजगार का बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार योजना 2023 की शुरुआत की है. इसके तहत प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Jul 2, 2023, 9:09 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए स्वरोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने ‘राजीव गांधी स्वरोजगार योजना 2023 शुरू की है. इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से हरित क्षेत्र से संबंधित नई परियोजनाओं को प्रोत्साहन प्रदान करना है. स्वरोजगार, स्थानीय उद्यमशीलता और राज्य के मजबूत आर्थिक विकास की परिकल्पना इस योजना में की गयी है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राजीव गांधी स्वरोजगार योजना केवल एक वित्तीय सहायता कार्यक्रम भर नहीं है, यह हिमाचल प्रदेश के समग्र विकास और समृद्धि के लिए उत्प्रेरक का कार्य करेगी. जो लाभार्थियों को सफल उद्यमी बनने और राज्य की प्रगति में योगदान करने के लिए सशक्त बनाएगी. यह योजना निश्चित रूप से स्वरोजगार और उद्यमिता की शक्ति के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के एक उज्ज्वल और हरित भविष्य के निर्माण की परिकल्पना को साकार करेगी.

यह योजना नवीन विचारों, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और एक औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से शुरू की गयी है. इस योजना के माध्यम से 18 से 45 वर्ष की आयु के योग्य युवाओं को नए औद्योगिक उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन, रियायतें और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. महिला आवेदकों को अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट प्रदान की गई है. योजना के तहत बैंक परियोजना लागत का 90 प्रतिशत सावधि या समग्र ऋण के रूप में प्रदान करेंगे, जबकि 10 प्रतिशत व्यय लाभार्थी द्वारा वहन किया जाएगा.

योजना के तहत पात्र आवेदक को प्लांट और मशीनरी या उपकरण के लिए अधिकतम 60 लाख रुपये के निवेश पर 25 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इसके लिए कार्यशील पूंजी सहित कुल परियोजना लागत एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए निवेश सब्सिडी की सीमा 30 प्रतिशत होगी, जबकि महिलाओं एवं दिव्यांगजन लाभार्थियों के लिए यह सीमा 35 प्रतिशत निर्धारित की गई है.

इसी तरह ई-टैक्सी, ई-ट्रक, ई-बस, ई-टेम्पों की खरीद के लिए सभी पात्र श्रेणियों के लिए निवेश सब्सिडी की सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित की गई है. इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट में 10 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड आवंटित किया गया है. योजना के तहत एक परिवार से केवल एक व्यक्ति आर्थिक सहायता का लाभ उठा सकता है.

कैसे मिलेगा योजना का लाभ: इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों को विभागीय वेबसाइट पर एक सामान्य आवेदन पत्र जमा करना होगा. यह योजना राज्य में एक उद्यम आधारित परिवेश स्थापित करने पर केंद्रित है. उद्यमों को बैंक से ऋण की पहली किस्त प्राप्त करने के दो साल के भीतर वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करना आवश्यक है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को हिमाचली प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आयु प्रमाण और प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट जैसे दस्तावेज अपलोड करने होंगे.

राजीव गांधी स्वरोजगार योजना 2023 के माध्यम से सुक्खू सरकार राज्य में उद्यमशीलता को बढ़ावा प्रदान कर रही है. योजना के तहत परियोजना लागत का अधिकांश हिस्सा बैंक प्रदान करेंगे. जबकि लाभार्थी को आंशिक वित्तीय योगदान ही करना होगा. स्वरोजगार और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए राज्य सरकार का लक्ष्य युवाओं को रोजगार प्रदाता बनने के अवसर प्रदान करना है. ताकि वे आर्थिक विकास के साथ-साथ हिमाचल के समग्र विकास में योगदान दे सकें.
ये भी पढ़ें: Himachal Stake In BBMB: चंडीगढ़ पर हिमाचल ने जताई अपनी दावेदारी, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कैबिनेट सब कमेटी बनाई

शिमला: हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए स्वरोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने ‘राजीव गांधी स्वरोजगार योजना 2023 शुरू की है. इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से हरित क्षेत्र से संबंधित नई परियोजनाओं को प्रोत्साहन प्रदान करना है. स्वरोजगार, स्थानीय उद्यमशीलता और राज्य के मजबूत आर्थिक विकास की परिकल्पना इस योजना में की गयी है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राजीव गांधी स्वरोजगार योजना केवल एक वित्तीय सहायता कार्यक्रम भर नहीं है, यह हिमाचल प्रदेश के समग्र विकास और समृद्धि के लिए उत्प्रेरक का कार्य करेगी. जो लाभार्थियों को सफल उद्यमी बनने और राज्य की प्रगति में योगदान करने के लिए सशक्त बनाएगी. यह योजना निश्चित रूप से स्वरोजगार और उद्यमिता की शक्ति के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के एक उज्ज्वल और हरित भविष्य के निर्माण की परिकल्पना को साकार करेगी.

यह योजना नवीन विचारों, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और एक औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से शुरू की गयी है. इस योजना के माध्यम से 18 से 45 वर्ष की आयु के योग्य युवाओं को नए औद्योगिक उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन, रियायतें और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. महिला आवेदकों को अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट प्रदान की गई है. योजना के तहत बैंक परियोजना लागत का 90 प्रतिशत सावधि या समग्र ऋण के रूप में प्रदान करेंगे, जबकि 10 प्रतिशत व्यय लाभार्थी द्वारा वहन किया जाएगा.

योजना के तहत पात्र आवेदक को प्लांट और मशीनरी या उपकरण के लिए अधिकतम 60 लाख रुपये के निवेश पर 25 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इसके लिए कार्यशील पूंजी सहित कुल परियोजना लागत एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए निवेश सब्सिडी की सीमा 30 प्रतिशत होगी, जबकि महिलाओं एवं दिव्यांगजन लाभार्थियों के लिए यह सीमा 35 प्रतिशत निर्धारित की गई है.

इसी तरह ई-टैक्सी, ई-ट्रक, ई-बस, ई-टेम्पों की खरीद के लिए सभी पात्र श्रेणियों के लिए निवेश सब्सिडी की सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित की गई है. इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट में 10 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड आवंटित किया गया है. योजना के तहत एक परिवार से केवल एक व्यक्ति आर्थिक सहायता का लाभ उठा सकता है.

कैसे मिलेगा योजना का लाभ: इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों को विभागीय वेबसाइट पर एक सामान्य आवेदन पत्र जमा करना होगा. यह योजना राज्य में एक उद्यम आधारित परिवेश स्थापित करने पर केंद्रित है. उद्यमों को बैंक से ऋण की पहली किस्त प्राप्त करने के दो साल के भीतर वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करना आवश्यक है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को हिमाचली प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आयु प्रमाण और प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट जैसे दस्तावेज अपलोड करने होंगे.

राजीव गांधी स्वरोजगार योजना 2023 के माध्यम से सुक्खू सरकार राज्य में उद्यमशीलता को बढ़ावा प्रदान कर रही है. योजना के तहत परियोजना लागत का अधिकांश हिस्सा बैंक प्रदान करेंगे. जबकि लाभार्थी को आंशिक वित्तीय योगदान ही करना होगा. स्वरोजगार और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए राज्य सरकार का लक्ष्य युवाओं को रोजगार प्रदाता बनने के अवसर प्रदान करना है. ताकि वे आर्थिक विकास के साथ-साथ हिमाचल के समग्र विकास में योगदान दे सकें.
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